लॉकडाउन के बीच प्रदेश में खुली शराब की दुकानें
लॉकडाउन के बीच प्रदेश में खुली शराब की दुकानें Social Media
मध्य प्रदेश

लॉकडाउन के बीच प्रदेश में खुली शराब की दुकानें

Sunil Saraswat

राज एक्सप्रेस। देशभर में लॉक डाउन के बीच प्रदेश सरकार ने अजीबो-गरीब निर्णय लिया है।महामारी के बीच जहां प्रदेश में लाकडाउन है शराब दुकानों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश के तहत रतलाम में दुकानें सुबह 7 से 11 बजे तक खुली रही। हांलाकि प्रदेश शासन के निर्देशों के हिसाब से दोपहर 12 से 5 बजे तक यह दुकानें खोली जानी थीं। लेकिन अंतिम निर्णय कलेक्टर को लेना था।इस लाकडाउन से शासन को फिलहाल तो कोई आर्थिक नुकसान ना हो इसलिए तरकीब से आदेश जारी कर राजस्व वसूली निश्चित कर ली है।

प्रदेश शासन को इन शराब की दुकानों की नीलामी से आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 4000 करोड़ का फायदा हुआ है। इस राशि को लेकर शासन कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। दुकाने बंद रखने के शासकीय आदेश के आधार पर वर्तमान शराब ठेकेदार चालक, माल समय पर नहीं उठाने के आधार पर कोर्ट में जा सकते थे। इसलिए महामारी के बीच मामला बड़े राजस्व का होने से शासन को दुकानें खुलवाना पड़ रही हैं।

मामला नाजुक होने के चलते अधिकारी शासकीय प्रक्रिया बता कर पल्ला झाड़ रहे हैं। बुधवार को खुली शराब दुकानों के संदर्भ में इस व्यापार से जुड़े सूत्रों ने बताया किसी भी स्थिति में दुकाने खुलवाना शासन की मजबूरी थी। चालू वित्तीय वर्ष के समापन के साथ नए ठेकेदारों से राशि लेना साथ ही वर्तमान शराब ठेकेदार से हिसाब करना जटिल प्रक्रिया है।

जिसके लिए दुकान बंद रखने के बहाने शराब ठेकेदार राजस्व जमा करने से मना कर सकते हैं। दुकाने बंद करवाने के शासकीय आदेश मानने के लिए बाध्य शराब ठेकेदारों ने इसलिए शासन से हालात अनुकूल नहीं होने पर भी दुकानें खोलने के आदेश प्रदेश शासन से जारी करवाएं हैं।

पत्र किया जारी
पत्र किया जारी

जिसके अनुसार वाणिज्य कर विभाग के अपर मुख्य सचिव आई.सी.पी. केशरी ने पत्र क्रमांक 1040/एसीएस/सीटी/पीए/२०२० के माध्यम से सभी कलेक्टरों को कोरोना वायरस की राष्ट्रीय विपदा के दौरान मदिरा दुकानों के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। 23 मार्च को जारी इस पत्र में तमाम निर्देशों के साथ सभी वैध शराब की दुकानों को दोपहर 12 से 5 बजे तक खोले जाने का कहा है। पत्र में बतौर कोरोना वायरस की गंभीरता के कारण साफ सफाई, मास्क, सेनेटाइजर आदि का उपयोग करते हुए शराब बिक्री की अनुमति दी है।

श्री केशरी ने इस संबंध में दुकान पर भीड़ नहीं होने के निर्देश जरूर दिए हैं। साथ ही शराब के परिवहन को भी अनुमति देने की बात कहीं है। इस सम्बन्ध में जब हमारे पत्रकार ने आदेश के विषय में आईएएस अफसर रुचिका चौहान से बात की तो उन्होंने कहा ये सरकार के आदेश हैं।

देश भर में आवश्यक वस्तुओं की किसी भी सूची में शराब नहीं आती है लेकिन महामारी के बीच इस पत्र का असर समाज के साथ बीमारी से लड़ रहे लोगों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है। हालांकि पत्र में कलेक्टर को परिस्तिथियों के अनुसार निर्णय लेने का भी कहा गया है। लेकिन इसके लिए उन्हें उचित कारण भी संबंधित विभाग को बताना जरूरी होगा।

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