तकनीकी स्टॉफ की कमी से चरमरा रही बिजली कंपनी की व्यवस्थाएं
तकनीकी स्टॉफ की कमी से चरमरा रही बिजली कंपनी की व्यवस्थाएं Raj Express
मध्य प्रदेश

ग्वालियर: तकनीकी स्टॉफ की कमी से चरमरा रही बिजली कंपनी की व्यवस्थाएं

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। बिजली कंपनी में नियमित स्टॉफ की कमी वर्षों से खल रही है। कारण स्पष्ट है कि कंपनी प्रबंधन ने भर्ती नहीं की है। जो नियमित कर्मचारी सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं उनकी जगह ठेके के कर्मचारियों को भर्ती किया जा रहा है जिससे कंपनी में अब अप्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की बेहद कमी हो गई है जिसके कारण कंपनी की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं।

बताया जाता है कि बिजली कंपनी का शीर्ष प्रबंधन हमेशा कंपनी के छोटे अधिकारियों से नाखुश नजर आया है लेकिन कभी शीर्ष प्रबंधन ने इस बात का बारीकी से अध्ययन नहीं किया कि इन छोटे अधिकारियों जिनमें कनिष्ठ व सहायक यंत्री शामिल हैं उनकी क्या मजबूरी है। परिणाम यह होता है कि गलती सिस्टम की होती है तथा खामियाजा इन छोटे अधिकारियों व कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।

नियमित भर्ती का मामला कंपनी स्तर का है। उम्मीद है कंपनी जल्द ही इस मामले को सुलझा लेगी।
जीके भरदया, मुख्य महाप्रबंधक, ग्वालियर रीजन, मक्षे विद्युत वितरण कंपनी, ग्वालियर

इस प्रकार कंपनी का धन होता बर्बाद

  1. लाइनों के मेंटेनेंस के लिए एबी स्विच की जरूरत होती हैं लेकिन कंपनी प्रबंधन पूरा एबी स्विच ही खरीद लेता है जिससे कंपनी पर अत्यधिक वित्तीय भार आता है।

  2. मेन्टीनेंस के लिए डीओ के एलीमेंट की जरूरत पड़ती है लेकिन पूरा डीओ सेट ही खरीद लिया जाता है जिससे भी वित्तीय भार आता है।

  3. कंपनी के एरिया स्टोरों में रखी हजारों बेटरियों का गारंटी पीरियड रखे-रखे ही निकल गया लेकिन उनका उपयोग नहीं हो सका जिससे कंपनी के धन की बर्बादी होती है।

  4. कंपनी में जो ट्रांसफार्मर खरीद कर लाए जाते हैं उनका एरिया स्टोर में रखे-रखे ही गारंटी परियड निकल जाता है। यह ट्रांसफार्मर बारिश में खुले में रखे रहते हैं जिससे उनमें नमी लग जाती है तथा जैसे ही उन्हें चार्ज किया जाता है वह फेल हो जाते हैं।

  5. रिपेयर वाले ट्रांसफार्मर जिनका गारंटी पीरियड एक साल तक का रहता है उनको 8-8 महीनें तक स्टोर में ही रखा जाता है जिससे उनका गारंटी पीरियड ्ररखे-रखे ही निकल जाता है तथा जब उनको फील्ड में लगाया जाता है तो फेल होने पर बदलने की संभावना खत्म हो जाती है।

  6. हर जोन पर दो या तीन नियमित लाइन मैन पदस्थ हैं बाकी आउटसोर्स के कर्मचारी रखे हुए हैं जो खंबो पर नहीं चढ़ पाते हैं। जो नियमित स्टॉफ है वह उम्रदराज हो चुका है जिससे भी एफओसी(उपभोक्ताओं की शिकायतों) की समस्या बनी रहती है।

  7. कंपनी प्रबंधन ने 20 से 25 एप बना दिए हैं जिन्हें इलेक्ट्रिकल से पासआउट छोटे अधिकारी नहीं समझ पाते हैं।

  8. कंपनी के किसी जोन पर दो या तीन वाहन रहते हैं तथा कुछ जोनों या सब स्टेशनों पर एक ही वाहन है जिससे भी एफओसी की समस्या आ रही बताई जाती है।

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