भोपाल, मध्यप्रदेश। पंचायत चुनाव में इस मर्तबा हिन्दी नहीं अंग्रेजी वर्णमाला अक्षर से अभ्यार्थियों के नाम का क्रम तय किया जाएगा। बीतें 22 साल से नाम क्रम की गलतियों से जूझ रहे निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय लिया है। निर्वाचन आयोग ने अभ्यार्थियों के नाम का क्रम तय करने के लिए नई गाइडलाइन बनाई है। जिसमें अभ्यार्थियों के नाम का पहला अक्षर (अंगल भाषा अक्षर) से लेकर मतदान पत्र या मशीन में क्रम निर्धारित होगा। निर्वाचन आयोग के इस निर्णय का कारण अभ्यार्थियों के नामों के क्रम में कई सालों से हो रही गलतियों से उपजे विवाद।
निर्वाचन आयोग की नई गाइडलाइन के अनुसार अभ्यार्थियों के नाम के पहले अक्षर से मतपत्रों में क्रम तय किया जाकर छापा जाएगा, लेकिन मतपत्रों में अभ्यार्थियों के नाम में ही लिखा होगा। इस बार पंचायत चुनाव लड़ने वाले अभ्यार्थियों को अपने नमांकन पत्र में नाम की अंग्रेजी स्पेलिंग लिखकर देगा होगा या कोई सरकार दस्तवेज जिसमें अंग्रेजी भाषा में नाम लिखा गया हो। निर्वाचन कार्य कर रहे अधिकारी नमांकन पत्र जमा करने वाले अभ्यार्थियों से इस व्यवस्था के तहत सरकारी दस्वेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, पेन कार्ड, डायविंग लायसेंस मांग सकते हैं। अभ्यार्थियों द्वारा दिए गए दस्तावेज के आधार पर ही उनके नाम की स्पेलिंग को आधार मानकर मतपत्रों में नाम का क्रम तय किया जाएगा।
नाम के आगे उपाधि लगाने पर भी क्रम नहीं बदलेगा :
पिछले चुनावों के दौरान कुछ अभ्यार्थियों द्वारा नाम के पहले उपाधि लिखकर मतपत्रों में क्रम में उपर नीचे होने पर सफल हो जाते थे, पर अब ऐसा नहीं होगा। नाम के पहले लिखी गई उपाधि या सरनेम जैसे डॉक्टर, इंजिनियर, पंडित, वैद्य, प्रोफेसर, आचार्य, हकीम, मेजर, लाला, कर्नल, ठाकुर, कुंवर ,मंहत, चौधरी आदि शब्दों को निर्वाचन अधिकारी नजर अंदाज कर सिर्फ नाम के पहले अंग्रेजी अक्षर से क्रम तय करेंगे। इसके अलावा छोट नाम जैसे एमएल देसाई लिखने पर अभ्यार्थियों को नुकसान होगा, क्योंकि इस तरह से नाम लिखने पर उनके पूरे लिखे सरनाम से क्रम तय होगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई अभ्यार्थी अपना एस. कुमार लिखता है तो उसका क्रम एस. से नहीं कुमार से तय किया जाएगा।
कई बार त्रुटि से कानून व्यवस्था की स्थिति गम्भीर हुई :
निवाचन आयोग का कहना है कि हिन्दी वर्णमाला के अनुसार अभ्यार्थियों नाम का वर्णक्रम निर्धारण करने में कई बार तकनीकी त्रुटियां हो जाती है, जिससे कई बार मतपत्रों में मुद्रण की त्रुटि से कानून व्यवस्था की स्थिति गम्भीर हुई है। इस लिए कार्य सुविधा की दृष्टि से मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के नि निम्नानुसार प्रक्रिया उपनाई जा रही है।
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