पहली बार एक साथ किया गया परीक्षण
पहली बार एक साथ किया गया परीक्षण Deepika Pal - RE
मध्य प्रदेश

जबलपुर की उपलब्धि:धनुष और सारंग के परीक्षण के साथ बढ़ी सेना की ताकत

Author : Deepika Pal

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के नाम एक और उपलब्धि लगी है जहां पर भारतीय सेना की धनुष तोप और सारंग गन का शुक्रवार को लॉन्ग प्रूफ रेंज खमारिया में एक साथ परीक्षण किया गया। इस परीक्षण के साथ यह पहला मौका है जहां धनुष तोप से फायरिंग की गई। इस परीक्षण से पहले बीते 21 जनवरी को गन कैरिज कारखाने में तैयार की गई सारंग तोप का परीक्षण किया गया था। इस ऐतिहासिक अवसर पर नई दिल्ली से आए डॉयरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस लेफ्टिनेंट जनरल संजय चौहान भी मौजूद रहे जिनकी उपस्थिति में धनुष तोप और सारंग गन का शक्ति परीक्षण किया गया। वही इस दौरान ऑडनेंस फैक्ट्री खमरिया व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर और गन कैरिज फैक्ट्री के आला अधिकारी की भी मौजूदगी रही।

भारतीय सेना की बढ़ी ताकत

इस परीक्षण के बाद भारतीय सेना को अब तक 6 धनुष तोप और 8 सारंग गन सौंपी जा चुकी हैं जिसके साथ भारतीय सेना की ताकत में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं अनुमान सामने आ रहा है कि, जबलपुर में धनुष तोप का उत्पादन और परीक्षण होने से करीबन सालाना तौर पर 100 करोड़ रूपए से अधिक बचत हुई है। बता दें कि पिछले साल अप्रैल महीने में कारखाने में निर्मित धनुष तोप की एक खेप भेजी जा चुकी है जो भारत सरकार के रक्षा उत्पादन सचिव डॉ अजय कुमार की मौजूदगी में भारतीय सेना को सौंपी गई थी।

धनुष तोप का पहले भी हो चुका है परीक्षण

बता दें कि, शहर में परीक्षण होने से पहले धनुष तोप का राजस्थान के पोखरण और उड़ीसा के बालासोर सहित अन्य स्थानों पर परीक्षण किया गया था। वहीं धनुष तोप की उपयोगिता बोफोर्स से भी अधिक है जो बोफोर्स का स्वदेशी संस्करण माना जा रहा है, जिसके निर्माण का कार्य 2011 से शुरू होकर 2014 में पूरा हो गया था और लगातार 4 साल से इसका परीक्षण जारी था।

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