मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय फिर बना खिल्ली का पात्र
मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय फिर बना खिल्ली का पात्र Raj Express
मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय फिर बना खिल्ली का पात्र, बार-बार गलती से मिसटेक

Rakhi Nandwani

भोपाल, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय लगातार सुर्खियों में बना रहता है और नित नए कारनामे सामने आते रहते हैं, जिससे विवि की खिल्ली उड़ती रहती है। ऐसा ही एक मामला और सामने आया है। जिसमें विश्वविद्यायल ने आगामी महीनों में होने वाली परीक्षाओं का अनोखा टाइम टेबल जारी किया है। इस गलत तिथियों वाले टाइम टेबल को विश्वविद्यालय ने शनिवार को वेबसाइट पर जारी किया है। सार्वजनिक होने के दो दिन बाद भी कोई जिम्मेदार ऐसा नहीं है, जो वेबसाइट से गलत टाइम टेबल को हटा दे। जिस-जिस ने यह टाइम टेबल देखा है, वो विवि की खिल्ली उड़ा रहा है। वहीं विद्यार्थी और अभिभावक सोच में है कि यह कैसा विचित्र टाइम टेबल है। अब संभावना है कि सोमवार को विवि जाग्रत हो जाए और चुप-चाप टाइम टेबल में सुधार कर सही वाला जारी कर दे, जैसे इसे किसी ने देखा ही ना हो। विदित हो कि दो साल पहले 19 सितंबर 2020 को भी आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने गलत टाइम टेबल जारी कर दिया था। उस समय विवि ने परीक्षा के समय में गड़बड़ी करते हुए परीक्षा की अवधि 15 घंटे कर दी थी और इस बार साल ही बदल दिए।

गलती पर दो जिम्मेदारों की मोहर :

दरअसल मामला यूं है कि विगत 24 सितंबर को विश्वविद्यालय ने पोस्ट बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग-2022 प्रथम वर्ष का परीक्षा टाइम टेबल जारी किया है। जो एक नहीं दो जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित है। इस टाइम टेबल के अनुसार बीएससी नर्सिंग की दो जनवरी से 11 जनवरी के दौरान आयोजित होने वाली पांच परीक्षाओं में साल जनवरी-2022 अंकित है। अब विवि के परीक्षा नियंत्रक और उपकुलसचिव से कोई पूछे कि साल का जो महीना निकल चुका है, उसमें परीक्षा कैसे होगी।

विवि की विश्वसनियता पर भी प्रश्र :

इसी तरह विवि ने मास्टर ऑफ डेंटल नवंबर-2022 का टाइम टेबल भी जारी किया है। जिसमें इस साल हाने वाली एमडीएस की परीक्षा के लिए अगले साल नवंबर यानि नवंबर-2023 की तारीखें घोषित कर दी हैं। यह परीक्षा 23 नवंबर 2022 से लेकर 1 दिसंबर 2022 तक होनी हैं, लेकिन विवि की गलती से साल 2023 छपा है। इस गड़बड़ टाइम टेबल पर भी इन्हीं दो अधिकारियों ने साइन किए हैं।

ऐसे में लोग प्रश्र उठा रहे हैं कि क्या विवि में दस्तावेजों को बिना पढ़े साइन किया जाता है। इस तरह की घटनाओं के बार-बार होने के कारण विवि की विश्वसनियता पर भी प्रश्र खड़े होने लगे हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि हमें तो विवि के डाक्यूमेंट्स पर कई बार भरोसा ही नहीं होता है, यहां कुछ भी गल्ती हो सकती है। जो हमारे लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT