कोरोना के बीच स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ा
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मध्य प्रदेश

इंदौर : कोरोना के बीच स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ा

Author : Mumtaz Khan

इंदौर, मध्य प्रदेश। शहर में कोरोना की रफ्तार थमी है। लगातार केस कम हो रहे हैं। अब सर्दी का मौसम आने वाला है, जिसमें मौसम के बदलाव के कारण स्वाईन फ्लू सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) के प्रकरण होने की आशंका होती है। स्वास्थ्य संचालनालय द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि वे सतत् सतर्क रहें एवं संभावित सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) के मरीजों की स्क्रीनिंग, निदान, उपचार व रोकथाम के लिये दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) के रोकथाम व उपचार के लिये भारत शासन द्वारा दिये गये प्रोटोकॉल/गाइडलाइन का पालन व कार्यवाही करवाना सुनिश्चित करें।

विशेषकर हाई रिस्क प्रकरणों जैसे कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किसी भी घातक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के फ्लू होने पर अधिक सतर्क रहें एवं विशेष ध्यान दें तथा पूर्व में दिये गये निर्देशानुसार उपचार आरंभ करें। जिले में जिन स्थानों से रीड़ के प्रकरण ज्यादा आ रहे हैं, वहाँ सर्वे करें। जिला, ब्लॉक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर होने वाली मासिक एवं साप्ताहिक बैठकों में समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) के रोकथाम एवं उपचार संबंधित जानकारी से अवगत कराया जाये।

दो बार स्टेट आईडीएसपी को भेजें रिपोर्ट :

प्रतिदिन दो बार फीवर क्लीनिक में सर्दी-खाँसी मरीजों की रिपोर्ट राज्य सर्विलेंस इकाई (स्टेट आईडीएसपी) को भेजें तथा क्लीनिक में रिकार्ड कीपिंग के लिये पैरामेडिकल स्टॉफ की व्यवस्था की जाये, जिनके द्वारा स्क्रीनिंग में संधारण किया जाये, जिसके माध्यम से मरीजों का फॉलोअप किया जाना सुनिश्चित करें। मरीजों को सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) की जानकारी के लिये पेम्पलेट वितरित किये जायें। सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) के श्रेणी-क्च के मरीजों, जिनको टेबलेट ओसल्टामिविर दी गई हो, उनकी लाइन लिस्ट बनायें तथा कांटेक्ट सर्वे करें। सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) के लिये औषधियाँ एवं सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त कोविड-19 की रोकथाम व बचाव के लिये जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

डेंगू घातक नहीं, पर कर रहा लोगों को परेशान :

गत दो वर्ष से डेंगू के मामले शहर में बड़ी संख्या में निकल रहे हैं, लेकिन वो जानलेवा साबित नहीं हो रहा है। बुखार के साथ सिर, हाथ-पैरों में दर्द के बाद शरीर पर हल्के लाल चकते और खुजली निकल रही है। समय पर सही इलाज न मिलने के कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। वहीं मलेरिया के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या भी ओपीडी और निजी क्लीनिक्स में बढ़ी है। इसके साथ ही सर्दी-खांसी और गले में दर्द (वायरल) के साथ बुखार आने के मामले भी बढ़े हैं। यह कोविड से मिलते जुलते लक्षण होने के कारण लोगों में इसको लेकर दहशत है, लेकिन ज्यादातर मामलों में जांच कराने पर कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ रही हैं।

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