जमुनिया रणधीर गांव की अजीब प्रथा
जमुनिया रणधीर गांव की अजीब प्रथा सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

जमुनिया रणधीर गांव की अजीब प्रथा : जिसके पास जमीन नहीं, उसका गांव में नहीं होगा अंतिम संस्कार

Prafulla Tiwari

नर्मदापुरम, मध्यप्रदेश। जिला मुख्यालय की अंतिम विकासखंड बनखेड़ी के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत जमुनिया रणधीर में यदि किसी गरीब के परिवार में किसी का निधन हो जाए और उसके पास खुद की जमीन न हो तो उसका अंतिम संस्कार गांव में नहीं हो सकता। ऐसा इसलिये कि उसके पास अंतिम संस्कार करने के लिये जगह ही नहीं हैं। इसलिये इस गांव की प्रथा कहे या प्रशासनिक अव्यवस्था, मृतक के परिजनों दूसरे गांव में जाकर अंतिम संस्कार करना पड़ेगा।

बता दें कि जिस दौर में जनहितैषी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपये बहाए जाते हैं, वहां मौत के बाद अंतिम संस्कार करने जगह भी नसीब न हो तो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा। मामला बनखेड़ी सूबे की ग्राम पंचायत जमुनिया रणधीर का हैं। जहां यदि कोई गरीब भूमिहीन की मृत्यु हो जाये तो उसके शवदाह के लिए दूसरे गांव की सरकारी जमीन पर जाना बहुत बड़ी मजबूरी हैं। गुरुवार को ग्राम जमुनिया रणधीर में कौशाबाई वैरागी उम्र 65 बर्ष का निधन हो गया, जिसका अंतिम संस्कार करने ग्राम जमुनिया रणधीर में जगह नहीं मिली, तो दूसरे गांव खैरी रणधीर में रोड के किनारे मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ, बल्कि बार-बार यह हालात पैदा होते हैं। खासकर तब जबकि मृतक कोई भूमिहीन हो। ऐसा भी नहीं की जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं हैं। ऐसा भी नहीं कि ग्राम पंचायत में मुक्तिधाम के लिए जगह न हो। पर इस जगह का न तो सीमांकन हैं न हीं ग्रामीणों को यह पता कि उक्त जमीन कहां हैं।

गैर जिम्मेदाराना रवैया :

मामला बेहद गम्भीर हैं पर लापरवाही की इंतहा भी कम नहीं। सरपंच से लेकर सचिव और इससे ऊपर जिम्मेदार अधिकारी भी मानवीय संवेदना खो देते हैं। उक्त मामले को जिम्मेदार ग्रामीणों द्वारा वर्ष 2016 से उठाया जाता रहा हैं। वावजूद इसके मानवीय संवेदना एवं प्राथमिक जरूरत को नजर अंदाज किया जाता रहा हैं। उक्त विषय जब दुबारा प्रकाश में आया तो तहसीलदार बनखेड़ी एवं जनपद पंचायत सीईओ ने गंभीरता दिखाते हुए तुरंत आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिया। ग्राम पंचायत जमुनिया रणधीर में शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 72 में नाले के पास हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि शायद अब किसी गरीब भूमिहीन के शवदाह के लिए न भटकना पड़े।

इनका कहना :

अभी मेरे संज्ञान में मामला आया हैं, ग्राम पंचायत जमुनिया रणधीर में ऐसी जगह जो गांव के नजदीक हो चिन्हित कर शान्तिधाम बनाने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। क्योंकि इसमें देर हुई एवं क्या वजह थी इसकी जानकारी भी ग्राम पंचायत सचिव से ले रही हूं।
पूजा गुप्ता, सीईओ, जनपद पंचायत
मामला मानवीय संवेदना से जुड़ा हैं जो जानकारी मुझे मिली उसमें संबंधित ग्राम में शासकीय भूमि की कमी हैं पटवारी द्वारा जो जगह बताई गई हैं उसे स्वयं जाकर देखता हूँ। जनहितैषी मुद्दे को प्राथमिकता से हल करने प्रयास किया जाएगा।
नीरज तखरिया, तहसीलदार
वर्ष 2017 से शान्तिधाम की मांग कर रहे हैं, क्योंकि जिनकी निजी जमीन हैं उन्हें शांतिवन की जरूरत महसूस नहीं होती पर गरीब भूमिहीन वर्ग दूसरे गांव शवदाह करने मजबूर होता हैं।
राजेंद्र विश्वकर्मा, ग्रामीण

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