राज एक्सप्रेस। रिश्वतखोरी के बढ़ते मामलों से खराब हो रही पुलिस विभाग की छवि, सुधारने के लिए अब रिश्वतखोरी के तरीकों पर निगरानी रखना शुरू कर दी गयी है। प्रदेश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई चल रही है इसी के चलते मध्यप्रदेश के डबरा से रिश्वत लेने का ताजा मामला सामने आया है। समूह संचालक की शिकायत पर ग्वालियार लोकायुक्त पुलिस ने जनशिक्षा केंद्र में पदस्थ कम्प्यूटर विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं कार्यालय में पदस्थ चपरासी को 3000 के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
यह है मामला :
मिली जानकारी के अनुसार डबरा के देवरा गांव के बजरंग स्वसहायता समूह संचालक के बेटे ब्रजेन्द्र रावत से खाद्यान कूपन के रिकॉर्ड देने के एवज में जन शिक्षा केन्द्र में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं कार्यालय में पदस्थ चपरासी बीआरसी (धर्मेंद्र पाठक) के नाम पर 3000 की रिश्वत मांग रहे थे।
डाटा एंट्री ऑपरेटर और चपरासी की मिली भगत लोकायुक्त ने की फ़ैल
रिश्वतखोरी से परेशान था समूह संचालक, इसकी शिकायत समूह संचालक बेटे ब्रजेन्द्र रावत ने ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस से की थी। समूह संचालक की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं कार्यालय में पदस्थ चपरासी को 3000 के रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया है।
वह जनशिक्षा केंद्र के अधिकारी बीआरसी के लिए रिश्वत के पैसे मांगने का काम करते थे। वहीं पुलिस की टीम ने बीआरसी धर्मेन्द्र पाठक को सूचना के बाद लंबे समय तक इंतजार किया पर उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया।आरोपियों ने बताया
आपको बताते चलें कि, इससे पहले भी ऐसे मामले आ चुके हैं, नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर-
किसान से रिश्वत लेते हुए बिजली विभाग अधिकारी रंगे हाथों गिरफ्तार
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