19 मिनट की बारिश में जलमग्न हुआ शहर
19 मिनट की बारिश में जलमग्न हुआ शहर Raj Express
मध्य प्रदेश

Shahdol : 19 साल की सरकार नहीं थाम सकी, 19 मिनट की बारिश

राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • संभाग का सबसे व्यस्त चौराहा तीसरे दिन भी पानी में डूबा रहा।

  • गांधी चौराहे सहित अन्य प्रमुख मार्ग व वार्ड हुए जल मग्न।

लगातार तीसरे दिन भी बारिश में गांधी चौक को जलमग्न होने से रोकने की कवायद चल रही, मुख्यालय की परिषद में भाजपा के कब्जे का 19 वां साल चल रहा है, विकास इतना पागल हो चुका है कि इसका अंदाजा गांधी चौक पर पानी में तैरते स्टापर और डुबकियां लगाते दो पहिया वाहनों को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है।

शहडोल, मध्यप्रदेश। करोड़ों का बजट और सत्ता का दूसरा दशक पूरा होने जा रहा है, बावजूद इसके नगर की सरकार मुख्यालय के दीगर वार्डाे और चौराहों की बात तो दूर, संभाग के प्रमुख चौराहे को भी जलमग्न होने से नहीं बचा सके। संभागीय मुख्यालय में बीते 3 दिनों से आने वाले हर आगंतुक और सोशल मीडिया के फेसबुक से लेकर वॉटसएप तक के प्लेटफार्म प्रतिक्रियाओं से भरे पड़े हैं, शर्म इस बात की है कि बुधवार की दोपहर हुई बारिश में जब स्टापर सड़क पर तैरते नजर आये और दुकानों में पानी घुसने लगा। बावजूद इसके गुरूवार और शुक्रवार की दोपहर को हुई बारिश के दौरान वही दृश्य नजर आया। नपा ने परिस्थितियां सामने आने के बाद भी कोई ठोस पहल या कार्य योजना शायद नहीं बनाई।

भाजपा का चौथा कार्यकाल :

मुख्यालय की नगर पालिका में भारतीय जनता पार्टी का चौथा कार्यकाल लगातार पूर्णता की ओर है, वर्तमान में श्रीमती उर्मिला कटारे, इससे पूर्व प्रकाश जगवानी, सत्यभामा गुप्ता और इससे पूर्व महेन्द्र सराफ को भाजपा की टिकट पर विजय मिली थी, 20 साल के इस कार्यकाल में शहडोल नपा ने कई अरब रूपये नगर विकास के नाम पर खर्च कर दिये, लेकिन संभागीय मुख्यालय की पहचान गांधी चौराहे को जलमग्न होने से बचाने के लिए या तो कोई कार्य योजना नहीं बनी या फिर बनाई गई योजनाएं फ्लॉप हो गईं।

फेल रही पूरी इंजीनियरिंग :

करीब डेढ़ दशक पहले गांधी चौराहे के चौड़ीकरण और उसके बाद में सड़कों व डिवाइडर का निर्माण किया गया, नपा में बैठे जनप्रतिनिधियों और यांत्रकीय विभाग देख रहे नौकरशाहों ने जो मैप गांधी चौराहे को लेकर बनाया था, वह पूरी तरह फेल नजर आ रहा है, हालांकि इसके बाद और वर्तमान में अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे जिम्मेदारों को भी पुरानी गलतियों को सुधारने का मौका मिला, लेकिन सब अपने आर्थिक लाभ के फेर में ही पड़े रहे। नालियों के आवश्यकता के अनुरूप चौड़ी और गहरी न होने के कारण पानी की निकासी की स्थिति नगण्य ही है।

तो यह है विकास के मॉडल रोड :

बीते कार्यकाल के दौरान ही शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय निकाय क्षेत्रों के सौदर्यीकरण व विकास के लिए मॉडल सड़क की योजना लागू की थी, इसी योजना से मुख्यालय की विभिन्न सड़कों को मॉडल रूप देते हुए डिवाइडर लगाये गये, देखा जाये तो अकेले गांधी चौक ही नहीं बल्कि इन्द्रिरा चौक से बुढ़ार जाने वाले और पॉलीटेक्निक कॉलेज वाली मॉडल सड़क भी हर बारिश में मॉडल सड़क नहीं बल्कि मॉडल दरिया का रूप ले लेती है।

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