नयना सोनी और निर्मला राय नगर सरकार की मुखिया की दावेदार
नयना सोनी और निर्मला राय नगर सरकार की मुखिया की दावेदार Social Media
मध्य प्रदेश

नगर सरकार का मुखिया बनाने के लिये जोड़तोड़ शुरू, नयना सोनी और निर्मला राय प्रबल दावेदार

Prafulla Tiwari

नर्मदापुरम, मध्य प्रदेश। दूसरे चरण के नगरीय निकाय चुनावों में नर्मदापुरम नगर पालिका में भाजपा का स्पष्ट बहुमत आया है। नगर सरकार भाजपा की बनना तय है, लेकिन नगर सरकार का मुखिया कौन बनेगा, अब इसके लिए जोड़तोड़ शुरू हो गर्ई है। नगर पालिका अध्यक्ष का पद पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही कुछ पूर्व पार्षदों और नेताओं ने अपने परिवार की महिलाओ को चुनावी रण में उतारा था, ताकि किसी भी तरह अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचा जाए। इनमें से कुछ जीते तो कुछ को पराजय का मुंह देखना पड़ा।

पार्षदों के परिणाम घोषित होने के बाद अब नगर सरकार की मुखिया के लिए घमासान शुरू हो गया है। इनमें श्रीमती नयना सोनी और निर्मला राय का नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी के बड़े नेता इन्हीं दो नामों पर विचार मंथन कर रहें है। यूं तो नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे, लेकिन हर कोई जानता है कि पार्षदों के साथ ही अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी हाई कमान और स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं की इच्छा भी महत्वपूर्ण साबित होगी।

पार्षदों की राय और हाई कमान या यूं कहें कि स्थानीय बड़े नेताओं की हरी झंडी मिलने के बाद अध्यक्ष की ताजपोशी होगी। भाजपा के राजनीतिक गलियारों में इन दो नामों की चर्चा सबसे ज्यादा सरगर्म हैं। शहर के वार्ड नंबर 2 से ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले पूर्व पार्षद की पत्नि नयना सोनी का नाम अध्यक्ष पद के लिए चल निकला है। श्रीमती सोनी के पति पूर्व में नगर पालिका उपाध्यक्ष भी रह चुके है और नर्मदापुरम में भाजपा की जीत के शिल्पकाल शर्मा बंधुओं के भी खास माने जाते हैं।

सामाजिक गणित के हिसाब से नयना सोनी की नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। दूसरा नाम भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हंस राय की पत्नी श्रीमती निर्मला राय का चर्चा में है। श्रीमती राय को संगठन के अलावा स्थानीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। इतना तो तय है कि नगर पालिका अध्यक्ष नेताओं, विधायकों और पार्षदों की एक राय के बाद ही चुना जाएगा।

अब देखना यह है कि ताजपोशी किसकी होती है। सभी के अपने दावे हैं और अपने गणित है, लेकिन होगा वही जो पार्षद और नेता चाहेंगे। कुर्सी के दावेदारों ने नेताओं की गणेश परिक्रमा शुरू कर दी है। इधर बैठकों का दौर निरंतर जारी है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों से नगर के 23 वार्डों में भाजपा पार्षदों की जीत हुई है। कुछ पार्षद निर्दलीय भी भाजपा को अंदरूनी तौर पर समर्थन देने की बात भी सामने आई है। हालाकि इस बार अध्यक्ष की ताजपोशी से विकास में मील का पत्थर साबित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

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