कब्जा करने कैंसर पहाड़ी से सटी जमीन पर बना दिए टपरे
कब्जा करने कैंसर पहाड़ी से सटी जमीन पर बना दिए टपरे Raj Express
मध्य प्रदेश

प्रशासन पर भू-माफिया हावी : कब्जा करने कैंसर पहाड़ी से सटी जमीन पर बना दिए टपरे

Pradeep Tomar

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर के अंदर शासकीय जमीन पर कब्जा करने का खेल कोई नया नहीं बल्कि लम्बे समय से चल रहा है और जहां भी सरकारी जमीन होती है वहां भू-माफियाओ की निगाह रहती है और फिर खेल कब्जा करने के लिए शुरू हो जाता है। कैंसर पहाड़ी से सटे पारस बिहार कॉलोनी हनुमान मंदिर के पास सरकारी जमीन है जिस पर प्लॉटिंग की जा रही है और कब्जा करने के लिए टपरे बना लिए गए है, लेकिन इसके बाद भी उस जमीन को बचाने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जबकि वह कब्जा करने को लेकर आपस में झगड़े को लेकर शिकायते झांसी रोड़ पुलिस थाने तक पहुंचती रही है।

प्रशासन द्वारा एक तरफ शासकीय जमीनो को कब्जा मुक्त कराने के लिए एंटी माफिया अभियान चलाया जा रहा है और करोड़ो की शासकीय जमीन कब्जा मुक्त कराने की बात भी कही जाती रही है, लेकिन जमीन पर फिर कब्जा न हो इसको लेकर प्रशासन की तरफ से कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे है। यही कारण है कि जहां से प्रशासन कब्जा मुक्त कराता है उसी जमीनो पर फिर से कब्जे हो जाते है। इस तरह से कहा जाएं तो प्रशासन पर शहर में भू-माफिया हावी दिखाई दे रहे है और इसके पीछे भू-माफियाओं को संरक्षण भी मिलता रहता है,जिसके कारण वह कार्यवाही होने के बाद भी भयभीत नहीं होते और सरकारी जमीन पर कब्जा करने से नहीं चूक रहे है। पारस बिहार कॉलोनी हनुमान मंदिर के पास जो सरकारी जमीन है उस पर 2 साल पहले भी भू-माफियाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया था, लेकिन उस समय शिकायत होने पर प्रशासन ने कार्यवाही कर उक्त जमीन को मुक्त करा लिया था, लेकिन एक बार फि र उसी जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा करना शुरू कर दिया है और प्लॉटिंग कर बेंचने का प्रयास किया जा रहा है।

आखिर प्रशासन कैसे बचाएगा सरकारी भूमि :

शहर में जिस तरह से हर पहाड़ी पर कब्जा कर बस्तियां बना ली गई है उस तरह से ही अब जो भी शासकीय जमीने है उस पर भू-माफिया किसी न किसी कारण से कब्जा करने का प्रयास कर रहे है। इसके चलते सवाल यह उठ रहा है कि आखिर प्रशासन शासकीय भूमि को भू-माफियाओं के चंगुल में जाने से कैसे बचाएंगा? प्रशासन द्वारा कई बार करोड़ो की शासकीय भूमि भू-माफियाओं से मुक्त कराने का दावा किया जाता है, लेकिन क्या प्रशासन ने क्या ऐसी भूमि को बचाने का कोई प्रयास किया इसको लेकर उसकी भूमिका भी संदेह के दायरे मे देखी जा रही है। कैंसर पहाड़ी हो या फिर गुड़ा क्षेत्र से लेकर पुरानी छावनी क्षेत्र तक की पहाड़ी की बात करें तो वहां देखते ही देखते कब्जे हो गए और कई मंजिला मकान भी तन गए है, लेकिन प्रशासन सिर्फ देखता रहा और कार्यवाही करने की जब दम भरी तो उस दम को नेताओ के पॉवर ने फुला दिया। ऐसा ही कुछ कैंसर पहाड़ी से सटे पारस बिहार कॉलोनी हनुमान मंदिर के पास शासकीय जमीन पर हो रहा है जहां कब्जे को लेकर लोग आपस में ही लड़ रहे है, लेकिन प्रशासन को इसके बारे में कोई जानकारी तक नहीं है।

दो साल पहले हटाया था कब्जा :

पारस बिहार कॉलोनी हनुमान मंदिर के पास जो शासकीय भूमि है उस पर दो साल पहले भी कब्जा करने के लिए टपरे बना लिए गए थे, लेकिन उस समय प्रशासन के पास शिकायत पहुंची तो कार्यवाही की गई थी और उक्त जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया गया था, लेकिन सवाल यह है कि जो कब्जा कर रहे ते उन माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यही कारण है कि प्रशासन की उस तरफ से ध्यान हटते ही एक बार फिर उस जमीन पर कब्जा करने का खेल शुरू हो गया है और टपरे बनाने से लेकर प्लॉटिंग भी की जा रही है। मजेदार बात तो यह है कि उस जमीन पर कब्जा करने को लेकर जो आपस में विवाद हो रहा है उस संबंध में शिकायते भी झांसी रोड़ पुलिस थाने पहुंच चुकी है, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने शासकीय भूमि को बचाने का प्रयास नहीं किया।

इनका कहना है :

जिस शासकीय जमीन पर कब्जा करने का काम किए जाने की बात कही जा रही है तो उसको लेकर जल्द ही कार्यवाही की जाएगी और एक बार फिर ऐसे माफियाओ को मंसूबे ध्वस्त किए जाएगे। यहां पहले भी कब्जे हटाएं गए थे और अब फिर कब्जा कोई कर रहा है तो उसकी पहचान कर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी साथ ही उक्त शासकीय भूमि को बचाने के लिए तार फैसिंग कराने का प्रस्ताव बनाकर नगर निगम के पास भेजने का काम किया जाएगा।
सीबी प्रसाद, एसडीएम झांसी रोड़, ग्वालियर

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