भोपाल से पुलिस कमिश्नर का है पुराना नाता
भोपाल से पुलिस कमिश्नर का है पुराना नाता Raj Express
मध्य प्रदेश

भोपाल से पुलिस कमिश्नर का है पुराना नाता, मुखबिर तंत्र है बहुत मजबूत

राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश की राजधानी भोपाल कमिश्नरेट के पहले कमिश्नर के रूप में नियुक्त साल 1997 बैच के आईपीएस मकरंद देऊस्कर का भोपाल से पुराना नाता है। उन्होंने स्कूल और कॉलेज की शिक्षा भोपाल से ही हासिल की है। सीपी ने अपने कार्यकाल में जनता की सुनवाई को लेकर पहचान बनाई है। आईजी लॉ एन्ड ऑर्डर एवं इंटेलीजेंस में रह चुके सीपी का मुखबिर तंत्र बेहद मजबूत है। भोपाल का पहला कमिश्नर बनने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली से लेकर चुनौतियां कितनी बदली हैं, इस पर राज एक्सप्रेस संवाददाता फराज़ शेख ने मकरंद देऊस्कर से बातचीत की।

एसएसपी सिस्टम से लेकर अब तक चुनौतियां और कार्यप्रणाली कितनी अलग हुई है?

भोपाल के कमिश्नरेट बनने के बाद जनता की उम्मीदें पुलिस से काफी बढ़ गई हैं। जनता जल्द से जल्द समाधान चाहती है। सोशल मीडिया से जुड़ी चुनौतियां और ट्रैफिक का बढ़ता दबाव एक बड़ी समस्या हैं। इनसे प्रभावी तरीके से निपटा जा रहा है।

साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने में सोशल मीडिया के इस्तेमाल को कैसे रोक रहे हैं?

सोशल मीडिया एक तरफ उपयोगी होने के साथ ही घातक भी है। इस युग में सोशल मीडिया पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी निगरानी कराई जा रही है। आपत्तिजनक और माहौल बिगाड़ने वाली पोस्ट पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।

महिला अपराधों पर कैसे नकेल कसी?

ऐसे कई स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां महिला अपराध अधिक होते हैं। ऐसे हॉटस्पॉट पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाने लगा है। जिसमे कई गल्र्स स्कूल और कॉलेज शामिल हैं। महिला अपराध से जुड़े मामलों में लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।

यातायात नियमों और रेड लाइट का उल्लंघन लोगों की आदत से नहीं जा रहा है, इसके लिए क्या किया?

ट्रैफिक को लेकर भोपाल में काफी काम हुआ है। हालांकि अब भी जनता को और अधिक जागरुक करने की जरूरत है। साथ ही आदतन उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाई गई हैं। ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले हजारों लोगों के खिलाफ बीते एक साल में बड़ी संख्या चालानी कार्रवाई की गई है। वाहनों को जब्त करने से लेकर लायसेंस सस्पेंड कराने जैसे प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

कमिश्नरेट से क्या फ र्क पड़ा है, पुलिसिंग में आपकी और प्राथमिकताएं क्या हैं?

कमिश्नरेट सिस्टम जनता के लिए बना है। जनता की सुनवाई हर हाल में करनी होगी। इस संबंध में सभी डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और थाना प्रभारियों को निर्देश लगातार दिए गए हैं। पुलिस के अधिकारी जनता की समस्या सीधे सुने, फोन पर या फि र सोशल मीडिया पर, लेकिन किसी भी हाल में यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि जनता की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। इस प्रणाली के तहत मिली पॉवर का प्रयोग करते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। बीते एक साल में शांति भंग करने की आशंका में 1039 लोगों पर कार्रवाई की गई है। सरकार की मंशा के अनुरूप समाज को अपराध मुक्त माहौल देना पुलिस की प्राथमिकता है।

शराब और नशे के सौदागारों पर प्रभारी कार्रवाई की :

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार पर संबंधित विभाग के साथ मिलकर प्रभावी कार्रवाई लगातार की जा रही हैं। शहर में अवैध शराब को चोरीछिपे खपाने वालों पर नकेल कसी गई है। चरस,गांजा और अन्य सूखे नशों के सौदागगरों पर पैनी नजर रखी जाती है। गली, मोहल्ले में मुखबिर तंत्र खड़ा किया गया है। नशा तस्करी रोकने बीट आरक्षक से लेकर थाना प्रभारियों तक की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। नशे की तस्करी के आरेाप में जेल से छूटने वालों की क्राइम ब्रांच के माध्यम से भी निगरानी कराई जाती है।

शतरंज के शौकीन हैं भोपाल के पुलिस कमिश्नर :

भोपाल के पहले पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर का बुंदेलखंड से काफी करीबी नाता है, सागर जिले का मोहासा गांव उनका पैतृक गांव हैं। कमिश्नर को अपने पैतृक गांव से काफी लगाव है और वह साल में एक-दो बार जरूर वहां जरूर जाते हैं। उनके परिजन और करीबी उनके सरल और सहज स्वभाव की खूब तारीफ करते हैं। इसके अलावा शतरंज उनका पसंदीदा खेल है। उन्हें ज्योतिष विधा में भी रुचि है।

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