परिवार कल्याण कार्यक्रम : मप्र के पुरुष जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं के बराबर नहीं
परिवार कल्याण कार्यक्रम : मप्र के पुरुष जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं के बराबर नहीं Raj Express
मध्य प्रदेश

परिवार कल्याण कार्यक्रम : मप्र के पुरुष जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं के बराबर नहीं

Author : Shravan Mavai

हाइलाइट्स :

  • प्रदेश के सिर्फ 4.9 फीसदी पुरुष ही करते हैं कंडोम का उपयोग

  • मात्र 0.5 फीसदी पुरुष करवाते हैं नसबंदी, महिलाओं से बहुत पीछे

  • प्रदेश में पन्ना जिले में प्रजनन दर सबसे अधिक, मुरैना, खंडवा, सिवनी में कम

भोपाल, मध्यप्रदेश। देश में जनसंख्या नियत्रंण कानून बनाने की जरूरत को लेकर लंबी बहस चल रही है। इस कानून बनाने के पक्ष में महिलाओं का मत अधिक है, इसके पीछे का कारण यह है कि 69 साल बाद भी मप्र के पुरुषों जनसंख्या नियंत्रण में महिलाओं के बराबर के भागीदार नहीं बन पाया है। मप्र में बच्चे पैदा करने के मामले में महिलाएं जहां अधिक अस्थाई और अस्थाई परिवार नियोजन साधनों का उपयोग करती हैं, वहीं मात्र 5.4 फीसदी पुरुष ही परिवार नियोजन साधनो इस्तेमाल करते हैं। जिसमें सर्फ 4.9 फीसदी पुरुष ही करते हैं कंडोम का उपयोग और मात्र 0.5 फीसदी पुरुष नसबंदी करवाते हैं,जबकि महिलाओं में लगभग 6.7 फीसदी स्थाई और अस्थाई परिवार नियोजन साधनों की मांग है।

भारत सहित मध्यप्रदेश में साल 1952 में जनसंख्या वृद्धि नियत्रंण करने की मंशा से परिवार कल्याण कार्यक्रम शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम के अतंर्गत प्रजनन दर और बच्चों में अंतर और महिला, पुरुषों में समान रूप से जनसंख्या वृद्धि नियत्रंण को लेकर जागरूक करने का उद्देश्य रखा गया था। कार्यक्रम शुरू हुए अब 69 साल हो गए हैं, लेकिन इस अंतराल में प्रदेश में न केवल प्रजजन दर बढ़ी, बल्कि जनसंख्या वृद्धि भी अपेक्षाकृत अधिक हुई। मप्र में प्रजनन दर 2.3 है। इसका कारण यह रहा कि जनसंख्या वृद्धि नियत्रंण को प्रदेश की महिलाओं ने तो गंभीरता से लिया, लेकिन पुरुष इसे नजरअंदाज करते रहे। मप्र स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि स्थाई और अस्थाई परिवार नियोजन साधनों के उपयोग करने के मामले में पुरुषों से महिलाएं काफी आगे हैं।

नसबंदी और गर्भनिरोधक पिल का उपयोग :

प्रदेश में वर्ष 2021 में कुल दो लाख 50 हजार पुरुष और महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए गए हैं, जिसमें से लगभग डेढ़ लाख महिलाएं शामिल हैं, जबकि शासकीय योजनाओं के तहत महिलाओं को 31 लाख ओसी-पिल दिए गए हैं। छह लाख से अधिक छाया ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल और 50 हजार से अधिक अंतरा इंजेक्शन लगाए गए हैं। 20 लाख से अधिक कंडोम सरकार ने बांटे हैं। इसी तरह दो लाख महिलाओं को इंट्रा यूटेराइन गर्भनिरोधक उपकरण दिए गए हैं।

अधिक प्रजनन दर वाले 25 जिले :

प्रदेश के 25 जिलों में प्रजनन दर सबसे अधिक है, जिसमें पन्ना में 4.1, शिवपुरी में 4.0, बड़वानी में 3.9, विदिशा में 3.9, छतरपुर में 3.8, सतना में 3.6, दमोह में 3.5, सीहोर में 3.5, डिंडौरी में 3.4, गुना में 3.4, रायसेन में 3.4, रीवा में 3.4, सीधी में 3.4, उमारिया में 3.4, सागर में 3.3 , कटनी में 3.2, शाजापुर में 3.2, टीकमगढ़ में 3.2, नरसिंंहगढ़ में 3.1, राजगढ़ में 3.1, रतलाम में 3.1, खरगोन में 3.1, मुरैना में 3.0 , खंडवा में 3.0 सिवनी में 3.0 फीसदी है। जहां जनसंख्या वृद्धि नियत्रंण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT