स्टार्ट अप में इनोवेशन सबसे बड़ा हथियार: जनसंपर्क आयुक्त पी.नरहरि
स्टार्ट अप में इनोवेशन सबसे बड़ा हथियार: जनसंपर्क आयुक्त पी.नरहरि  Social Media
मध्य प्रदेश

स्टार्ट अप में इनोवेशन सबसे बड़ा हथियार: जनसंपर्क आयुक्त पी.नरहरि

Rishabh Jat

राज एक्सप्रेस। जनसंपर्क आयुक्त पी. नरहरि ने सेमिनार में मैनेजमेंट विषय पर कहा कि, मीडिया मैनजमेंट को बोरिंग सब्जेक्ट की बजाय इनोवेटिव रूप में लेना चाहिए। मीडिया बिजनेस को प्रबंधन से जोड़ते हुए नरहरि ने कहा कि, इससे मिनिमन रिसोर्स के साथ मैक्सिमम आउटपुट मिलता है। मीडिया बिजनेस रणनीति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज के दौर की फिल्में रीलिज होने से पहले ही डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से अपनी अधिकतर कमाई कर लेती हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने विद्यार्थियों से पी.नरहरि के जीवन से शिक्षा लेने की बात कही।

इस दो दिवसीय सेमीनार के दौरान हाउस जर्नल मैगजीन "मीडिया क्रॉनिकल" न्यूज कैप्सूल “ज्ञानवाणी “ एवं विभागीय मासिक पत्रिका “संवाद कुंज” एवं हाउस जर्नल मैगजीन “कार्पोरेट कम्युनीश ” का भी विमोचन भी किया गया। जो की मीडिया प्रबंधन के विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गयी हैं।

हाउस जर्नल मैगजीन "मीडिया क्रॉनिकल" का विमोचन आईपीएस अनुराधा शंकर, कुलपति दीपक तिवारी द्वारा किया गया।

सेमिनार का एक सत्र ई-कामर्स आंत्रप्रेन्योरशिप पर भी रहा। ई- कामर्स युनिवर्सिटी डॉट कॉम के डायरेक्टर मुनीश अली ने कहा कि हमें नकल नहीं करना, बल्कि अपनी पहचान खुद बनाना चाहिए । ई-कामर्स आंत्रप्रेन्योरशिप विषय पर बोलते हुए कहा कि, कभी भी किसी के पास जाकर कुछ भी पूछने से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि, किसी भी स्टार्टअप के असफल होने पर हमें निराश नहीं होना चाहिए।

अगले सत्र में लेखक एवं थियेटर आर्टिस्ट संजय शर्मा ने कहा कि, आप सीखने के लिए तैयार रहे। उन्होंने विद्याथियों को विश्वविद्यालय का ब्रांड एंबेसेडर बताते हुए कहा कि, ट्रस्ट इस द ट्रम्प कार्ड। शर्मा ने कहा कि, आपके संचार में प्रभाव होना चाहिए। कंटेन्ट पर बोलते हुए उन्होंने कहा वह बहुत ही प्रभावशाली होने के साथ ही स्पष्ट पर भी होना चाहिए। कार्पोरेट सेक्टर में इन्टेंशन पर भी उन्होंने बहुत सारगर्भित बात कही। इसके साथ उन्होंने कहा, आपकी परिपक्वता, समझ, सीख ही कार्पोरेट में आपके पद (स्टेटस) को निर्धारित करती है।

दूसरे सत्र में मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के डायरेक्टर आलोक चटर्जी ने कहा कि अभावों में जिसने जीना सीख लिया वह विश्वविजेता होगा। विश्वविद्यालय को अपनी मां बताते हुए उन्होंने कहा कि, किसी भी कार्य के प्रति समर्पण होना जरुरी है। इसी के साथ दैनिक भास्कर डिजिटल के डिप्टी एडीटर कमलेश माहेश्वरी ने कहा कि मार्केट को पहचानना जरुरी है और यही मैनेजमेंट है। उन्होंने विभिन्न प्रकार के एप्प से बारे में चर्चा करते हुए कहा कि आज ये हमारी जिंदगी को कंट्रोल कर रहे हैं। सेमीनार के समापन अवसर कुलाधिसचिव डॉ. श्रीकांत सिंह, विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश वाजपेयी एवं विभाग के विद्यार्थी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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