शहीद हेमंत को लेकर Pragya Thakur ने दिया  बयान
शहीद हेमंत को लेकर Pragya Thakur ने दिया बयान Syed Dabeer Hussain - RE
मध्य प्रदेश

शहीद हेमंत करकरे को लेकर Pragya Thakur ने दिया विवादित बयान, कही ये बड़ी बात

Author : Priyanka Yadav

भोपाल, मध्यप्रदेश। देशभर में जहां कोरोना का कहर जारी है, वहीं इस बीच कई नेताओं के बयान तेजी से सामने आ रहे हैं, बता दें कि अपने बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाली भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है, शुक्रवार को सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर कही ये बड़ी बात।

शहीद पर साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान :

मिली जानकारी के मुताबिक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बिगड़े बोल! प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बयान देते हुए कहा है कि वे मुंबई हमले के वक्त शहीद हुए हेमंत करकरे को वह देशभक्त नहीं मानती हैं, प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा है कि हेमंत करकरे कुछ लोगों के लिए देशभक्‍त हो सकते हैं लेकिन असली देशभक्‍त अलग सोचते हैं।

बताते चलें कि कल मध्यप्रदेश के सीहोर में आपातकाल की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि एक इमरजेंसी सन 1975 में लगी थी और एक इमरजेंसी की स्थिति साल 2008 में तब बनी जब मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जेल में बंद किया गया था, मैंने स्वयं उस चीज को झेला और सहा है, हेमंत करकरे को लोग देश भक्त कहते हैं, लेकिन जो वास्तव में देश भक्त हैं वह उसको देश भक्त नहीं कहते हैं।

हेमंत करकरे ने मेरे आचार्य की उंगलियां तोड़ दी थी, उन्‍होंने मुझे कक्षा आठवीं में पढ़ाया था।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा-

भोपाल से लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह द्वारा सीहोर में दिए बयान पर प्रदेश कांग्रेस ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि भाजपा को साफ करना चाहिए कि वह उनसे सहमत है या नहीं, वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि पहले भी उन्होंने बलिदानी करकरे को लेकर विवादित बयान दिए थे, अब एक बार फिर उन्होंने शहादत का मजाक उड़ाया है।

उल्‍लेखनीय है कि हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए थे, इस आंतकी हमले में कई लोग मारे गए थे, आंतकियों से मुकाबला करते हुए करकरे समेत कुल कई पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। भारत सरकार ने हेमंत करकरे साल 2009 में मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था, अशोक चक्र शांति काल में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है।

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