हाई कोर्ट : प्रथम अपील का अंतिम निराकरण होने तक संपत्तियों की खरीदी बिक्री नहीं की जाए
हाई कोर्ट : प्रथम अपील का अंतिम निराकरण होने तक संपत्तियों की खरीदी बिक्री नहीं की जाए  सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

हाई कोर्ट : प्रथम अपील का अंतिम निराकरण होने तक संपत्तियों की खरीदी बिक्री नहीं की जाए

Author : Satish Dixit

इंदौर, मध्य प्रदेश। छोटी बेटी ज्योत्सना ने विल के हिसाब से संपत्ति का बंटवारा नहीं करने पर दायर किया था परिवाद, खारिज होने पर हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। हाई कोेर्ट की इंदौर खंडपीठ के जस्टिस विजयकुमार शुक्ला शहर के प्रतिष्ठित सांघी परिवार के संपत्ति विवाद के मामले में अंतरिम आदेश जारी किया है। स्व. शरद सांघी की छोटी बेटी ज्याेत्सना सांघी ने हाई कोर्ट में प्रथम अपील दायर की थी।

इसमें जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा खारिज किए गए परिवाद को चुनौती दी थी। इस परिवाद में मांग की थी कि स्व. सांघी ने जो वसीयत बनाई थी, उसके हिसाब से संपत्ति का बंटवारा नहीं हो रहा है। जिला जज सुबोध कुमार जैन ने इस परिवाद को खारिज कर दिया था।

इस पर ज्याेत्सना ने सीनियर एडवोकेट आरएस जायसवाल, अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने प्रथम अपील दायर की थी। इसमें उल्लेख किया कि स्व. सांघी ने अपनी तीनों बेटी प्रिया, रागिनी और ज्योत्सना के नाम पर इंदौर सहित अन्य शहरों की चल-अचल संपत्ति का बंटवारा कर दिया था। इसमें इंदौर में आटो माेबाइल की सभी डीलरशिप, पलासिया स्थित अचल संपत्ति, बढ़ियाकीमा में जमीन, भोपाल स्थित कोहेफिजा में अचल संपत्ति शामिल है। वसीयत में किसे क्या मिलेगा, इसका उल्लेख है, लेकिन बंटवारा नहीं किया है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश जारी किए। प्रथम अपील का निराकरण होने तक चल-अचल संपत्ति की बिक्री नहीं की जाएगी। वहीं प्रथम अपील में जिन्हें पक्षकार बनाया है वह चार सप्ताह में जवाब पेश करेंगे।

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