रात में शव निकालते वक्त उपस्थित रहे सभी अधिकारी
रात में शव निकालते वक्त उपस्थित रहे सभी अधिकारी Raj Express
मध्य प्रदेश

संतनगर हादसा फॉलो-अप: नाले की दीवार गिरने की घटना में दबे मजदूर को 11 घण्टे बाद निकाला गया बाहर

Ravi Nathani, Shahid Kamil

संत हिरदाराम नगर। संतनगर में नाले की दीवार गिरने से निर्माणधीन कॉम्प्लेक्स के आठ मजदूर बह गए, जिसमें छह का रेस्क्यू कर लिया गया है। दो की मौत हो गई है, जिनके शवों की तलाश देर रात तक जारी थी। पानी का बहाव तेज होने से रेस्क्यू मे काफी मशक्त करना पड़ी। मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ,नगर निगम प्रशासन और पुलिस प्रशासन देर रात तक लगा रहा। इस घटना में जिन दो मजदूरों की मौत हुई,वे लोहे की राडों के बीच में दबे हुए थे और ऊपर से तेज नाले का पानी बह रहा था।

संतनगर की पुरानी सिंधु टाकीज के पीछे नाले की दीवार दोपहर में जब तेज बारिश के दौरान गिर गई जिसमें वहां पर काम कर रहे करीब एक दर्जन मजदूर दीवार की मिट्टी धंस गए। देखते ही देखते मोटी दीवार गिरने लगी,यहां पर सार्थी डवलपर्स कंपनी के मॉल का काम चल रहा है। मजदूरों ने जब देखा तो एक एक करके वहां से भागने लगे,लेकिन पानी के बहाव के कारण दीवार ज्यादा देर तक रूकी नहीं और एक दम से नीचे गिर गई, यहां काम कर रहे दो मजदूर उसके नीचे दब गए। सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य के लिए राज्य आपदा प्रबंधन का दल मौके पर पहुंच गया। इस घटना में करीब आधा दर्जन मजदूर घायल हुए है।

रेस्क्यू कार्य का अवलोकन करने पहुंचे कलेक्टर :

संतनगर में नाले की दीवार गिरने से दबे मजदूरों के रेस्क्यू के लिए किए जा रहे कार्य को देखने कलेक्टर अविनाश लवानिया सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।

रेस्क्यू कार्य का अवलोकन करने पहुंचे कलेक्टर

निगम कमिश्नर मौके पर पहुंचे :

हादसे की सूचना मिलते ही नगर निगम जोन 1 के जोनल अधिकारी कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी मौके पर पहुंच गया है। बड़ी संख्या में पुलिस बल भी यहां पहुंच गया। यहां पर पुरानी सिंधु टाकीज के पीछे नाले से सटकर दुकानों का निर्माण हो रहा है। शॉपिंग कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। इस मामले में प्रथम बिल्डर और ठेकेदार की लापरवाही सामने आ रही है वहीं नगर निगम की भी लापरवाही इसमें देखने को मिल है। नगर निगम ने मानसून पूर्व रखरखाव कार्य किया था लेकिन इस नाले की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया।

परिजनों का रो रो कर बुरा हाल :

इस घटना में दो मजदूरों के मौत की खबर है। मजदूरों के रिश्तेदारों का कहना है कि बिल्डर की बहुत बड़ी लापरवाही है,उसका अभी तक कहीं से कहीं तक कोई अता-पता नहीं है। दूसरी बात यह है कि काम करने से पहले यहां पर सुरक्षा के लिहाज से कोई तैयारी नहीं की गई थी,हम प्रशासन से मांग करेगे की ऐसे ठेकेदार और बिल्डर्स पर कार्रवाही हो और मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।

काटे गए लोहे के सरिए :

दीवार के गिरने से दो मजदूर जिसमें से एक का नाम मंसूर उद्दीन बताया जा रहा है,वह और उसका एक अन्य साथी नीचे करीब 7 फीट बेसमेंट में जा गिरे और यहां पर लोहे के सरिऐ लगे हुए थे। इन दोनों मजदूरों के गिरने से ये उसमें जा धंसे। देर रात तक उनको निकाला जा सका था। मजदूरों के शवों के निकालने के लिए पहले तो नगर निगम और एनडीआरएफ की एक टीम काफी देर तक मश्क्त करती रही। इसके बाद जैसे ही अंधेरा हुआ एक बड़ी टीम और एनडीआरएफ के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंच गए उन्होंने सरियों को काटने का काम शुरू किया। उनके असफल होने पर मृतक के रिश्तेदार उतरे शव निकालने। आधे घण्टे में मजदूर के शव को निकाला बाहर। 5 लोगों को पानी मे उतरने की दी गई अनुमति, जान जोखिम में डालकर भाई को निकाला। बॉडी नहीं निकलने से नाराज परिजनों ने किया हंगामा कहा प्रशासन की व्यवस्थाएं रही नाकाफी। देर रात तक निगम के अपर आयुक्त, सीएसपी, थाना प्रभारी, तहसीलदार, जोनल अधिकारी, स्वछता प्रभारी, फायर अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहा अन्य अमला।

मृतक मजदुर

क्या कहना है इनका :

जो बिल्डर्स काम करवा रहा था, उसकी इस पूरे मामले में गलती पाई गई है। मानसून से पहले हमने नाले नालियों की सफाई समय से करवा दी थी। इस मामले में हम कंपनी को नोटिस देंगे और पूरे मामले की जांच होगी और मालूम किया जाएगा की घटना कैसे हुई।
केवीएस चौधरी, नगर निगम आयुक्त
जिसकी मौत हुई है वह रिश्ते में मेरे चाचा का बेटा है। हमे यहां के मजदूरों ने फोन करके यह जानकारी दी की दीवाल ढह गई है,आप जल्दी आ जाओं। यह हादसा लंच के समय हुआ है। नाले के आगे सुरक्षा रखनी चाहिए थी,नाले के पास कोई सुरक्षा नहीं रखी गई थी,करीब तीन महिने से मेरे भाई यहां काम करता था,जिसे लगभग चार सौ रूपये रोजाना मजदूरी मिलती थी।
सला उद्दीन, मृतक मंसूर के चाचा
हो रहा था अतिक्रमण : नाले पर जो अतिक्रमण हुआ है उस पर कब्जे का आरोप भी कांग्रेस नेताओं ने लगाए है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस बिल्डिंग के आसपास हरे भरे पेड़ भी काटने की सूचना मिल रही है। जो कंपनी यहां निर्माण कर रही थी,उसकी परमिशन की भी जांच होनी चाहिए।
अशोक मारन, कांग्रेस नेता एवं ब्लॉक अध्यक्ष
सात लोग कर रहे थे काम : पानी जिस समय गिरा हम अंदर सात लोग थे, जिसमें से दो लोग नीचे गिरे। पानी के आते ही हम जाल के ऊपर थे और ये अंदर की तरफ थे, हम भागे और यहां पर करीब 25 लोग काम कर रहे थे और सब बाहर आ गए थे। सुरक्षा केलिये हेल्मेट और जूते दिए गए थे।
श्रृवण कुमार सोलंकी, मजदूर घटना स्थल पर मौजूद

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