मध्य प्रदेश, भारत। इस साल एक बार फिर कोरोना के आंकड़े लगातार बढ़ने लगे हैं। देश में दूसरी लहर ने जम कर आतंक मचाया था। वहीं, अब ऐसा लग रहा है कि, तीसरी लहर ने जैसे दस्तक दे दी हो। क्योंकि, देशभर में अब एक बार फिर कोरोना का आंकड़ा 1-2 लाख के पार पहुंच गया है। कोरोना किसी बड़े दिग्गज नेता और अभिनेता को देख कर नहीं होता, यह किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। पिछले दिनों कई बड़े नेता और अभिनेता इसकी गिरफ्त में आचुके हैं। वहीं, आज ही मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बाद MP के ही 2 और मंत्रियों के कोरोना से संक्रमित होने की खबर सामने आई है।
2 मंत्री और पाए गए संक्रमित :
दरअसल, पिछले साल के अंत तक कोरोना के मामलों में काफी गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन इस साल की शुरुआत से एक बार फिर कोरोना और नए वेरिएंट्स के बढ़ते मामलों ने लोगों की परेशानियां बढ़ाना शुरू कर दी हैं। इस बार बड़ी मात्रा में कई दिग्गज लोग कोरोना की चपेट में आरहे हैं। इस साल में अब तक कई बड़े मंत्री संक्रमित पाए जा चुके हैं। आज गुरुवार को ही प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) और तुलसी कुमार सिलावट (Tulsi Kumar Silavat) भी पॉजिटिव पाए गए हैं। इन मंत्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही वे लगातार डॉक्टर्स के संपर्क में हैं। उन्होंने अपने संक्रमित होने की जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर दी है। कमल पटेल और तुलसी कुमार सिलावट ने ट्वीट कर लिखा,
मेरी आरटीपीसीआर रिर्पोट पॉजिटिव आई है, मेरे शुभचिंतक चिंतित न हों मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं और कोरोना के लक्षण भी महसूस नहीं कर रहा हूं। मुझसे संपर्क में आए सभी लोगों से मेरा आग्रह है कि आप कोरोना नियमों का पालन करें और अपनी जांच अवश्य करवा लें।कमल पटेल
कोरोना के प्रारंभिक लक्षण लगने पर डॉक्टरों के परामर्श पर कराई गई कोविड-19 की जाँच में मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आप से मेरा निवेदन है कि पिछले कुछ दिनों में जो भी मेरे सम्पर्क में आएं हैं, वो सभी निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपनी जाँच करवायें एवं कोविड नियमों का पालन करें।तुलसी कुमार सिलावट
अधिकारियों ने बताया :
मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि, 'जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए कुछ प्रतिबंध और बढ़ाए जा सकते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ को एकत्र होने से रोकने के लिए सख्ती बढ़ाई जा सकती है। वहीं, पहली से आठवीं तक के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पर रोक लगाने पर भी विचार किया जा सकता है। बैठक में रोको-टोको अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में आपदा प्रबंधन समूह की सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए जा सकते हैं।'
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