देशी मदिरा प्रदाय की पुरानी व्यवस्था रहेगी बरकरार
देशी मदिरा प्रदाय की पुरानी व्यवस्था रहेगी बरकरार Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

Bhopal : देशी मदिरा प्रदाय की पुरानी व्यवस्था रहेगी बरकरार

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • नीति में नहीं होगा बदलाव

  • कैबिनेट में आज पेश होगा प्रस्ताव

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में देशी मदिरा प्रदाय की पुरानी व्यवस्था ही बरकरार रहेगी। राज्य सरकार वर्ष 2020-21 की अवधि में लागू नीति को ही नए वित्तीय वर्ष में भी लागू रखेगी। वाणिज्यिक कर विभाग ने पुरानी नीति को यथावत रखने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे आज कैबिनेट में निर्णय के लिए पेश किया जाएगा। इससे लायसेंसी अब पुरानी दरों पर ही दुकानों का नवीनीकरण करा सकेंगे। जहां लायसेंसी दुकानों का संचालन छोडऩा चाहेंगे, केवल वहीं ऑक्शन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

कैबिनेट आज प्रात: 11:30 बजे से मंत्रालय में होगी, जिसमें निर्णय के लिए आधा दर्जन प्रस्ताव पेश होंगे। इसमें वाणिज्यिक कर विभाग का यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी शामिल है। प्रदेश में 2541 देशी मदिरा की दुकानें हैं, जो कि विदेशी मदिरा की दुकानों की संख्या के मामले में दोगुना से अधिक है। प्रदेश में विदेशी मदिरा की 1070 दुकानें ही संचालित हैं। दो माह पहले राज्य सरकार ने विदेशी मदिरा के लिए आबकारी नीति जारी की थी, लेकिन देशी मदिरा का मामला लंबित था। दरअसल राज्य सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में भी देशी और विदेशी मदिरा प्रदाय की नीति को तीन माह के लिए बढ़ा दिया था। लिहाजा अब देशी मदिरा को लेकर भी नीति पेश की जा रही है, जिसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। दरअसल देश के साथ प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण के चलते पिछले वर्ष और मौजूदा वित्तीय वर्ष में दुकानों के संचालन में लायसेंसियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अभी भी कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की आशंका बनी हुई है, इसलिए ही पुरानी दरों पर ही दुकानों को संचालित करने की अनुमति लायसेंसियों को मिल सकेगी।

कैबिनेट में संयुक्त संचालक दंत स्वास्थ्य, उप संचालक दंत स्वास्थ्य, दंत विशेषज्ञ और दंत चिकित्सकों के नवीन पदों के सृजन के संबंध में भी प्रस्ताव पेश होगा। इसी तरह अपर आवासीय आयुक्त मप्र भवन, नई दिल्ली के पद के वेतनमान को अपग्रेड किए जाने संबंधी मामला भी कैबिनेट में पेश होगा। कैबिनेट में मिलिट्री सेवाओं का लाभ देकर मूलभूत नियम - 19 स्थानीय शासन - 1 के अनुसार वेतन निर्धारण का लाभ देने संबंधी मामला भी निर्णय के लिए पेश होगा।

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