निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी
निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी

Author : राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। बिजली कंपनी के निजीकरण के विरोध में कंपनी अधिकारी व कर्मचारी लगातार काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं। यह अधिकारी काम के साथ-साथ प्रदर्शन भी कर रहे हैं जो इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि समय आने पर यह कर्मचारी सड़कों पर आ जाएंगे।

केन्द्र सरकार के निजीकरण के फैसले से कंपनी अधिकारी व कर्मचारी सकते में आ गए हैं। उनको साफ दिखाई दे रहा है कि अगर बड़ी कंपनियां इस फील्ड में आ गईं तो निश्चित रुप से उनका भविष्य गर्त में चला जाएगा। कंपनी के वह अधिकारी जो आज ऊंचे वेतनमानों पर काम कर रहे हैं उनके वेतनमान यथावत रहेंगे यह भी निश्चित नहीं है। कंपनी अधिकारियों की माने तो सबसे बुरे हालात उन कर्मचारियों के होंगे जिन्हें मामूली से मामूली वेतन पर काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा और वह काम करेंगे। व्यक्ति को इतना वेतन दिया जाएगा जिससे वह केवल जिंदा रह सकेगा।

शोषण करेंगी निजी कंपनियां :

कंपनी अधिकारियों की मानें तो बिजली एक अतिआवश्यक सेवा है जिससे इसका निजीकरण किसी भी सूरत में नहीं किया जाना चाहिए। अगर इसका निजीकरण किया गया तो न केवल अधिकारियों कर्मचारियों बल्कि आम जनता का शोषण किया जाएगा।

गरीब उपभोक्ता नहीं जला सकेगा बिजली :

अधिकारियों का यहां तक कहना है कि निजीकरण के बाद गरीब उपभोक्ता बिजली नहीं जला पाएगा क्योंकि उसकी दरों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी कर दी जाएगी और अगर उसने गलत तरीके से बिजली जलाने की कोशिश की तो विभिन्न धाराओं में उसके खिलाफ कमरतोड़ कार्यवाही की जाएगी।

एकजुट हुए अधिकारी होगा बड़ा आन्दोलन :

बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ एकजुट हो गए हैं तथा उन्होंने विशाल आन्दोलन की तैयारी कर ली है। हालांकि इसकी शुरुआत हो चुकी है लेकिन समय का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही कंपनी के विद्युत फेडरेशन व अन्य कर्मचारी संगठन बिगुल बजाएंगे सभी अधिकारी-कर्मचारी उनके नेतृत्व में आन्दोलन शुरु कर देंगे।

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