नक्सलियों की शहरी क्षेत्र में विस्तार की थी योजना
नक्सलियों की शहरी क्षेत्र में विस्तार की थी योजना Social Media
मध्य प्रदेश

नक्सलियों की शहरी क्षेत्र में विस्तार की थी योजना, मध्यप्रदेश एटीएस ने किया ध्वस्त

Author : Priyanka Yadav

हाइलाइट्स :

  • नक्सलियों के जबलपुर आने के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर एटीएस मध्यप्रदेश ने तत्परतापूर्वक कार्रवाई की

  • इस दौरान फरार नक्सली एवं उसकी पत्नी को जबलपुर से गिरफ्तार किया

भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी के मंडला क्षेत्र में गतवर्ष अगस्त माह में "एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड"(एटीएस) द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए चार नक्सलियों को गिरफ्तार कर बड़ी मात्रा में नक्सली सामग्री, हथियार और नकदी बरामद की गई थी। इस संबंध में थाना एटीएस/एसटीएफ भोपाल में अपराध पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण में अनुसंधान के दौरान 16 फरवरी 2024 को आरोपियों के विरुद्ध प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने, पहचान छिपाने, साक्ष्य नष्ट करने, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उसका उपयोग करने एवं पिस्टल मय कारतूस के बरामद होने पर विशेष न्यायालय जबलपुर में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।

पुलिस ने इस तरह नक्सलियों की योजना को किया विफल :-

गतवर्ष मंडला क्षेत्र में नक्सलियों के वरिष्ठ कैडर के आने की सूचना प्राप्त होने पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए पतारसी प्रारंभ की गई। इसी दौरान 21 अगस्त 2023 को विश्वस्त मुखबिर से नक्सलियों के जबलपुर आने के संबंध में सूचना प्राप्त होने पर एटीएस मध्यप्रदेश ने तत्परतापूर्वक कार्रवाई की। इस दौरान फरार नक्सली अशोक रेड्डी उर्फ बलदेव निवासी गोलकुंडा तेलंगाना एवं उसकी पत्नी रैमती उर्फ कुमारी पोटाई निवासी जिला नारायणपुर, छत्तीसगढ़ को जबलपुर से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से एक पिस्टल, तीन लाख रुपए से अधिक नकदी एवं प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) का साहित्य बरामद करने में सफलता प्राप्त की गई।

इस संबंध में थाना एटीएस/एसटीएफ भोपाल में भादंवि की धारा 419 व 20 यूए (पी) एक्ट, 1967 और 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। इस प्रकार मध्यप्रदेश "एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड" (एटीएस) ने नक्सलियों द्वारा प्रदेश के अर्बन क्षेत्र में ठिकाने बनाने की योजना का पर्दाफाश किया गया। अनुसंधान के दौरान आरोपियों की निशानदेही पर नक्सली सहयोगी धनसिंह पुंगाटी एवं छेरकूराम तुलावी को भी गिरफ्तार कर प्रकरण में धारा 201, 467, 468, 471 भादंवि एवं धारा 19 यूए (पी) एक्ट, 1967 का इजाफा किया गया।

प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकाश में आए मुख्य बिन्दु-

1. आरोपियों द्वारा जबलपुर में रहकर अपने संगठन का विस्तार कर सदस्यों की संख्या बढ़ाने की योजना थी।

2. आरोपी अशोक रेड्डी द्वारा मनुराम नेताम नामक मृत व्यक्ति के आधार कार्ड में अपनी फोटो एडिट कर पहचान छिपाने का प्रयास किया।

3. नक्सलियों द्वारा जन संगठन के माध्यम से सत्ता हथियाने के लिए पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी को समय-समय पर मिलिट्री ट्रेनिंग देकर तथा अपने आधिपत्य वाले क्षेत्रों में आतंक फैलाने एवं इनकी विचारधारा का विरोध करने वाले लोगों को पुलिस मुखबिर का नाम देकर, पुलिस बल के लोगों का अपहरण कर उनकी नृशंस हत्या कर दी जाती है, जिससे लोग इनसे जुड़ने को मजबूर हो जाते हैं।

4. आरोपी अशोक रेड्डी द्वारा अपने वाट्सएप से सबूत मिटाने के उद्देश्य से नक्सली पर्चे को डिलीट कर दिया गया था।

5. आरोपियों से जब्त नक्सली साहित्य से इनके राष्ट्रविरोधी खतरनाक मंसूबों की जानकारी प्राप्त हुई।

6. आरोपी नक्सलियों द्वारा अपने क्षेत्र के सरपंचों के माध्यम से जनता से चंदा वसूलकर पैसा एकत्र किया जाता था।

82 लाख का इनामी है आरोपी :-

आरोपियों में अशोक रेड्डी प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य (DK SZCM) है और उसकी पत्नी रैमती उर्फ कुमारी पोटाई, एरिया कमेटी मेंबर (ACM) उत्तर बस्तर क्षेत्र में पार्टी के लिए प्रेस का कार्य जैसे कि माओवादी साहित्य, पर्चे, प्रेस विज्ञप्ति, बैनर, पोस्टर आदि छपवाने का काम संभालती थी। आरोपी अशोक रेड्‌डी के विरुद्ध तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, बलवा, पुलिस पर हमला, अपहरण और आगजनी सहित विस्फोटक अधिनियम, आर्म्स एक्ट एवं यूए (पी) एक्ट से संबंधित 60 से अधिक गंभीर अपराध पंजीबद्ध हैं। सीपीआई (माओवादी) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य होने के कारण तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में कुल मिलाकर 82 लाख रुपए का इनाम घोषित है। आरोपी अशोक रेड्डी का मुख्य कार्य क्षेत्र तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ राज्य रहा है, किंतु इसकी MP के अर्बन क्षेत्र में नक्सल कैडर एवं नेटवर्क को मजबूत करने की योजना थी।

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