अध्यक्ष ने मंत्री को दिए कार्रवाई के निर्देश
अध्यक्ष ने मंत्री को दिए कार्रवाई के निर्देश Social Media
मध्य प्रदेश

MP विस में एक ही सवाल के दो अलग-अलग जवाब, अध्यक्ष गिरीश गौतम ने दिए कार्रवाई के निर्देश

Priyanka Yadav

हाइलाइट्स:

  • MP विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन

  • दूसरे दिन भी कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस का हंगामा

  • दो सत्रों में एक ही सवाल के दो अलग-अलग जवाब

  • इस मामले में अध्यक्ष ने कार्रवाई के निर्देश करें

MP Vidhan Sabha Monsson Session 2023: आज मध्यप्रदेश विधानसभा में लगातार दूसरे दिन आदिवासियों पर कथित अत्याचार और अन्य मुद्दों को लेकर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी और मानसून सत्र मात्र दो दिन में ही संपन्न हो गया। ऐसे में विधानसभा के दो सत्रों में एक ही सवाल के दो अलग-अलग जवाब होने पर मंत्री को कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।

मंत्री इस मामले में कार्रवाई करें: अध्यक्ष गिरीश गौतम

बता दें, मध्यप्रदेश विधानसभा के दो अलग-अलग सत्रों में एक ही सवाल के दो जवाब का मामला सामने आया है। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम (Girish Gautam) ने आज वन मंत्री विजय शाह से कहा कि, ये विधानसभा की प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान है और मंत्री इस मामले में कार्रवाई करें।

विधानसभा के सत्रों में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि, उनके एक सवाल के जवाब में पिछले सत्र में उन्हें अतिक्रमणकारी बताया गया, जबकि इस बार इससे इंकार कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है। विधानसभा में उन्हें अतिक्रमणकारी बताए जाने से समाचार पत्रों में भी उनके खिलाफ समाचार प्रकाशित हुए हैं। इस पर मंत्री शाह ने स्वीकार किया कि इस बार पिछली बार से अलग जानकारी उत्तर में आई है।

अध्यक्ष गौतम ने कहा- विधानसभा में दो अलग-अलग तरह की आई जानकारी

जिसके बाद अध्यक्ष गौतम ने कहा कि विधानसभा में दो अलग-अलग तरह की जानकारी आई है, क्या संबंधित अधिकारी गंभीर नहीं हैं। अध्यक्ष के निर्देश पर मंत्री ने 15 दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन प्रश्नकर्ता विधायक और कांग्रेस के अन्य विधायक जल्द कार्रवाई पर जोर देते रहे। इस दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने जिम्मेदार अधिकारी के निलंबन की मांग को लेकर हंगामा शुरु कर दिया।

इसी मामले पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द ने कहा कि प्रदेश में किसानों की लाखों हेक्टेयर भूमि वन विभाग ने ले ली। सरकार ऐसे मामलों में समयसीमा में निराकरण करे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया कि ऐसे मामलों में आदिवासियों के 70 फीसदी पट्टे निरस्त कर दिए जाते हैं। इस पर मंत्री शाह ने कहा कि जो पट्टे निरस्त हुए हैं, उनकी निरस्त करने के पहले कम से कम तीन बार जांच हुई है और मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने स्वयं इस मामले को देखा है।

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