अवैध पदोन्नति से सीएमओ बने राममिलन को जेडी ने बनाया सफाई दरोगा
अवैध पदोन्नति से सीएमओ बने राममिलन को जेडी ने बनाया सफाई दरोगा Shrisitaram Patel
मध्य प्रदेश

अनूपपुर : अवैध पदोन्नति से सीएमओ बने राममिलन को जेडी ने बनाया सफाई दरोगा

Shrisitaram Patel

हाइलाइट्स :

  • सरकार ने सीएओ पद से हटाया, जेडी ने बनाया स्वच्छता निरीक्षक

  • मंत्री हठ बरकरार, रिश्वतखोर सीईओ अभी भी पद पर

  • जैतहरी सीएमओ निपटे, अब सीईओ का इंतजार

अनूपपुर, मध्य प्रदेश। जैसे-जैसे विधानसभा नजदीक आते जा रहे हैं, जिले की राजनीति नये मोड़ लेती नजर आ रही है, सफाई दरोगा से अवैध पदोन्नति लेकर सीएमओ तक पहुंचे राममिलन को आखिरकार प्रदेश सरकार ने सीएमओ से हटाया तो, डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हे सफाई दरोगा तक पहुंचा दिया, लेकिन जैतहरी में आज भी रिश्वतखोर सीईओ जनपद के कुर्सी पर इसी तरह की जुगाड से काबिज है, जिस पर गाज गिरना अभी बाकी है।

रूपयों और जुगाड़ के दम पर सफाई दरोगा से मुख्य नगरपालिका अधिकारी तक का सफर तय करने वाले राममिलन तिवारी की जांच और उसके इस गोलमाल कारनामें की अंतिम स्क्रिप्ट खुद उसी मकबूल खान संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग शहडोल ने लिखी, जो कभी इसी सीएमओ के साथ मिलकर अनूपपुर में जैतहरी नगर परिषद की फर्जी नियुक्ति के सूत्रधार बने थे। बुधवार को संयुक्त संचालक ने मध्यप्रदेश शासन के आदेश का हवाला देते हुए राममिलन तिवारी को कार्यमुक्त का आदेश दे दिया गया, इस पत्र में संयुक्त संचालक मकबूल खान ने लिखा कि शासन द्वारा जारी आदेश की कंडिका (4) का पालन करते हुए राममिलन तिवारी को तत्काल प्रभाव से मूल पद सफाई दरोगा पर कार्यमुक्त किया जाता है और तत्काल प्रभाव से अनूपपुर में पदस्थ नगर पालिका अधिकारी हरिओम वर्मा को जैतहरी नगर पालिका का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है।

अवैध पद परिवर्तन से बने थे सीएमओ :

बीते दिवस तक अनूपपुर में राममिलन तिवारी जैतहरी नगर पालिका के साथ कोतमा नगरपालिका के सीएमओ को अतिरिक्त प्रभार लिये हुए बैठे थे, यही नहीं बीते माहों में तो उनके पास अनूपपुर नगरपालिका का भी प्रभार था, जैतहरी सहित कोतमा नगर पालिका के अध्यक्ष और परिषद को किनारे कर मनमानी करने का खामियाजा उन्हे आखिर भुगतना ही पडा। राज्य शासन ने 23 सितंबर को दिये आदेश में जहां उन्हे प्रभारी नगर पालिका अधिकारी के पद से छुट्टी देेते हुए नगर परिषद जैतहरी में वर्ग-1 के पद पर अटैच कर दिया, इस आदेश के कुछ घंटो के अंदर ही नगरीय एवं विकास विभाग शहडोल के संयुक्त संचालक मकबूल खान ने भी पूर्व में की गई जांच का हवाला देते हुए राममिलन तिवारी के अवैध पद परिवर्तन सहायक ग्रेड-3, अवैध पदोन्नति सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-1 से उन्हे नीचे खसकाते हुए इन पदों से कार्यमुक्त कर दिया गया और उन्हें इन तीनों पदों से किनारे करते हुए सफाई दरोगा के मूल पद तक पहुंचा दिया गया।

इधर जनपद में भी बैठे जुगाड़ के सीईओ :

जैतहरी में नगर परिषद में प्रभारी सीएमओ का राज तो प्रदेश सरकार ने आखिर कार खत्म कर आम लोगों को राहत दे दी, लेकिन जैतहरी जनपद में पदस्थ 85 ग्राम पंचायतों के मुखिया इमरान सिद्विकी पर प्रशासन की कार्यवाही कब होती है यह देखना बाकी है। गौरतलब है कि मोबाइल पर अकाउंट बताकर खाते में रिश्वत लेने के साथ ही एसटीएसी एक्ट के आरोपी इमरान सिद्दिकी उच्च न्यायालय से जमानत लेकर फिर से पंचायतों में वसूली का खेल खेल रहे है, जिस कारण निचले स्तर पर कथित सीईओ और प्रदेश सरकार के साथ ही स्थानीय पूर्व विधायक बिसाहूलाल सिंह को लेकर आमजनों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है, यदि समय रहते, सरकार ने सिद्दिकी पर गाज नहीं गिराई तो इसका खामियाजा उपचुनावों में भुगतना पड़ सकता है।

ऐसे था राममिलन का खेल :

16 फरवरी 1987 में राममिलन तिवारी जयसिंह नगर निकाय में सफाई दरोगा के पद पर पदस्थ हुए थे, 16 जून 1992 को इनका स्थानांतरण नगर परिषद अमानगंज जिला पन्ना के लिए हुआ था, 6 जुलाई को उन्होंने पदभार ग्रहण किया और 13 वर्षो तक इसी पद पर रहने के बाद 10 अगस्त 2005 को तत्कालीन उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर एन.के. जैन के माध्यम से इनका पद परिवर्तित हो गया और इस खेल में व्ही.एस. त्रिवेदी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, अमानगंज, अशोक शुक्ला आदि ने अपनी भूमिका निभाते हुए प्रस्ताव बनाकर स्वच्छता पर्यवेक्षक की स्वच्छता संवर्ग से लिपकीय संवर्ग वर्ग-3 पद पर पद परिवर्तन की अनुशंसा की। प्रेसीटेंड इन कांउसिल ने संकल्प पारित किया और श्रीमान का पद परिवर्तित हो गया। जुगाड़ के खेल में माहिर राममिलन तिवारी लिपकीय संवर्ग में सहायक ग्रेड-3 के पद से 9 अगस्त 2007 को नगर पंचायत अमानगंज की प्रेसीटेंड इन कांउसिल की संकल्प से पदोन्नति पाकर सहायक ग्रेड-2 में पहुंच गये, इसके लिए पुन: एन.के. जैन, के.पी. त्रिपाठी, वीरेन्द्र सिंह आदि ने अनुंशसा पत्र पर हस्ताक्षर किये, जबकि मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 के मध्यप्रदेश नगरपालिका सेवा (वेतनमान एवं भत्ता) नियम 1967 में स्पष्ट प्रावधान है कि उच्च श्रेणी लिपिक के लिए निम्र श्रेणी लिपिक को 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए, लेकिन इस किनारे करते हुए दो वर्षो में ही अनुमोदन कर पदोन्नति दे दी गई। रूपयों और जुगाड़ के दम पर अधिनियम को अपने हिसाब से तोड-मरोड कर लागू करने व करवाने में माहिर राममिलन तिवारी का सफर यही नहीं रूका, 16 अक्टूबर 2007 को वर्ग-3 से वर्ग-2 में पदोन्नति पाने वाले सफाई दरोगा ने नगर पंचायत अमानगंज की प्रेसीडेंट इन कांउसिल को मोहरा बनाते हुए 2 नवंबर 2015 को प्रस्ताव पारित कराकर खुद की पदोन्नति वर्ग-2 से वर्ग-1 में करवा ली। इस खेल में भी एन.के. जैन, एच.एन. चौबे, ओ.पी. दुबे जैसे पुराने खिलाड़ी शामिल थे।

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