अनुमति प्लाट बेचने की, ब्रोशर में बेच रहे फ्लैट
अनुमति प्लाट बेचने की, ब्रोशर में बेच रहे फ्लैट Raj Express
मध्य प्रदेश

शहडोल : अनुमति प्लाट बेचने की, ब्रोशर में बेच रहे फ्लैट

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • झूठ पर टिकी समर्थ की आधारशिला

  • राजस्व बचाने लिखा-पढ़ी में गड़बड़झाला

  • कर चोरी के फेर में बेच रहे टू-थ्री बीएचके

शहडोल, मध्य प्रदेश। डी-5 में फर्म का रजिस्ट्रेशन और प्लाटिंग प्रोजेक्ट सहित दर्जनों रास्ते बनाकर शासन व उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी समर्थ विहार द्वारा की जा रही है। मुख्यालय से सटे ग्राम सिंदुरी में "समर्थ विहार" के नाम से कालोनी निर्माण किया जा रहा है, भू-खण्ड के मालिक और कालोनाईजर मिलकर कारोबार की आधारशिला ही झूठ के नींव पर रखी है।

शहर के जमीन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, इसका मुख्य कारण दलालों के जरिए जमीन की खरीदी बिक्री होना है। यदि जमीन के लिए सीधे मालिक व ग्राहक के बीच सौदा होता है तो कमीशन का खेल ही नहीं हो पाएगा। ऐसे में जमीन सस्ते दाम में उपलब्ध हो सकेगी, लेकिन यहां सब कुछ उल्टा ही हो रहा है। शहरी क्षेत्र में ऐसे कई कालोनाईर की भरमार है, जो पैसे के बलबूते पर औने-पौने दामों में जमीन खरीदी कर अवैध प्लाटिंग कर उसमें मकान बनाकर बेच देते हैं। संभागीय मुख्यालय से सटे लगभग ग्रामों में अवैध प्लाटिंग सहित कालोनी के नाम पर भू-माफियाओं द्वारा लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटने की दुकान खोली गई है, वहीं राजस्व महकमें की चुप्पी ने माफियाओं के हौसले बढ़ा दिये हैं।

100 के स्टांप में अनुबंध :

संभागीय मुख्यालय से लगभग 3 किलोमीटर दूर सोहागपुर तहसील के ग्राम सिंदुरी स्थित आराजी खसरा क्रमांक 105/1 के अंश रकवा 0.041 हेक्टेयर सहित अन्य रकवों पर मेसर्स बालाजी डेवलपर्स एण्ड एसोसिएटस के अखिलेन्द्र प्रताप सिंह आदि के द्वारा ''समर्थ विहार" के नाम पर कालोनी निर्माण किया जा रहा है। कालोनी का रजिस्ट्रेशन दिखावे के लिए रेरा में किया तो गया, लेकिन करीब 10 माह पहले 23 जनवरी को इसकी शुरूआत के साथ ही भू-स्वामी और कालोनाईजर ने डी-5 में फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाया और 16 मार्च 2019 को रेरा के नियमों के तहत 5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी की जगह महज 100 रूपये के ई-स्टांप क्रमांक 01013716032019009516 में रेरा से अनुबंध कर उस पर शुरूआत की।

उपभोक्ताओं को हो सकती है परेशानी :

रेरा के दिशा-निर्देशों पर नजर डाले तो, ऐसे अनुबंध ऐसे रजिस्ट्रेशन के लिए 5 प्रतिशत का शुल्क जमा करना चाहिए, जो सिंदुरी व आस-पास के बाजार मूल्य के हिसाब से लाखों में पहुंचता है। इस बात से इंकार न हीं किया जा सकता कि कालोनाईजर तो, झूठ पर रखी गई आधार शिला के बाद उपभोक्ताओं से सौदे कर जमीन या मकान तो, बेच देंगे, लेकिन भविष्य में यदि इस मामलों की शिकायत होती है तो, कालोनाईजर के साथ उपभोक्ताओं को भी कानूनी प्रक्रिया में परेशान होना पड़ सकता है।

बेच दिये 63 मकान :

बालाजी डेवलेपर्स एवं एसोसिएट्स के द्वारा रेरा से प्लाट की बिक्री करने की अनुमति व रजिस्ट्रेशन कराया गया है, जिसमें 189 टोटल प्लाट बताये गये हैं और 47 प्लाट बुक या विक्रय के रूप में दर्शाये गये हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। फर्म के कारिंदे 24 लाख रूपये में टू-बीएचके और इससे अधिक अनुपातिक राशि में थ्री-बीएचके बनाकर बेच रहे हैं। "समर्थ विहार" की ओर से रणवीर गुप्ता ने बताया कि हमने 63 मकान बेच दिये हैं, 25 पर काम करवा रहे हैं। यह सब रजिस्ट्री शुल्क कम करने के फेर में हैं, जिससे ग्राहक की बचत हो।

प्लाट की जगह भवन निर्माण :

"समर्थ विहार" नामक कालोनी निर्माण करा रही बालाजी डेवलेपर्स एवं एसोसिएट्स के द्वारा उपभोक्ताओं से यहां पर 7.55 एकड़ भू-खण्ड पर कालोनी बनाने के वायदे किये जा रहे हैं। फर्म के ब्रोशर में इन बातों का उल्लेख भी है, साथ ही 2 क्लब हाऊस, नाली, गार्डन, सड़क, स्ट्रीट लाईट जैसी अन्य सुविधाओं का दावा भी किया गया है, लेकिन इनका पूरा निर्माण किये बिना ही प्लाट की जगह भवन बनाकर बेचने का प्रचार अपने ब्रोशर में किया जा रहा है।

इनका कहना है :

समर्थ विहार की फाईल निकलवा कर, उक्त बिन्दुओं की जांच की जायेगी, यदि कर चोरी या और कोई मनमानी की गई है तो, आवश्यक कार्यवाही होगी।
संकल्प शुक्ला, संयुक्त संचालक, ग्राम तथा नगर निवेश, शहडोल
समर्थ विहार के मामले की जानकारी हुई है, एसडीएम को मामले की जांच के लिए आदेश दे दिये गये हैं।
डॉ. सतेन्द्र सिंह, कलेक्टर, शहडोल

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