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मध्य प्रदेश

नर्सिंग कॉलेज मामला: हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा अभी तक कितने कॉलेजो की जांच की गई

Pradeep Tomar

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक बार फिर मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से पेश हुए प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को नर्सिंग परीक्षा मामले में राहत देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। महाधिवक्ता ने कोर्ट में सफाई दी कि अभी नर्सिंग परीक्षा होने दी जाए और उसका रिजल्ट हाईकोर्ट के आदेश के अधीन करने के आदेश दिए जाएं। इस पर कोर्ट ने कहा कि पहले छात्रों के भविष्य का हवाला देकर परीक्षा की अनुमति ले लेना फिर मानवता के आधार पर उनका रिजल्ट घोषित करवाना, यह लॉलीपॉप अब यहां नहीं चलने वाला है।

कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि उसने अभी तक नर्सिंग कालेजों की जांच के आदेश के परिपालन में कितने कालेजों की जांच की है। इस पर सीबीआई की ओर से बताया गया कि अभी तक उसने 24 कॉलेजों की जांच पड़ताल की है, इनमें 9 कॉलेज ग्वालियर के हैं जबकि 15 कॉलेज भोपाल के हैं। सीबीआई को कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि वह शुक्रवार तक ऐसे कालेजों के बारे में जानकारी दें जिनके बारे में फिलहाल जिन 375 कालेजों की नर्सिंग परीक्षा रोकने के आदेश दिए हैं जिनमें सीबीआई जांच कर रही है। उनमें वे कॉमन है अथवा नहीं।

अब इस मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी। इस दौरान सीबीआई, नर्सिंग काउंसिल और मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारी मौजूद रहेंगे। कोर्ट का कहना है कि जिन नर्सिंग कॉलेजों को मेडिकल काउंसिल ने भूतलक्षी प्रभाव में मान्यता दी है और सीबीआई ने जो कॉलेजों की जांच की सूची सौंपी है उसमें यह कॉलेज कॉमन है अथवा नहीं। दरअसल नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित दो पिटीशन हाईकोर्ट में लंबित हैं एक में नर्सिंग कॉलेजों को अवैधानिक रूप से मान्यता देने से संबंधित है तो दूसरे में पुराने वर्षों की मान्यता लेकर उनके छात्रों को परीक्षा में शामिल कराने से संबंधित है। दोनों ही याचिकाओं को हाईकोर्ट ने क्लब करने के बाद एक साथ सुनवाई की है। याचिककर्ता की तरफ से पैरवी अधिवक्ता जितेन्द्र शर्मा ने की।

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