झोलाछाप डॉक्टर
झोलाछाप डॉक्टर Mukesh Choudhary
मध्य प्रदेश

गली-गली में पनप रहे झोलाछाप डॉक्टर, प्रशासन मौन

Author : Mukesh Choudhary

राज एक्सप्रेस। मालथौन ब्लॉक क्षेत्र भर में झोलाझाप डॉक्टर अपना डेरा जमाएं हुए हैं इन्हें किनका सरंक्षण है। साल भर में शिकायत-शिकवा पर इनके ऊपर छापामार कार्यवाही होती है लेकिन उसके पहले विभाग में बैठे विभीषण अपने-अपने झोलाझापों को सूचना कर रफूचक्कर करा देते हैं, जिससे वह झोलाछाप डॉक्टर उस दिन कार्यवाही से बच निकलते हैं इसका कारण है सूचना तंत्र से इनकी दोस्ती यारी।

सूचना तो यहाँ तक है कि-

विभागीय विभीषणों को हर माह चार अंको में लक्ष्मी की चढ़ोत्तरी होती है उनका भी फर्ज बनता है, यह अपने है इन्हें सुरक्षित निकालना। आखिर वह उनकी अवैध आय का जरिया हैं। उन पर नकेल कसी जाती है जिनसे नजराना हल्का या कोई मतभेद हो या राजनैतिक द्वेष हो। कई बार इशारे उन पर कार्यवाही का डंडा रगड़ा जाता हैं ऐसा बीते दिन बांदरी क्षेत्र में सुनने-देखने में आया स्वास्थ्य विभाग की महकमे की टीम के दस्तक देने से पहले विभीषणों ने झोलाछापों को सूचना देकर भगा दिया, यही हाल सूचना पर मालथौन में देखा गया बंगाली चाँदसियो की क्लिनिक बंद कर निकल गये खबर थी टीम मालथौन में भी दस्तक दे सकती है विभीषणों उन्हें पहले खबर कर दी सतर्क रहिए।

मालथौन ब्लाॅक की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल बनी हुई हैं

विभाग को उन विभीषणों को पहले खोज निकालना होगा जो दबिश के पहले अपना प्लान लीक करते देते हैं जिसके कारण आठवीं-दसवीं पास, डॉक्टरी फेल-झोलाछाप डॉक्टर कार्यवाही होने से बच निकलते हैं। मालथौन ब्लाॅक की सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल बनी हुई हैं मालथौन ब्लाॅक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मालथौन एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बाॅदरी, रजवांस, बरोदिया कला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दों में भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नही मिल रही हैं। जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बाॅदरी लापरवाही का केन्द्र बना हैं। इन स्वास्थ्य केन्द्रों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं। केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल का अभाव, वार्डों में पलंग पर चादर नही, प्रसूता महिलाओं को भी मिलने वाला खाना भी नसीब नही हो पा रहा। इसके बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा मालथौन ब्लाॅक में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।

बिना जांच के फर्जी डॉक्टर दे रहे मरीजों को दवाएं

शिवपुरी में बारिश की शुरूआत होते ही संक्रामक बीमारियों ने धीरे-धीरे अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है। इसके चलते झोलाछाप डॉक्टर नगर सहित ग्रामीण अंचलों में अपनी दुकानें खोले बैठे हैं। टीला, करही, गधाई, सीहोर, दिनारा, सिरसौद चौराहे और कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अपना जाल फैलाते नजर आ रहे हैं। दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करैरा में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी होने के कारण मजबूरी में मरीजों को बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज पर रोक लगाने राज्य शासन को निर्देश दिए थे। लेकिन उसके बाद भी करैरा में खुलेआम झोलाछाप डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में मरीजों के स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़

करैरा के ग्रामीण अंचलों में बिना डिग्री धारी जो कभी साइकिल की पंचर जोड़ते थे तो कोई कबाड़ आज वह इलाज करने का लाइसेंस लेकर लोगों के जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही ना होना स्वास्थ विभाग की निष्क्रियता को सामने लाता है। झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज ने कई मासूम और युवाओ की जान ली है। एक खोड में, एक सुनारी, एक दिहायला में, एक करही में, दो सीहोर में इसके अलावा एक मासूम की ग्राम दिदवली में एक नवयुवक और सिरसौद एक विवाहिता औरत की जान गई है। फिर भी स्वाथ्य विभाग कुंभकर्ण की नींद मे सोया हुआ है! झोलाछापो पर कार्यवाही ना होना समझ से परे है!

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