Jiwaji University
Jiwaji University  RE-Gwalior
मध्य प्रदेश

Jiwaji University : 8 मई को होगी ईसी की बैठक, बीएड कॉलेजों को सम्बद्धता देने सांठगांठ शुरू

Manish Sharma

ग्वालियर। 8 मई को जीवाजी विश्वविद्यालय ( Jiwaji University ) में कार्यपरिषद की बैठक सुबह 11 बजे से होगी। बैठक की तैयारियों को लेकर अवकाश वाले दिन कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी, रेक्टर प्रो.डीएन गोस्वामी और कुलसचिव डॉ.आरके बघेल विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां सभी अधिकारियों ने मिलकर बीएड कॉलेजों (BEd Colleges) की सम्बद्धता पर मंथन किया और अंत में एजेंडा फाइनल किया। जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 8 मई को कार्यपरिषद की बैठक आयोजित कराने का निर्णय लिया है।

इस बैठक में बीएड कॉलेजों से प्राप्त शिक्षकों की रिपोर्ट और सामान्य कोर्स वाले कॉलेजों को सम्बद्धता देने के लिए स्थायी समिति की अनुशंसा को रखा जायेगा। बैठक में कार्यपरिषद सदस्य हंगामा नहीं करें, इससे बचने के लिए शनिवार को अवकाश वाले दिन विश्वविद्यालय खुला। कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी, रेक्टर प्रो.डीएन गोस्वामी और कुलसचिव डॉ.आरके बघेल विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां सभी अधिकारियों ने बीएड कॉलेजों की सम्बद्धता पर मंथन किया, साथ ही यह बैठक में हंगामा न हो इससे बचने के लिए रणनीति भी तैयार की।

197 में से सिर्फ 55 कॉलेजों ने दी जानकारी

28 अप्रैल को हुई कार्यपरिषद (Executive Council ) की बैठक में फैसला लिया गया था कि बीएड महाविद्यालय संचालक 28/17 के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के नाम एवं उनको प्रदान किये जा रहे वेतन का पिछले तीन माह का बैंक स्टेटमेंट और आधार कार्ड की प्रमाणित प्रति 30 अप्रैल तक जेयू के डीसीडीसी कार्यालय में जमा करायें। इसके बाद अशासकीय कॉलेज महासंघ के द्वारा दस्तावेज जमा करने के लिए समय में वृद्धि की मांग थी। जेयू ने द्वितीय अवसर देते हुए 3 मई तक का समय दिया। उसके बाद भी अब तक 197 बीएड महाविद्यालयों में से सिर्फ 55 महाविद्यालय ने ही शिक्षकों की आधी-अधूरी जानकारी विश्वविद्यालय के डीसीडीसी कार्यालय में जमा की है। 

इधर, ईसी मेम्बरों को साधने का प्रयास शुरू

बीएड कॉलेजों की सम्बद्धता देने पर कार्यपरिषद सदस्य डॉ.विवेक सिंह भदौरिया, डॉ.शिवेन्द्र सिंह राठौर, डॉ.संगीता कटारे, सेवंती भगत, संजय यादव और प्रदीप शर्मा ने नॉट ऑफ डिसेंट लगाया है। अब महाविद्यालय संचालक नॉट ऑफ डिसेंट लगाने वाले ईसी मेम्बरों को साधने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने जो शिक्षकों की जानकारी मांगी है उसे सत्र 2024-25 या यूं कहें आगामी सत्र से लागू किया जाए। हालांकि इसकी पूरी संभावना है कि अगले सत्र से लागू करने का प्रयास किया जाएगा। 

यह है सवाल

  • क्या बिना शिक्षकों वाले महाविद्यालयों को मिलेगी सम्बद्धता ?

  • क्या 197 कॉलेजों में से सिर्फ शिक्षकों की जानकारी देने वालों को मिलेगी सम्बद्धता ?

  • क्या शिक्षकों के आधे-अधूरे दस्तावेज जमा कराने वालों की कम होगी सीट संख्या ?

  • क्या ईसी मेम्बर तैयार होंगे बिना शिक्षकों वाले कॉलेजों को सम्बद्धता देने पर ?

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