शौचालय की खिड़की से निकलकर कैदी फरार
शौचालय की खिड़की से निकलकर कैदी फरार Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : शौचालय की खिड़की से निकलकर कैदी फरार, दो घण्टे बाद बस में पकड़ा

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • इलाज कराने के लिए जेएएच के न्यूरोलॉजी वार्ड में था भर्ती

  • श्योपुर जेल का है कैदी, इलाज के लिए भेजा गया था सेन्ट्रल जेल

  • सुबह के 4:30 बजे हुआ फरार, 6:45 बजे किया गिरफ्तार

  • ड्यूटी पर तैनात प्रहरी आशीष शर्मा को किया निलंबित

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। जेएएच के न्यूरोलॉजी वार्ड में भर्ती एक कैदी ने अस्पताल के शौचालय की खिड़की से निकलकर भाग गया। कैदी सुबह करीब 4:30 बजे प्रहरी को चकमा देकर फरार हुआ था। फरार होते ही सक्रिय हुए जेल विभाग के अधिकारियों और प्रहरियों ने करीब सवा दो घण्टे बाद बस स्टेण्ड पर एक बस से पकड़ लिया। बाद में कैदी को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

कैदी राजेन्द्र प्रहलाद श्योपुर जेल में बंद था। चूंकि उसे मिर्गी आने की बीमारी है। इसलिए उसे श्योपुर जेल से सेन्ट्रल जेल भेजा गया था। 11 तारीख को मिर्गी आने के बाद उसे जेएएच के न्यूरोलॉजी वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां पर मंगलवार की सुबह करीब 4 बजे वह शौच करने के बहाने से वार्ड से निकला। कैदी पर निगरानी रखने के लिए जेल प्रहरी आशीष शर्मा की ड्यूटी लगाई गई थी। कैदी जब शौच के लिए गया तो प्रहरी ने उसकी हथकड़ी खोल दी। शौचालय गए कैदी ने उसमें मौजूद खिड़की को तोड़ा और वहां से फरार हो गया। जब बहुत देर तक कैदी शौचालय से बाहर नहीं निकला तो प्रहरी ने दरवाजा खटखटाया। जब कोई हलचल नहीं हुई तो उसने दरवाजे की दरार से अंदर झांक कर देखा। तब पता चला कि कैदी शौचालय के अन्दर नहीं है। इसके बाद प्रहरी ने जेल के आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी।

सूचना मिलते ही पड़ताल के लिए दौड़ पड़े जेल के सभी जवान :

प्रहरी आशीष ने जब जेल अधीक्षक मनोज साहू को मामले से अवगत कराया तो उन्होंने आनन- फानन में जेल के वह सभी प्रहरियों को तलाश के लिए दौड़ा दिया, जो उस समय जेल ड्यूटी पर नहीं थे। जेल विभाग के अधिकतम जवान प्रहरी की तलाश में जुट गए। करीब सवा दो घण्टे की मशक्कत के बाद कैदी को बस स्टेण्ड पर एक बस से पकड़ लिया। आरोपी कैदी को पकड़ने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

इलाज कराने के लिए भेजा था श्योपुर से :

कैदी हत्या के प्रयास के मामले में श्योपुर जेल में बंद था। उसे 10 अक्टूबर को इलाज के लिए सेन्ट्रल जेल भेजा गया। 11 अक्टूबर की रात अचानक उसे जेल के अन्दर मिर्गी का दौरा आ गया। इस पर उसे न्यूरोलॉजी में भर्ती कराया गया था।

हथकड़ी नहीं खोलता तो नहीं भाग पाता कैदी :

इस कैदी के भागने में सबसे बड़ी लापरवाही उसकी हथकड़ी खोलना थी। हालांकि इस लापरवाही की वजह से जेल अधीक्षक मनोज साहू ने प्रहरी आशीष शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। चूंकि प्रहरी ने कैदी की हथकड़ी खोल दी थी। इस वजह से वह आसानी से शौचालय की खिड़की को तोड़ सका और वहां से भाग निकला।

इनका कहना :

इलाज के लिए कैदी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से वह चकमा देकर भाग गया था। बाद में उसे जेल के प्रहरियों ने ही पकड़ लिया है। कैदी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। साथ ही मामले में लापरवाही बरतने वाले प्रहरी को सस्पेंड कर दिया है।
मनोज साहू, जेल अधीक्षक

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