वानर की तेरहवीं भोज में शामिल हुए करीब 1 हजार लोग
वानर की तेरहवीं भोज में शामिल हुए करीब 1 हजार लोग Social Media
मध्य प्रदेश

रतलाम में वानर की मौत पर इंसानों जैसी विदाई...तेरहवीं में शामिल हुए करीब 1 हजार लोग

Priyanka Yadav

रतलाम, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के रतलाम में बीते दिनों एक वानर की मौत बीमारी की वजह से हो गई थी। वानरराज की मौत हो जाने के बाद लोगों ने उसकी गाजे-बाजे से शवयात्रा निकाली और वैदिक परम्परा के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया। वहीं, अंतिम संस्कार करने के बाद आज वानर की तेरहवीं का आयोजन किया गया।

मामला रतलाम जिले के कोठड़ी गांव का :

ये मामला मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के कोठड़ी गांव का है। बताया जा रहा है कि इलाके में बने हनुमान मंदिर के आस-पास में एक बंदर बरसों से रह रहा था वह बंदर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता था, लोग बंदर को प्रसाद और खाना देते थे, लेकिन अचानक एक दिन बंदर बीमार पड़ गया लोग उसे लेकर जानवरों के अस्पताल भी गये लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका, 14 फरवरी को बंदर की मौत बीमारी की वजह से हो गई थी।

वानर की तेरहवीं में शामिल हुए करीब 1 हजार लोग :

रतलाम में रतलाम में वानर की मौत पर बैंड बाजे के साथ अंतिम संस्कार करने के बाद शनिवार को तेरहवीं हुई, गांववालों ने मिलकर 13वीं पर भोज भी कराया, इस भोज में करीब 1 हजार लोग शामिल हुए। इससे पहले गांव के पंडित गोपाल दास ने 12 दिन तक शोक का पालन कर 11वें दिन उज्जैन जाकर बंदर के दशकर्म की क्रिया पूरी की थी।

बताते चलें कि, इससे पहले भी मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में वानर की मौत पर इंसानों जैसी विदाई हुई थी, मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक बंदर की मौत के बाद गांव वालों ने बैंडबाजे के साथ परंपरागत तरीके से अंतिम संस्कार किया था वही डालूपुरा गांव के लोगों ने तीन दिन बाद एक जनवरी को वानरराज की अस्थियों को उज्जैन जाकर शिप्रा नदी में विसर्जित किया था इसके बाद बंदर की तेरहवीं के लिए कार्ड छपवाए गए थे और वानरराज की तेरहवीं पर महाभोजन प्रसादी का आयोजन किया गया था।

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