आरटीई फीस भुगतान में विलंब पर जिला परियोजना समन्वयकों को नोटिस जारी
आरटीई फीस भुगतान में विलंब पर जिला परियोजना समन्वयकों को नोटिस जारी Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

इंदौर : आरटीई फीस भुगतान में विलंब पर जिला परियोजना समन्वयकों को नोटिस जारी

Author : राज एक्सप्रेस

इंदौर, मध्य प्रदेश। राज्य शिक्षा केंद्र ने आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही में विलम्ब और लापरवाही बरतने पर 34 जिलों के जिला परियोजना समन्वयकों को नोटिस जारी किया है। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेश कुमार जाटव ने उक्त कारण बताओ सूचना पत्र गैरअनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को आरटीई फीस भुगतान में विलम्ब के लिए जारी किया है। इन सभी जिला परियोजना समन्वयकों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियम 1966 के तहत नोटिस जारी कर सात दिवस में जवाब मांगा गया है।

राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को समय-समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत फीस प्रतिपूर्ति की कार्यवाही शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी इन जिलों के स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के नि:शुल्क अध्ययनरत बच्चों की सत्र 2016-17, 2017-18 और सत्र 2018-19 की फीस भुगतान के प्रस्ताव जिला परियोजना समन्वयक स्तर पर 3 माह से अधिक अवधि से लंबित थे। इन 34 जिलों में देवास, रीवा, सतना, खरगोन, मंदसौर, गुना, ग्वालियर, रायसेन, जबलपुर, भोपाल, अनूपपुर, आगर मालवा, सीधी, सागर, खंडवा, श्योपुर, हरदा, राजगढ़, भिंड, मुरैना, पन्ना, इंदौर, दमोह, नीमच, धार, अशोक नगर, छतरपुर, रतलाम, उमरिया, शाजापुर, दतिया, सीहोर और टीकमगढ़ (निवाड़ी सहित) शामिल हैं।

2017-18 तक का ही मिला है कुछ स्कूलों को :

इंदौर जिले के भी निजी स्कूलों को 2017-18 तक का ही मिला है। उसमें भी कुछ को नहीं मिल पाया है। वहीं 2018-19 का तो किसी को नहीं मिला है, जबकि बताया जा रहा है कि राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिलों को राशि भेज दी है। फिर भी स्कूलों तक नहीं पहुंच पाई है। एक निजी स्कूल के संचालक गोपाल सोनी ने बताया कि हम काफी समय से इसकी मांग कर रहे है। भोपाल में भी अधिकारियों से मिलकर आए है, वे कहते है कि हमने राशि जारी कर दी है, लेकिन यहां पर डीपीसी करते है कि हमें नहीं मिली है। कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद हैं और सबकी हालत खराब है, यदि यह राशि मिल जाती है तो टीचरों को सेलरी देने में हमें सहायता होगी।

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