पंचायत ने कर दिया फर्जी बिलों के माध्यम से लाखों का भुगतान
पंचायत ने कर दिया फर्जी बिलों के माध्यम से लाखों का भुगतान RE-Bhopal
मध्य प्रदेश

राजएक्सप्रेस पड़ताल : पंचायत ने कर दिया फर्जी बिलों के माध्यम से लाखों का भुगतान !

Bhanu Dhangi

हाइलाइट्स :

  • भुगतान किए गए बिलों की राशि एवं भुगतान की गई राशि में अंतर।

  • पोर्टल पर दर्ज बिल क्रमांक व बिल में दर्ज बिल क्रमांक भी अलग-अलग।

  • फर्जी बिलों के जरिए लाखों रुपयों का भुगतान।

मुंगावली, मध्यप्रदेश। क्षेत्र की ग्राम पंचायतों से गड़बड़ी के मामले सामने आते ही रहते है जिनमें मनरेगा में मजदूरों की जगह मशीनों से काम करवाना हो या फिर अन्य गड़बड़ी हो अधिकारियों को इनकी शिकायतें प्राप्त होती ही रहती है अब ताजा मामला ग्राम पंचायत बीड सरकार से सामने आया है जहाँ फर्जी बिलों के जरिए लाखों रुपयों का भुगतान पंचायत द्वारा किया गया है जिन बिलों का भुगतान किया गया है उनमें से कई बिलों में बिल दिनांक से लेकर क्रेता का नाम तक नहीं हैं। साथ ही दूसरी पंचायत के बिल भी पंचायत द्वारा भुगतान किए गए है वहीं कई बिलों की राशि एवं भुगतान की गई राशि में भी अंतर है साथ ही पोर्टल पर दर्ज बिल क्रमांक व बिल में दर्ज बिल क्रमांक भी अलग अलग है।

पंचायत दर्पण पोर्टल पर दर्ज बिल आईडी 10287177 द्वारा 10500 रुपए का पंचायत से सरपंच मंच मानदेय का भुगतान होना दर्शाया गया है लेकिन इसमे जो बिल की कॉपी अपलोड की गई है उसमें ग्राम पंचायत बमोरी टांका दर्ज है। साथ ही बिल विवरण में अंत्येष्टि सहायता राशि के साथ 25,000 की बिल राशि भी दर्ज की गई। लेकिन बिल का भुगतान बीड सरकार पंचायत द्वारा रिकार्ड अनुसार किया गया है वहीं मोदी इलेक्ट्रिकल पार्टस को किए गए बिल आईडी 12160476 में अपलोड बिल कॉपी में न तो क्रेता का नाम दर्ज है और न ही इसमें दिनांक दर्ज है।

इस तरह बिल आईडी 12160462 में अपलोड किए गए बिल की कॉपी में भी क्रेता के नाम की जगह खाली है साथ ही इस दिनांक को बिल जारी किया गया उक्त दिनांक भी दर्ज नही है इसी तरह बिल आईडी 12160428 में अपलोड बिल से भी क्रेता के नाम के साथ दिनांक गायब है बिल आईडी 12138993 के माध्यम से आंनद उत्सव के लिए अन्य सामग्री क्रय बाबत भुगतान हेतु विवरण दर्ज किया गया है साथ ही 15,000 रुपये की राशि भुगतान किया गया है लेकिन जो बिल पोर्टल पर उपलोड किया गया है उसके विवरण में आनंद उत्सव के उपक्षय में प्रमाण पत्र एवं मेडल क्रय हेतु पांच हजार रुपए का व्यय डाला गया है जिससे भुगतान व बिल की राशि मे दस हजार रुपया का अंतर है जो कहीं न कही फर्जीवाड़े की तरफ इशारा कर रहा है।

इस तरह बिल आईडी 12065871 के माध्यम से 99980 रुपये का भुगतान होना बताया गया है लेकिन पोर्टल पर उपलोड बिल से दिनांक गायब है जिससे ऐसा लग रहा है कि कहीं न कही पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है बिल आईडी 11936789 जिसकी राशि 18830 रुपये दर्ज है इसमें उपलोड लोधी एंड कंपनी के बिल में भी दिनांक गायब साथ ही पोर्टल पर दर्ज बिल नंबर व उपलोड बिल पर दर्ज बिल नबर का मिलान नहीं हो रहा है वही पोर्टल पर दर्ज भुगतान राशि व बिल में दर्ज राशि भी अलग अलग है।

इस पंचायत में ऐसे ही कई और भी बिल हैं जिनका भुगतान किसी राशि का किया गया है जबकि पोर्टल पर उपलोड बिल में राशि भिन्न दर्ज है बिल नंबर भी पोर्टल पर दर्ज व बिल पर दर्ज अलग अलग है साथ ही बिलो में बिल जारी करने का दिनांक भी दर्ज नहीं है जो पंचायत में किसी बड़ी गड़बड़ी की तरफ इशारा कर रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके चलते धड़ल्ले से इस तरह के बिलों का भुगतान पंचायत से हो रहा है वही इसमें दूसरी बड़ी गड़बड़ी बिल जारी करने वाले दुकानदारों की भी देखने को मिल रही है कि कैसे दुकानदार द्वारा बिना क्रेता के नाम व बिल जारी करने की दिनांक दर्ज किए बिल जारी कर दिया या फिर सरपंच सचिव द्वारा फर्जी तरीके से बिल लगाए गए है या फिर टैक्स चोरी के चक्कर में दुकानदार द्वारा इस तरह से फर्जी बिल जारी किए गए है। क्योंकि इन फर्जी बिलों के माध्यम से पंचायत द्वारा लाखों का भुगतान किया गया है।

इनका क्या कहना है -

इस तरह का मामला है तो जांच करवाती हूं जांच कर संबंधित दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।

नेहा जैन, जिला पंचायत सीईओ अशोक नगर

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