गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती
गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती Social Media
मध्य प्रदेश

गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर मध्यप्रदेश के इन नेताओं ने किया सादर नमन

Priyanka Yadav

भोपाल, मध्यप्रदेश। आज गणेश शंकर विद्यार्थी (Ganesh Shankar Vidyarthi) की जयंती है, बता दें कि गणेश शंकर विद्यार्थी न सिर्फ महान स्वातंत्र्य-वीर थे, वरन लेखन और राष्ट्र सेवा में जिस ईमानदारी, त्याग और बलिदान की आवश्यकता होती है, वे उसकी मिसाल थे। गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत कई नेता ने ट्वीट कर नमन किया है।

सीएम ने ट्वीट करते हुए कही ये बात

एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कहा- अपनी प्रखर लेखनी से ब्रिटिश सरकार की चूलें हिला देने वाले स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय पत्रकारिता के पुरोधा, श्रद्धेय स्व. गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती पर सादर नमन्। आपके ओजस्वी विचार व आदर्श जीवन सदैव युवाओं को राष्ट्र के नवनिर्माण एवं समाज की सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

कलम की ताकत से अंग्रेजी शासन की नींव हिला देने वाले साहसी पत्रकार, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व समाज-सेवी श्री गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन, पत्रकारिता के पुरोधा के रूप में आपका स्मरण सदैव किया जाता रहेगा। स्वाधीनता संग्राम में आपका योगदान अविस्मरणीय है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान

प्रदेश गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया ट्वीट

एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि, तेजस्वी कलम के धनी आदरणीय गणेश शंकर विद्यार्थी जी साहित्य से राष्ट्रीयता की अलख जगाने में सिद्धहस्त थे, मूल्य आधारित पत्रकारिता और राष्ट्रसेवा में उनके अविस्मरणीय योगदान को सादर नमन।

निष्पक्ष व निडर पत्रकार, महान स्वतंत्रता सेनानी श्री गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा

गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर सारंग ने किया नमन

मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर कहा- पत्रकार, समाजसेवी, स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ स्‍व. गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती पर शत्-शत् नमन्।

बताते चलें आज के दिन गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्टूबर 1890 को अतरसुइया में हुआ था। उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में ही अपनी पहली किताब 'हमारी आत्मोसर्गता' लिख डाली थी। गणेश शंकर विद्यार्थी अपनी पूरी जिंदगी में 5 बार जेल गए। हम तो अपना काम करें। गणेश शंकर विद्यार्थी ने किसानों एवं मजदूरों को हक दिलाने के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया तथा आजादी के आंदोलन में भी सक्रिय रहे थे।

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