शा. पीसी सेठी अस्पताल का निरीक्षण करते कलेक्टर
शा. पीसी सेठी अस्पताल का निरीक्षण करते कलेक्टर Raj Express
मध्य प्रदेश

Indore : महिला की टीटी फेल, दिया बच्चे को जन्म, कलेक्टर से की शिकायत

Mumtaz Khan

इंदौर, मध्यप्रदेश। कोरोना काल के बाद प्रशासनीक अधिकारी सरकारी अस्पतालों को भूल ही गए थे। इसका असर यह हुआ कि अस्पतालों में बदइंतजामी शुरू हो गई। इसकी पोल तब खुली जब हाल में स्थानांतरित होकर आए कलेक्टर डॉ. इलैयाराज टी द्वारा शासकीय अस्पतालों का औचक निरीक्षण शुरू किया गया। एमटीएच महिला अस्पताल के बाद बुधवार सुबह उन्होंने पीसी सेठी अस्पताल का निरीक्षण किया।

कलेक्टर सुबह 8.20 पर अस्पताल पहुंच गए थे। वो लेबर रूम में पहुंचे, तो वहां आईसीयू में कोई डॉक्टर नहीं मिला, जानकारी ली, बताया कि ड्यूटी चैंज हुई, इसलिए डॉक्टर आने वाले हैं। मरीजों से चर्चा के दौरान उन्हें शिकायत मिली की महिला का टीटी ऑपरेशन फेल हो गया और वो मां बन गई है। इस पर कलेक्टर ने महिला को तुरंत उचित मुआवजा दिलवाने की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ शुरू करने के निर्देश अस्पताल प्रबंधन को दिए।

तो एजेंसी को ब्लैक लिस्टेट कर देंगे :

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने विभिन्न वार्डों में पहुंच कर उपलब्ध सुविधाओं को देखा। मरीजों तथा उनके परिजनों से चर्चा कर उन्हें उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं और शासकीय योजनाओं के लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पताल की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद किया जाए। साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निरीक्षण के दौरान एनआईसीयू में गंदगी नजर आने पर मौके पर मौजूद डॉ. शर्मा से फर्श पर हाथ लगाकर देखने को कहा। धूल मिलने पर नाराजगी जताई और सफाई व्यवस्था देखने वाली एजेंसी के जिम्मेदार को कहा कि आगे से सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिली, तो एजेंसी को ब्लैक लिस्टेट कर दूंगा। उन्होंने अस्पताल के निर्माणाधीन कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

डॉक्टर समय पर पहुंचे, नहीं तो होगी कार्रवाई :

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टॉफ और अन्य कर्मचारी समय पर अस्पताल पहुंचे। निर्धारित समय तक अस्पताल में रूककर अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने मौके पर मौजूद सिविल सर्जन और प्रभारी सीएमएचओ डॉ. प्रदीप गोयल और अस्पताल प्रभारी डॉ. निखिल ओझा को स्पष्ट कहा कि कोई डॉक्टर कितनी भी पहुंचवाला हो, वो समय पर आए, नहीं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने डॉक्टर्स को हिदायत दी कि सभी पात्र मरीजों को पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध कराए। सभी जांच की सुविधा अस्पताल में सुचारू रूप से चलती रहे। उन्होंने शासकीय योजनाओं का लाभ भी सभी पात्र प्रसूता महिलाओं और अन्य मरीजों को समय पर देने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल के कायाकल्प का काम करने वाली एजेंसी को कार्य में देरी पर नोटिस देने के निर्देश भी दिए।

साहब मेरे बच्चा इलाज समय पर नहीं मिला :

कलेक्टर ने अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों से भी चर्चा की। इस दौरान एक व्यक्ति जो अपने आप को विधायक प्रतिनिधि बता रहा था ने कहा कि उनके बच्चे को अस्पताल में समय पर सही इलाज नहीं मिला। इस पर जानकारी ली और अस्पताल प्रभारी से समस्या हल करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने अस्पताल के पिछले हिस्से में मौजूद अतिक्रमण हटाने को कहा और मौके से ही एसडीएम को फोन लगाया। अतिक्रमण हटने के बाद अस्पताल को नगर निगम की ओर से फायर एनओसी मिल जाएगी। वर्तमान में अस्पताल में पिछली तरफ से अस्पताल पहुंचने का रास्ता न होने के कारण फायस एनओसी अटकी हुई है।

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