मप्र कांग्रेस की दिल्ली में बैठक
मप्र कांग्रेस की दिल्ली में बैठक  Rajexpress
मध्य प्रदेश

MP Politics : कांग्रेस की दिल्ली बैठक से निकलेगा मप्र जीत का मंत्र, विधानसभा सीटों की होगी समीक्षा

राज एक्सप्रेस

भोपाल (अजीत द्विवेदी )। हिमाचल और कर्नाटक विधानसभा में जीत का परचम लहराने के बाद कांग्रेस संगठन की नजर अब मप्र पर है। मध्यप्रदेश में फिर से सत्ता वापसी के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और राहुल गांधी के साथ मप्र के दिग्गज नेताओं की बैठक दिल्ली में 24 मई को होने जा रही है। चुनाव के लिहाज से इसे काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस संगठन द्वारा कराये गये सर्वे और वर्तमान विधायकों की ग्राउंड रिपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी। इसमें 22 विधायक ऐसे हैं, जिनके टिकट पार्टी काट रही है। इसके साथ ही क्षेत्रवार पार्टी की स्थिति का भी राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रखेंगे।

चुनाव को लेकर मप्र से दिल्ली तक मंथन का दौर चल रहा है। पार्टी इस बार मजबूत प्रत्याशी को ही टिकट देने की पक्षधर है। साथ ही विंध्य, बुंदेलखंड, महाकौशल और मालवा में जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में जुटी है। दिल्ली में होने वाली बैठक में सभी स्थिति से नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद ही आगे की रणनीति बनेगी।

66 हारी सीटों को जीतने दिग्विजय ने बढ़ाई सक्रियता

बीते कुछ समय में पार्टी की तरफ से लिये गये फैसलों को देखे तो एक बात साफ है कि चुनाव जीतने के लिए सभी तरह के सियासी बाण पार्टी ने अपने तरकश में रख लिये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की विस के उन 66 सीटों पर सक्रियता बढ़ी है,जहां पार्टी को लंबे समय से हार का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पार्टी के डेढ़ दर्जन प्रमुख नेताओं को राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है।

22 की टिकट काट कर नये चेहरों को मिल सकता है मौका

कांग्रेस इस बार करीब 22 विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दे सकती है। इन विधायकों की सर्वे रिपोर्ट में स्थिति कमजोर सामने आई है। कमलनाथ पहले ही साफ कर चुके हैं कि सर्वे के आधार पर टिकटों का फैसला होना है। दो सर्वे कराए जा चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस संगठन के द्वारा नियुक्त आब्जर्वर भी जमीनी हकीकत की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो बड़े अंतर से चुनाव जीतने के लिए इस बार प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी चुनाव में उतारा जा सकता है। इसे लेकर भी मंथन का दौर जारी है। यही नहीं कई भाजपा के नाराज नेताओं को भी पार्टी में लाने की तैयारी है। जिन्हें चुनाव में पार्टी मौका दे सकती है। हालांकि पार्टी के 16 प्रमुख नेताओं और दिग्विजय सिंह के फीडबैक के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय होगा।

कर्नाटक व हिमाचल के फॉर्मूले पर पहले होगी प्रत्याशियों की घोषणा

कर्नाटक व हिमाचल विस चुनाव में कांग्रेस ने चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी। इससे प्रत्याशियों को प्रचार के लिए अच्छा समय मिल गया था। इसी फॉर्मूले को मध्यप्रदेश में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी वर्तमान 70 विधायकों के साथ ही कम अंतरों से हारी हुई सीटों पर चुनाव के तीन महीने पहले ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर सकती है।

कोर ग्रुप की बैठक में बनी सहमति, तीन चरण में होगा टिकटों का वितरण

कांग्रेस ने पिछले दिनों भोपाल में कोर गु्रप की बैठक हुई थी। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में चुनावी अभियानों, कार्यकर्ताओं से संवाद के साथ टिकट वितरण के फॉर्मूले पर भी चर्चा हुई। तय हुआ कि अगस्त तक सबसे मजबूत और निर्विवाद सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। दूसरे चरण में उन सीटों के उम्मीदवार घोषित किया जाएंगे, जहां पार्टी लगातार चुनाव हार रही है। यहां समन्वय बना कर टिकट की घोषणा की जाएगी। तीसरे और अंतिम चरण में सबसे अधिक दावेदारों और बदलते समीकरणों वाली सीटों पर उम्मीदवार घोशित किये जाएंगे।

संकटमोचक को उतारेगी कांग्रेस

कर्नाटक में जीत के शिल्पकार रहे डीके शिवकुमार को कांग्रेस प्रदेश चुनाव में जिम्मेदारी दे सकती है। शिवकुमार कांग्रेस के लिए कई बार संकटमोचक की भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा प्रतिभा सिंह, दीपेन्द्र हुड्डा और प्रमोद तिवारी को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, हालांकि ये कब से चुनावी अभियान में उतरेंगे यह साफ नहीं है।

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