मप्र की विद्युत स्थिति दूसरे प्रदेशों की तुलना में बेहतर : प्रद्युम्न सिंह तोमर
मप्र की विद्युत स्थिति दूसरे प्रदेशों की तुलना में बेहतर : प्रद्युम्न सिंह तोमर Social Media
मध्य प्रदेश

मप्र की विद्युत स्थिति दूसरे प्रदेशों की तुलना में बेहतर : प्रद्युम्न सिंह तोमर

Author : राज एक्सप्रेस

जबलपुर, मध्यप्रदेश। पूरे देश में वर्तमान में कोयले की कमी से बिजली संकट है, लेकिन मध्यप्रदेश की स्थिति अपेक्षाकृत दूसरे प्रदेशों की तुलना में बेहतर है। गत दिवस मध्यप्रदेश की केबिनेट बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्युत कंपनियों के बेहतर प्रबंधन की सराहना की है। ये जानकारी मप्र ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने गुरुवार को तरंग प्रेक्षागृह में आयोजित मंथन कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर दी।

मध्यप्रदेश की समस्त विद्युत कंपनियों के अभियंताओं व कार्मिकों के आत्मनिरीक्षण पर केंद्रित तीन दिवसीय मंथन-2022 विद्युत कंपनियों के मुख्यालय के तरंग प्रेक्षागृह में प्रारंभ हुआ। तीन दिवसीय मंथन 2022 कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए ऊर्जा मंत्री तोमर ने आशा व्यक्त की कि मंथन-2022 से निकले परिणामरूपी अमृत से प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का भला होगा। इस मौके पर प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी, मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह, मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी, विद्युत अभियंता व तकनीकी कार्मिक एवं देश के ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

गत वित्तीय वर्ष में रिकार्ड राजस्व संग्रहण :

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में भी प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा गत वित्तीय वर्ष में 23700 करोड़ रुपए का रिकार्ड राजस्व संग्रहण किया गया। पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सतत् विद्युत उत्पादन किया। उन्होने प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों का आह्वान किया कि वे हानियों व बिजली चोरियों को रोकने में प्रभावी भूमिका निभाए।

ऊर्जा मंत्री ने तकनीकी कर्मियों के साथ भोजन करते हुए की सुख-दुख की बात :

जब विद्युत कंपनियों के तकनीकी कार्मिकों के साथ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने परंपरागत पत्तल और दोने में सहभोज किया और साथ में गर्मी के इस मौसम में आम का पना और छाछ परोसी गई, तब तकनीकी कार्मिकों के चेहरे पर एक अद्भुत भाव देखा गया। ऊर्जा मंत्री भोजन करते हुए तकनीकी कर्मियों से उनकी मैदानी कठिनाइयों के बारे में बात करते रहे। तकनीकी कर्मियों को पहली बार ऐसा महसूस हुआ कि उनका मुखिया उनके साथ उनकी शैली में भोजन कर रहे हैं और सुख-दुख बांट रहे हैं। यह दृश्य था मध्यप्रदेश की समस्त विद्युत कंपनियों के अभियंताओं और कार्मिकों के 'आत्म-निरीक्षण' पर केन्द्रित तीन दिवसीय 'मंथन-2022' के उद्घाटन दिवस पर तरंग प्रेक्षागृह में मध्यान्ह भोजन के अवसर का। श्री तोमर ने तकनीकी कार्मिकों की मूलभत सुविधाओं, सुझावों एवं विद्युत व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़-सुगम बनाने की दिशा में विस्तृत चर्चा की। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर की यही विशेषता उनकी लोकप्रियता भी है कि वे विद्युत कंपनियों के उत्पादन, पारेषण एवं वितरण क्षेत्र के उन कार्मिकों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं, जो कि अंतिम छोर तक के उपभोक्ता तक बिजली पहुंचाते हैं।

मंथन का उद्देश्य मानसिकता में बदलाव में लाना :

कार्यशाला में प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने कहा कि मंथन-2002 का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों के अभियंताओं व कार्मिकों की मानसिकता में बदलाव में लाना है, ताकि वे अपनी क्षमताओं को पहचान कर कंपनियों की बेहतरी व उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए कार्य कर सकें। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी ने शुरूआत में स्वागत भाषण दिया। वहीं प्रथम दिवस मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह , एनटीपीसी के एजीएम बीबी पाधी, सुरभि गोयल , एनटीपीसी कोरबा के एजीएम वीके गर्ग, प्रबंध संचालक सुनील तिवारी, वी. बालाजी, सीपी अवस्थी आदि ने अपने प्रस्तुतिकरण दिए।

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