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मध्य प्रदेश

पैरा मेडिकल छात्रवृत्ति घोटाला: 11 कॉलेजों से वसूले 90 लाख रूपये, सरकार की ओर से पेश की गयी एक्शन टेकन रिपोर्ट

Amit Namdeo

जबलपुर। कॉलेज संचालाकों से पैरा मेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले की राशि नहीं वसूले जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान बुधवार को सरकार की ओर से बताया गया कि 11 कॉलेजों से 90 लाख रूपये की वसूली की गयी है। इंदौर के 7 कॉलेजों के खाते सीज फ्रीज किये गये है तथा जबलपुर के 8 कॉलेजों को सील किया गया है। सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के आग्रह पर शेष वसूली के लिए दस दिनों का समय प्रदान किया है।

लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से दायर की गयी याचिका में बताया गया कि साल 2009 से 2015 के बीच हुए प्रदेश के सैकड़ों पैरा मेडिकल कॉलेज ने छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ो रूपये का घोटाला किया था। पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेश दर्शाकर सरकार से करोड़ों रुपए की राशि छात्रवृत्ति के रूप में प्राप्त की थी। घोटाले के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा जांच के आदेश दिये गये थे। जांच में घोटाले के आरोप सही पाये गये थे। जिसके बाद सरकार की ओर से उक्त कॉलेज से राशि वसूले का निर्णय लिया गया था। याचिका में कहा गया था कि राज्य शासन द्वारा छात्रवृत्ति घोटाले करने वाले कॉलेज से राशि वसूलने को लेकर किसी तरह की कार्यवाही नहीं की जा रहीं है। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया था कि कई अवसर प्रदान करने के बावजूद भी सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया गया है।

युगलपीठ ने 25 हजार रूपये की कॉस्ट लगाते हुए सरकार को जवाब पेश करने के लिए अंतिम समय प्रदान किया था। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश किये गये जवाब में बताया गया कि 24 करोड़ रूपये में से 4 करोड़ रूपये की राशि वसूल की गयी है। इंदौर खंडपीठ ने 5 करोड़ रूपये की राशि वसूली करने पर रोक लगा रखी है। शेष राशि वसूली के लिए कॉलेज के खिलाफ आरआरसी जारी की गयी है। युगलपीठ ने राशि वसूली में सरकार के रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित याकिचाएं सुनवाई के लिए मुख्यपीठ में स्थानांतरित करने के आदेश जारी किये थे। मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश की गई एक्शन टेकन रिपोर्ट में उक्त जानकारी दी गई। इसके साथ ही सरकर की ओर से शेष राशि वसलूने के लिये दस दिन का समय प्रदान करने का आग्रह किया गया। जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 10 मई को निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेजा ने पैरवी की।

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