भक्ति शर्मा, कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का हिस्सा बन चुकी हैं। #BharatKiLaxmi
भक्ति शर्मा, कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों का हिस्सा बन चुकी हैं। #BharatKiLaxmi भक्ति शर्मा, फेसबुक
मध्य प्रदेश

बेटियों के नाम वेतन करने वाली सरपंच, भक्ति शर्मा #BharatKiLaxmi

Author : प्रज्ञा

राज एक्सप्रेस। जब कोई लड़की पैदा होती है तो हमारे यहां कहा जाता है, "घर में लक्ष्मी पैदा हुई है", इस लक्ष्मी को अब देश की लक्ष्मी बनाने का समय आ गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारतवर्ष से ये निवेदन किया है कि, इस दिवाली अपने आस-पास रहने वाली असाधारण लड़कियों, जो किसी भी क्षेत्र में कुछ बेहतर कर रही हों, उनके बारे में लिखें और "#BharatKiLaxmi" के साथ ट्वीट करें।

इस पहल में भारत की मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंधु और बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी देश के प्रधानमंत्री के साथ शामिल हुई हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, "भारत की नारी शक्ति प्रतिभा और तप, दृढ़ संकल्प और समर्पण का प्रतीक है। हमारे लोकाचार ने हमेशा हमें महिला सशक्तिकरण के लिए प्रयास करना सिखाया है। इस वीडियो में पी.वी. सिंधु और दीपिका पादुकोण ने बेहतरीन तरीके से #BharatKiLaxmi का जश्न मनाने का संदेश दिया है।"

पी. वी. सिंधु ने इस बारे में वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "समाज तब बढ़ता है जब महिलाएं सशक्त होती हैं और उनकी उपलब्धियों को सम्मान दिया जाता है! मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और #BharatKiLaxmi आंदोलन का समर्थन करती हूं। यह भारत की असाधारण महिलाओं की असाधारण उपलब्धियों का उत्सव मनाता है। चलिए, इस दिवाली स्त्रीत्व का जश्न मनाते हैं।"

दीपिका पादुकोण ने भी इसे ट्वीट किया और लिखा, "आइए, इस दिवाली हम अपने देश की महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हैं, उनका जश्न मनाते हैं! #BharatKiLaxmi"

देश की इस खूबसूरत पहल में हम भी जुड़ते हैं और जानते हैं मध्यप्रदेश की उन महिलाओं के बारे में जो अपने काम और व्यक्तित्व के ज़रिए समाज और हम सभी को प्रेरित कर रही हैं।

अब मध्यप्रदेश में महिलाओं की बात हो तो एक नाम सबसे पहले दिमाग में घूम जाता है। सही सोच रहे हैं आप, सीरीज़ की इस कड़ी में हम बात करेंगे भोपाल जिले की बरखेड़ी अब्दुल्ला ग्रामसभा की सरपंच भक्ति शर्मा के बारे में।

भक्ति शर्मा, जैसा कि अधिकतर लोग जानते ही हैं, अमेरिका के टेक्सास शहर में नौकरी छोड़ वापस अपने गांव आईं और ग्रामप्रधान बनकर उन्होंने उसका नक्शा ही बदल दिया। बरखेड़ी अब्दुल्ला की सरपंच होने के नाते उन्होंने सरकारी नीतियों को वहां सही रूप में लागू करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

भक्ति शर्मा को देश-विदेश में कई सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है।

#BharatKiLaxmi की लक्ष्मी के बारे में वो कहती हैं कि, 'हमारे घर की महिलाएं, चाहे वो गृहिणी हों, नौकरी कर रही हैं या व्यापार कर रही हैं, अपने आप में वो एक लक्ष्मी का रूप हैं। हमें हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए।'

"दिवाली से पहले प्रधानमंत्री जी ने इस पहल की शुरूआती की है तो कहीं न कहीं वो हर घर तक और समाज के हर व्यक्ति तक ये संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि जब हमारे घर की महिलाएं, बेटियां सशक्त होंगी तभी हमारा देश सशक्त हो पाएगा। मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत दृढ़ संदेश दिया है कि हमें खुशियों को बाहर न ढूंढ कर अपने घर में ही ढूंढना चाहिए और लक्ष्मी जी का उस ही घर में वास होगा जहां खुद के घर की लक्ष्मी का सम्मान होगा, उन्हें उचित सम्मान मिलेगा।"
भक्ति शर्मा, सरपंच, बरखेड़ी अब्दुल्ला, भोपाल

लड़कियों को भक्ति यह संदेश देती हैं कि, जब हमारे प्रधानमंत्री इतनी बड़ी सोच रख रहे हैं, देश की हर लड़की जो कुछ न कुछ अच्छा कर रही है उसे वो भारत की लक्ष्मी बना रहे हैं तो हम लोगों को इस उम्मीद के साथ साकारात्मक कदम उठाने चाहिए। हमको अपने घर की, समाज की, इस देश की लक्ष्मी बनना है।

'हर बेटी को इस भावना के साथ कोई भी काम करना चाहिए कि मैं अपने परिवार की लक्ष्मी हूं, अपने समाज और देश की लक्ष्मी हूं। मैं जो कुछ कर रही हूं, मुझसे भी अगली पीढ़ी उस पर चलेगी तो जो कुछ मैं कर रही हूं वो ऐसा हो कि लोगों को उससे प्रेरणा मिले,'- वे आगे कहती हैं।

भक्ति किसे मानती हैं "भारत की लक्ष्मी"?

भक्ति अपनी मां और सिंधु ताई को प्रेरणादायी मानती हैं। वो बताती हैं कि, 'लोग आज मुझे एक प्रेरणा के रूप में देखते हैं ये सारी प्रेरणा मुझे मेरी माता जी से मिली है।'

उनकी मां गृहिणी हैं पर वो केवल घर तक सीमित नहीं हैं। वो भक्ति की हर काम में मदद करती हैं। भक्ति के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। वो बताती हैं कि वे माता जी की बहुत इज़्ज़त करते थे। उनके पिता हमेशा कहते थे कि, उस लक्ष्मी की पूजा करने से पहले जो मेरी लक्ष्मी है, मेरी अर्द्धांगिनी है, जो मेरे बड़ों का ख्याल रखती है, मेरे पूरे परिवार को जोड़ कर रखती है, उनका सम्मान होना चाहिए।

"मैं जब भी दुखी होती हूं और होती ही हूं क्योंकि जिस क्षेत्र में मैं हूं, यहां हर दिन कुछ न कुछ घटना घटती रहती है, वो सारा का सारा मैं अपनी मां से बांटती हूं। वो उसमें से भी कुछ न कुछ सकारात्मक निकाल कर मुझे देती हैं।"
भक्ति शर्मा, सरपंच, बरखेड़ी अब्दुल्ला, भोपाल

भक्ति की मुलाकात हाल ही में सिंधु ताई से हुई। वही जिनका वीडियो आप ऊपर देख चुके हैं। वो बताती हैं कि, 'उनसे मिलकर मुझे एहसास हुआ कि एक महिला अपने आप को ऊपर उठाने के लिए, अपने बच्चों के लिए किसी भी सकारात्मक हद तक जा सकती है। उन्हें ताई से ज़्यादा माई सुनना पसन्द है। वो बच्चे खुशकिस्मत हैं कि उनके पास सिंधु माई हैं और मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे पास मेरी माईं है। मेरी दुनिया उन्हीं से शुरू होती है।'

भक्ति शर्मा भारत की 100 प्रभावशाली महिलाओं में शामिल हैं। उन्होंने राजधानी भोपाल के नूतन महाविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम. ए. किया है। जिसके बाद वे अमेरिका में नौकरी कर रही थीं। साल 2015-16 में वे घर लौट आईं।

गांव वालों के प्रति कुछ करने की इच्छा ने उन्हें सरपंच बनने के लिए प्रेरित किया और आज उनके गांव में हर एक सुविधा है। अपने गांव से वे सभी कुरीतियों को हटाने के लिए काम कर रही हैं। नारी सशक्तिकरण, जाति व्यवस्था, भ्रष्ट सरकारी तंत्र आदि मुद्दों पर उन्होंने काफी काम किया है।

टेडएक्स टॉल्क्स के एक भाषण में वो अपने कार्यकाल में हुए कामों के बारे में बताती हैं-

  1. गांव में सभी लोगों के राशनकार्ड बनवाए गए।

  2. बैंक में सबके खाते खुलवाए गए, सबके पास एटीएम की सुविधा है।

  3. बरखेड़ी अब्दुल्ला खुले में शौच मुक्त होने वाले मध्यप्रदेश के शुरूआती पांच गांवों में से एक है।

  4. गांव में सभी किसानों के पास 'सॉइल हेल्थ कार्ड्स (मृदा स्वास्थ्य कार्ड)' हैं।

  5. भक्ति शर्मा के सरपंच बनने के बाद गांव में 9 से 12 इंच मोटी सड़कें बनवाई गईं।

  6. पंचायत में आदर्श आंगनवाड़ी है, जहां बच्चे चित्रों के माध्यम से पढ़ाई करते हैं।

  7. गांव में सौर्य ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट्स हैं।

  8. सामाजिक आवास योजना के तहत 90 से ज़्यादा लोगों के पक्के मकान हैं।

  9. गांव में एक सामुदायिक भवन है।

सरपंच बनते ही सबसे पहला काम भक्ति ने जो किया वो ये कि,

"गांव में बेटी का जन्म होने पर 10 पौधे लगाए जाएं। साथ ही 'सरपंच मानदेय' के रूप में उन्होंने अपने दो महीनों की तनख्वाह उन मां को देने का फैसला लिया, ताकि मां और बेटी दोनों की देखभाल अच्छे से हो।"

गांव कनेक्शन को दिए एक साक्षात्कार में वे बताती हैं कि, इस पंचायत की खासियत है कि यहां की बेटी ही यहां की सरपंच है।

"अंग्रेजी में एक कहावत है अगर आप एक पुरुष को पढ़ाते हैं तो आप एक व्यक्ति को पढ़ाते हैं। अगर आप एक लड़की को पढ़ाते हैं तो पूरे परिवार को पढ़ाते हैं, मैं कहती हूं कि, अगर गांव का सरपंच पढ़ा-लिखा है तो वो पूरे गांव को जागरूक कर सकता है।"
भक्ति शर्मा, सरपंच, बरखेड़ी अब्दुल्ला, भोपाल

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