आदिवासियों के अपमान का सवाल चर्चा में
आदिवासियों के अपमान का सवाल चर्चा में Social Media
मध्य प्रदेश

आदिवासियों के अपमान का सवाल चर्चा में, पूर्व सरकार आई कटघरे में

Author : Priyanka Yadav

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा भील जनजाति के अपमान का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि, अब नया विवाद फिर सामने आ गया है। आपको बता दें कि, आदिवासियों को लेकर एक के बाद एक अपमान के मामले सामने आ रहे हैं। अब नया विवाद फिर सामने है मध्यप्रदेश सरकार की पुस्तक मे आदिवासी समाज का फिर अपमान हुआ है। इस बार विवाद के केंद्र मे मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाली हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक है। मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक में आदिवासियों का अपमान हुआ है।

आइये जानें क्या है मामला

मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाली हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान कोश मे एक सवाल के जवाब मे आदिवासियों का अपमान किया गया है पेज नंबर 205 पर खेलकूद के चैप्टर मे एक सवाल पूछा गया कि, मप्र के खेलों के पिछड़ने के क्या-क्या कारण हैं तो जवाब मे 11 बिंदु दिये गये हैं, जिसमें पहला बिंदु ही यह है कि प्रदेश में जनजाति आबादी का ज्यादा होना, यह उत्तर ही गलत है क्योंकि आदिवासी समाज एथलीट शरीर का होता है और देश भर मे हिना दास सहित कई खिलाड़ियों ने देश के लिए पदक जीते हैं ऐसे मे आदिवासियों का यह अपमान अभी तक सार्वजनिक नही हुआ है।

पूर्व सरकार आई कटघरे में

आपको बताते चलें कि पूर्व सरकार इस मामले में कटघरे में आई गयी है, क्योंकि सन 2018 के इस किताब के अंक में यह जबाव दिया गया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जयभान सिंह पवैया मंत्री थे उनके कार्यकाल में इस।किताब का प्रकाशन हुआ था।

एमपीपीएससी कर चुकी है अपमान

आपको बता दें कि 12 जनवरी मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में दिए गए प्रश्न से भील समुदाय नाराज थे। MPPSC की परीक्षा में भील जनजाति को लेकर किए गए ए‍क सवाल पर बवाल मच गया था, सोशल मीडिया पर इसे लेकर जिम्मेदारों पर FIR दर्ज करने की मांग उठने लगी थी।

परीक्षा में भील जनजाति को लेकर दिया गया था गद्यांश

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भील जनजाति को लेकर एक गद्यांश दिया गया था इसके आधार पर कई सवाल पूछे गए थे, गद्यांश के आधार पर प्रश्न पूछा गया और बताया गया कि- भील जनजाति शराब के अथाह सागर में डूबती जा रही है। समाज के लोग गैर वैधानिक और अनैतिक कामों में संलिप्त हो जाते हैं। भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का कारण देनदारियों को पूरा न करना है। भील की आर्थिक विपन्नता का कारण आय से अधिक खर्च करना है।

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MPPSC परीक्षा आयी सवालों के घेरे में, भील समुदाय ने जताई आपत्ति

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