वायरल वीडियो में आरोपों के बाद पुलिस का वीडियो रिलीज।
वायरल वीडियो में आरोपों के बाद पुलिस का वीडियो रिलीज।  Neelesh Singh Thakur – RE
मध्य प्रदेश

इंदौर : अब पुलिस ने बताया वो साक्षी शर्मा नहीं समरीन बानो है!

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • लावारिस कुत्तों की मदद या कुछ और?

  • आसरा देने वाली युवती कौन है?

  • सोशल मीडिया का दुरुपयोग!

  • पुलिस ने किया राजफाश!

राज एक्सप्रेस। मिनी बॉम्बे इंदौर में सोशल मीडिया पर इन दिनों जमकर स्क्रिप्ट्स लिखी जा रही हैं। अंडे का ठेला लगाने वाले बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एकाएक लावारिस कुत्तों की मसीहा बनकर उभरी एक युवती के वायरल वीडियो मामले में नया ट्विस्ट आ गया है।

कहानी अब तक –

दरअसल इंदौर में सड़क किनारे अंडा बेचने वाले पारस का ठेला पलटाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने भी उसकी आर्थिक मदद करने सोशल मीडिया के जरिये प्रयास किये।

इस वीडियो की सार्थक और अपार सफलता के बाद सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर इंदौर की युवती से जुड़ा एक मार्मिक वीडियो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में वो पुलिस को दुत्करती और धिक्कारती नजर आई। आप-बीती में उसने बताया कि घर में 40 आवारा कुत्तों को आश्रय देने के उसे क्या परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं।

पुलिस पर आरोप -

वायरल वीडियो में युवती ने तिलक नगर थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उसका दावा है कि कुछ दिन पहले जब उसका हाथ और मोबाइल तोड़ा गया था तब भी उसने वीडियो वायरल किया था! युवती की मानें तो शिकायत करने पर पुलिस मदद करने के बजाए परेशान और प्रताड़ित कर रही है।

युवती के पहले वीडियो वाले आरोपों को जानने के लिए इस आर्टिकल पर क्लिक करें -इंदौर : लावारिस कुत्तों का सहारा युवती का दर्द सोशल मीडिया पर क्यों छलका

आखिरी वीडियो –

कुल 9 मिनट कुछ सेकंड के वीडियो में युवती का दावा है कि इंदौर में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है। अकेली लड़की यहां सुरक्षित नहीं है। तिलक नगर पुलिस उसको आत्महत्या के लिए विवश कर रही है।

युवती वीडियो में कहती नजर आ रही है कि है यदि उसके साथ कोई बुरी घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेदार पुलिस होगी। युवती ने तिलक नगर पुलिस पर इलाके में ड्रग्स सप्लाई और अन्य अनैतिक धंधों को पनाह देने का तक आरोप वायरल वीडियो में लगाया है।

किस अकाउंट से जारी? -

टेड द स्टोनर (tedthestoner) नाम के यूजर ने इसे अपने अकाउंट से शेयर कर युवती की पीड़ा को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों तक पहुंचाने की अपील की है। जारी वीडियो के विवरण में उल्लेख है कि वीडियो में दिख रही पीड़ित साक्षी शर्मा है।

हालांकि इस वीडियो को शेयर करने वाले ने यह भी हवाला दिया है कि यह एक पक्षीय कहानी है। इसलिए बगैर प्रमाण और पुलिस का पक्ष जाने पुलिस से घृणा न करें। स्वतंत्र जांच में ही इसकी सच्चाई का पता चल सकता है।

अपील का असर -

यूजर ने पत्रकारों, राजनेताओँ और उच्च पुलिस अधिकारियों से मामले को संज्ञान में लेने और समस्या का निदान ढूंढ़ने में मदद की अपील की है। मीडिया ने भी अपने प्रयास किये जबकि पुलिस अधिकारियों ने भी मामले को संज्ञान में लिया।

अब आया पुलिस का वीडियो –

मामले में अब सोशल मीडिया यूट्यूब के डेली न्यूज कैप (Daily News Cap) नाम के एक अकाउंट पर पुलिस अधिकारी ने पुलिस का पक्ष रखा है। पुलिस ने मामले में जो बात बताई है उससे वायरल वीडियो वाली पीड़ित का कुछ और ही चेहरा सामने आया है।

वो कुत्तों को मारती है! – पुलिस के वायरल वीडियो में पुलिस अधिकारी ने पीड़ित के आरोपों को निराधार और एकतरफा बताकर खारिज कर दिया। पुलिस ने दिन और दिनांक वार कार्रवाई की जानकारी भी पेश की। कहा कि वायरल वीडियो वाली पीड़ित को जान को खतरा नहीं है। जबकि पुलिस ने बताया कि पीड़ित साक्षी शर्मा ने चौकीदार रतिराम को फंसाने की भी धमकी दी थी।

साक्षी नहीं है उसका नाम! – पुलिस अधिकारी ने दावे के साथ बताया कि वायरल वीडियो में सहानुभूति का केंद्र बनने वाली अपना नाम बदल-बदल कर रहती आई है। उसका नाम साक्षी शर्मा नहीं बल्कि समरीन बानो, पिता दिलशाद सिद्दीकी है। मूल रूप से यह मेरठ की रहने वाली है।

कई थानों से नाता! – पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंदौर में फिलहाल यह साक्षी शर्मा के नाम से रह रही है। उन्होंने कहा कि साक्षी उर्फ समरीन के नाम पर मकान मालिक नीतीश कुमार त्रिपाठी ने एरोड्रम थाना में 30 हजार रुपया किराया न देने की शिकायत की थी।

मोहल्ले वाले परेशान! – पुलिस अधिकारी का दावा है कि वायरल वीडियो वाली साक्षी शर्मा से मोहल्ले वाले परेशान हैं। पुलिस को लोगों ने बताया है कि वह कुत्तों को मारती है। कुत्ते खुले में घूमते हैं तो लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

हथियार सोशल मीडिया! – पुलिस अधिकारी का कहना है कि साक्षी उर्फ समरीन ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग नाम से अकाउंट बनाए हैं जिनकी पड़ताल की जा रही है। मामला जांच का विषय है। साथ ही पुलिस अधिकारी ने इंदौर की कानून व्यवस्था पर दृढ़ विश्वास रखने की भी बात कही।

साथ ही ऐसे किसी वीडियो में निर्णय लेने से पहले सतर्कता पूर्वक विचार करने की भी अपील इंदौर पुलिस ने की है। वीडियो में देखें मामले में पुलिस का क्या कहना है।

फिर सच क्या है? –

पुलिस के वीडियो के साथ ही साक्षी उर्फ समरीन का दूसरा वीडियो सोशल मीडिया पर आया लेकिन इस बार शिकवे-शिकायतें थोड़ी कम लेकिन देश समाज की दिक्कतों पर चर्चा जरा ज्यादा है। इस बार न तो कमेंट मिले हैं न ही लाइक। अब क्या है कहना देखें दूसरा वीडियो -

परेशानी का सबब –

जब से सोशल मीडिया पर विचार प्रकट करने की आजादी हासिल हुई है, तब से इसके दुरुपयोग के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। सार्वजनिक विचार रखने में क्या सावधानियां रखना चाहिए, उसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं यह जाने बिना पब्लिक के बीच विचार साझा करना खतरनाक हो सकता है।

आरोप-प्रत्यारोप के इस नए दौर में बतौर जिम्मदार मीडिया हमारी परेशानी यह है कि सोशल डिस्टेंसिंग के कारण हम चाहकर भी दोनों पक्षों से चर्चा नहीं कर पा रहे।

एक के बाद एक तड़ातड़ जारी हो रहे वीडियो में आरोपों पर सतर्कता से विचार करें। क्योंकि आपकी सहानुभूति किसी की परेशानी, लापरवाही, बचकानी हरकत या फिर ब्लैकमेलिंग भी हो सकती है।

पुलिस को भी मामले में गहराई से पड़ताल कर दोषियों (पुलिस अधिकारी या वीडियो वायरल करने वालों) पर कार्रवाई करना चाहिए ताकि समाज के सामने एक मिसाल पेश हो सके।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल सोशल मीडिया पर प्रचलित वीडियो पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक जोड़े गए हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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