भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड सीजीपीबी की बैठक
भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड सीजीपीबी की बैठक Raj Express
मध्य प्रदेश

अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में खान मंत्रालय का भी योगदान- सचिव वीएल कांताराव

Author : Kanhaiya Lodhi

हाइलाइट्स :

  • मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों का चयन करने में एनआईआरएम की भूमिका।

  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड सीजीपीबी की बैठक।

  • नेशनल जियो साइंस डेटा रिपोजिटरी एनजीडीआर पोर्टल प्रस्तुत किया जायेगा।

भोपाल। अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर निर्माण में खान मंत्रालय का भी योगदान है। मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों के चयन में मंत्रालय की भूमिका रही है। पत्थरों के चयन के लिए एनआईआरएम यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स भेजा गया था, जहां परीक्षण किया गया, उसके बाद इन पत्थरों का चयन किया गया। पत्थरों के चयन के दौरान उसकी शक्ति और अवधि का निर्धारण किया जाता है, जिससे ये पता चलता है कि पत्थर मजबूत और सुरक्षित मंदिर बनाने के लिए कितना उपयोगी है। यह बात खान मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव और सीजीपीबी के अध्यक्ष वीएल कांताराव ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में कही। राव ने केंद्रीय खान मंत्रालय द्वारा भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर में आयोजित भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की 63 वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड सीजीपीबी की बैठक में अध्यक्षता की।

यहां एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत में राव ने कहा कि खदानों की नीलामी की रिपोर्ट मे मप्र सबसे आगे है। हालांकि आमदनी के क्रम में प्रथम स्थान पर ओडिशा है। उन्होंने कहा कि मप्र को अग्रणी बनाने के लिए खदानों की नीलामी को जल्द से जल्द से ऑपरेशनलाइज करने के प्रयास किए जाएंगे। इससे पहले बैठक में अपने संबोधन के दौरान राव ने खनन क्षेत्र में वैज्ञानिक कठोरता के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने जीएसआई और अन्य अन्वेषण एजेंसियों से अन्वेषण की गति बढ़ाने का आग्रह किया और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज पर जोर दिया। उन्होंने राज्य सरकारों से एनएमईटी फंडिंग के माध्यम से अन्वेषण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में और अधिक आक्रामक होने का भी आग्रह किया। उन्होंने हितधारकों से उपलब्ध भूविज्ञान डेटा का उपयोग करने का अनुरोध किया।

आगामी फील्ड सीजन वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित वार्षिक कार्यक्रम को चर्चा के लिए बोर्ड के समक्ष रखा गया था। उन्होंने बैठक में जोशीमठ टाउनशिप, चमोली जिले की भूवैज्ञानिक और भू-तकनीकी जांच पर रिपोर्ट का भी अनावरण भी किया गया। इस अवसर पर जीएसआई के अन्य महत्वपूर्ण प्रकाशनों के साथ नवगठित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का खनिज मानचित्र भी जारी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 23 जनवरी को इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में दूसरे राज्य खनिज मंत्रियों के सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे। सम्मेलन में खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के लिये राज्य सरकारें को केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम करने की रणनीति बनाई जायेगी। केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की अध्यक्षता करेंगे।

सम्मेलन में 20 राज्यों के खनन मंत्री होंगे शामिल:

सम्मेलन में 20 राज्यों के खनन मंत्री भाग ले रहे हैं। राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। खान मंत्रालय द्वारा माइनिंग एण्ड बियॉन्ड विषय पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। जीएसआई, डीएमएफ, प्रमुख खनन कम्पनियां, निजी एजेंसियां और स्टार्ट-अप्स अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जा रहा है। जिला खनिज फाउंडेशन द्वारा 40 उल्लेखनीय हस्तक्षेपों का दस्तावेजीकरण करने वाली टेबल बुक जारी की जायेगी। सम्मेलन में वर्ष 2023 के खनन सुधारों और महत्वपूर्ण खनिजों पर प्रस्तुतियां होंगी। नेशनल जियो साइंस डेटा रिपोजिटरी एनजीडीआर पोर्टल प्रस्तुत किया जायेगा। झारखण्ड, गुजरात, कर्नाटक, मप्र और ओडिशा राज्यों की सर्वोत्तम खनन पद्धतियों पर प्रस्तुतियां होंगी। सम्मेलन में सचिव और राज्यों के खनन विभागों के मंत्री 20 निदेशक भाग ले रहे हैं।

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