बरही, मध्य प्रदेश। परिषद क्षेत्र में बीपीएल कार्डधारियों का सर्वे कराया गया था। इसमें अपात्रों के नाम काटे जाने थे, लेकिन सर्वे करने वालों जमकर मनमानी की है। कहीं पर जीवित को मृत घोषित कर दिया तो कहीं पर पात्र को अपात्र कर दिया है। ऐसे में अब हितग्राही खासे परेशान हैं। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में घर-घर जाकर नगर परिषद के अधिकारी-कर्मचारियों ने सर्वे किया था। बरही नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 09 के पार्षद रज्जू कोल (70) बीपीएल योजना का वर्षों से लाभ ले रहे हैं। परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत रोज खाने कमाने वाले रज्जू कोल को बीपीएल सूची सर्वे में मृत घोषित कर दिया गया है।
गलत सर्वे करने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई हो :
नगर के लगभग दो हजार से अधिक बीपीएल कार्ड धारियों का सर्वे हुआ। नगरवासियों का आरोप है कि जिम्मेदारों के द्वारा गलत तरीके से सर्वे किया गया है। पात्र हितग्राहियों को अपात्र घोषित कर दिया गया है। सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों को मिलता था। लेकिन जिम्मेदारों के लापरवाही से कई गरीब भूखों मरने के कगार पर पहुंच जाएंगे। क्योंकि अपात्रों की सूची मे रोजाना मजदूरी करने वाले सैकड़ों गरीबों की लिस्ट चस्पा की गई है। मध्यप्रदेश सरकार गरीब असहायों की सहायता के लिए वर्षों से गरीबों को कम रेट पर राशन दे रही है। रोज कमाने वाले कई गरीब बीपीएल योजना पर आश्रित हैं। देहाड़ी मजदूर और पान ठेला छोटे व्यवसायी सहित सैकड़ों आदिवासी परिवार बीपीएल योजना मे अपात्र घोषित होने से परेशान हैं। सभी ने प्रशासन से मांग रखी है कि गलत सर्वे करने वालों पर कार्रवाई हो और गरीब योजना से वंचित न हो इसलिए दोबारा सर्वे कराया जाए।
इनका कहना है :
संबंधित फार्म के साथ अपने दस्तावेज ग्राम पंचायतों में जाकर सात अगस्त तक सचिव के पास जमा कर दें, ताकि उनकी पर्ची यथावत बनी रहे। इसी के साथ नवीन पर्ची जारी किए जाने का कार्य भी चल रहा है।प्रमोद मिश्रा, फूड इंस्पेक्टर
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