श्रम विरोधी नीतियों के चलते लामबंद हुए कर्मचारी
श्रम विरोधी नीतियों के चलते लामबंद हुए कर्मचारी Santosh Tandon
मध्य प्रदेश

शहडोल : श्रम विरोधी नीतियों के चलते लामबंद हुए कर्मचारी

Author : Santosh Tandon

शहडोल, मध्य प्रदेश। आज देश भर में 25 करोड़ कामगारों की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल और अखिल भारतीय बैंक हड़ताल का आयोजन किया गया है, इसमें देश भर के 21 हजार ब्रांचों पर इसका प्रभाव पड़ने का आंकलन किया गया है। वही इस प्रक्रिया से 75 प्रतिशत श्रमिको को श्रम कानून के दायरे से बाहर कर दिया गया है, वहीं नए कानूनों में इन श्रमिकों को किसी तरह का संरक्षण नहीं मिलेगा इसके विरोध में इस राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आयोजन किया गया है।

ये मुद्दे और मांग :

सुबह से ही शहर के सेंट्रल बैंक के सामने बैनर पोस्टर लगा कर आल इंडिया बैंक एम्पलॉईज एसोसिएशन मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा अपनी मांग व मुद्दों को लेकर केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा आयोजित कामगारों के राष्ट्रीय सम्मेलन की 7 समान मांगों के समर्थन में यह आयोजन किया गया है। संगठन यह मांग करता है बैंकों के निजीकरण की कार्यवाही को रोकने, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करें, लोन डिफाल्टर पर कड़ी कार्रवाई, विशाल कारपोरेट एनपीए की वसूली करें, बैंक जमा राशि पर ब्याज दर में वृद्धि दर में वृद्धि करें, नियमित बैंकिंग कार्यों की आउटसोर्सिंग रोकें, बैंकों में समुचित नई भर्ती की जाए, बैंक कर्मचारियों की नई पेंशन योजना रद्द की जाए, सहकारी बैंकों समेत सभी बैंकों में डीए से सम्बद्ध पेंशन लागू हो, सहकारी बैंकों और आरआरबी को में पुनर्जीवित और मजबूत करने की मांग की गई है।

मांगो को लेकर मुखर हुए एआईबीईए के सदस्य :

शहडोल रीजन के एआईबीईए यूनियन के नेता नईम खान की अगुवाई में यूनियन के सदस्यों के साथ हड़ताल में कई सदस्य शामिल रहे जिसमें नितेश अग्रवाल, नितिन दास, राहुल पिल्ले, अनिल वर्मा, अनिल गर्ग रम्मू सोंधिया, सहित अन्य यूनियन के सदस्य शामिल रहे। वही श्रम विरोधी व किसान विरोधी बिल के समर्थन में है। वही राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ किया गया है। भारती मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की घोषणा की थी।

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