भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस महा सम्मेलन
भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस महा सम्मेलन  Social Media
मध्य प्रदेश

भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस महा सम्मेलन- जानें PM मोदी के संबोधन की खास बातें

Priyanka Sahu

भोपाल, भारत। झीलों की नगरी भोपाल में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय गौरव दिवस महा-सम्मेलन में पहुंचे, इस दौरान उन्‍होंने जनजातीय गौरव दिवस महा-सम्मेलन को संबोधित किया। आइये देखें आखिर PM मोदी ने अपने संबोधन में क्‍या खास बातें कहीं।

भारत आज अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है :

जंबूरी मैदान स्थित मंच पर जनजातीय गौरव दिवस महा-सम्मेलन में PM मोदी ने कहा- मैं आज यहां मध्यप्रदेश के जनजातीय समाज का आभार भी व्यक्त करता हूं। बीते अनेक वर्षों में निरंतर हमें आपका स्नेह, विश्वास मिला है। यह स्नेह हर पल और मजबूत होता जा रहा है। आपका यही प्यार हमें आपकी सेवा के लिए दिन रात एक करने के लिए प्रेरणा देता है। आज का दिन पूरे देश के लिए बहुत बड़ा दिन है। भारत आज अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। आजादी के बाद देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर पूरे देश के जनजातीय समाज की कला, संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है उन्हें सम्मान दिया जा रहा है।

गोंड महारानी वीर दुर्गावती का शौर्य हो या फिर रानी कमलापति का बलिदान, देश इन्हें भूल नहीं सकता। वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कल्पना उन बहादुर भीलों के बिना नहीं की जा सकती जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और बलिदान दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इस दौरान PM मोदी ने बताया- आजादी की लड़ाई में जनजातीय नायक-नायिकाओं की वीर गाथाओं को देश के सामने लाना, उसे नई पीढ़ी से परिचित कराना, हमारा कर्तव्य है। गुलामी के कालखंड में विदेशी शासन के खिलाफ खासी-गारो आंदोलन, मिजो आंदोलन, कोल आंदोलन समेत कई संग्राम हुए।

आज जनजातीय समाज के लिए शिवराज चौहान जी की सरकार ने कई बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया है। 'राशन आपके ग्राम 'योजना हो या फिर मध्यप्रदेश सिकलसेल मिशन, ये कार्यक्रम जनजाति समाज में स्वास्थ्य व पोषण को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भोपाल में PM मोदी के भाषण की प्रमुख बातें-

  • छत्रपति शिवाजी महाराज के जिन आदर्शों को बाबासाहेब पुरंदरे जी ने देश के सामने रखा, वो आदर्श हमें निरंतर प्रेरणा देते रहेंगे। मैं बाबासाहेब पुरंदरे जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देता हूं।

  • ‘पद्म विभूषण’ बाबासाहेब पुरंदरे जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को, उनके इतिहास को सामान्य जन तक पहुंचाने में जो योगदान दिया है, वो अमूल्य है। यहां की सरकार ने उन्हें कालिदास पुरस्कार भी दिया।

  • जनजातीय समाज के योगदान के बारे में या तो देश को बताया ही नहीं गया और अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में जानकारी दी गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आज़ादी के बाद दशकों तक जिन्होंने देश में सरकार चलाई, उन्होंने अपनी स्वार्थ भरी राजनीति को ही प्राथमिकता दी।

  • आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से, राष्ट्र निर्माण में जनजातीय समाज के योगदान की चर्चा करते हैं, तो कुछ लोगों को हैरानी होती है। ऐसे लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि जनजातीय समाज का भारत की संस्कृति को मजबूत करने में कितना बड़ा योगदान रहा है।

  • आज चाहे गरीबों के घर हों, शौचालय हों, मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन हों, स्कूल हो, सड़क हो, मुफ्त इलाज हो, ये सबकुछ जिस गति से देश के बाकी हिस्से में हो रहा है, उसी गति से आदिवासी क्षेत्रों में भी हो रहा है।

  • देश का जनजातीय क्षेत्र, संसाधनों के रूप में, संपदा के मामले में हमेशा समृद्ध रहा है। लेकिन जो पहले सरकार में रहे, वो इन क्षेत्रों के दोहन की नीति पर चले। हम इन क्षेत्रों के सामर्थ्य के सही इस्तेमाल की नीति पर चल रहे हैं।

  • देश की आबादी का करीब करीब 10% होने के बावजूद दशकों तक, जनजातीय समाज को, उनकी संस्कृति, उनके सामर्थ्य को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। आदिवासियों का दुःख, उनकी तकलीफ, बच्चों की शिक्षा उन लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखती थी।

  • जब देश ने मुझे 2014 में आप सब देशवासियों की सेवा का मौका दिया तो मैने जनजातीय समुदाय के हितों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। आज सही मायने में आदिवासी समाज के हर साथी को देश के विकास में उचित हिस्सेदारी और भागीदारी दी जा रही है।

  • अभी हाल में पद्म पुरस्कार दिए गए हैं। जनजातीय समाज से आने वाले साथी जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो दुनिया हैरान रह गई। आदिवासी और ग्रामीण समाज में काम करने वाले ये देश के असली हीरे हैं।

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