शिवपुरी जिले में बारिश की भरमार
शिवपुरी जिले में बारिश की भरमार Mukesh Chodhary
मध्य प्रदेश

शिवपुरी जिले में बारिश की भरमार, इस वर्ष का कोटा हुआ पूरा

Author : Mukesh Choudhary

राज एक्‍सप्रेस। मध्यप्रदेश का शिवपुरी जिला जहां माधवराष्ट्रीय उद्यान वन सम्पदा होने के साथ-साथ यह क्षेत्र पर्यटक स्थलों से ओत-प्रोत होकर ग्रामीण कृषि प्रधान आंचलिक क्षेत्र के नाम से पहचाना जाता है। जिले के सभी अनुभागों में निवासरत ग्रामीण लगभग कृषि पर ही आधारित है। प्रतिवर्ष होने वाली बारिश पर निर्भर यहां की खेती ही क्षेत्र के किसान की रोजी-रोटी व आय का जरिया है। बारिश के शुरूआती दौर में जब सभी जगह बारिश का दौर चल रहा था, जगह-जगह बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी, पहले क्षेत्र में सूखा जैसे हालात निर्मित थे। उस समय भयानक गर्मी व उमस भरे मौसम से यहां का नागरिक जूझ रहा था, परन्तु समय रहते धीरे-धीरे मौसम खुशनुमा हुआ और यहां भी बारिश ने अपना प्रभाव दिखाते हुए प्रतिवर्ष होने वाले बारिश के कोटे को पूरा किया।

अब तक 60-70 प्रतिशत अधिक बारिश :

आज हालात यह हैं कि, आस-पास के क्षेत्र व शिवपुरी जिले के लगभग सभी अनुभागों में लगभग बारिश का कोटा पूर्ण हो चुका है। प्रतिवर्ष की तुलना में 60 से 70 प्रतिशत अधिक बारिश अब तक हो चुकी है। वर्तमान हालातों के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी बारिश का दौर थमने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। अब तक तो शिवपुरी जिले का निवासरत किसान जो बारिश के आने का इंतजार कर रहा था वह अब बारिश के थमने का इंतजार करने लगा है। क्योंकि अति हर चीज की बुरी होती है। अति बारिश होने से अब जिले के ग्रामीण इलाकों में किसान के खेतों में खड़ी फसल को सूरज की रोशनी की आवश्यकता महसूस होने लगी है। जिन-जिन क्षेत्रों में अधिक बारिश हुई है वहां खेतों में खड़ी फसलों के लिये नुकसान की संभावना बन चुकी है।

अब खेती पर आफत बनकर बरस रही है बारिश :

शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल के किसान आज से एक माह पूर्व बारिश के बरसने को लेकर त्राहि-त्राहि कर रहा था। वहीं किसान अब पानी के थमने का इंतजार करता हुआ ऊपर वाले से फरियाद कर रहा है। किसान की माने तो अब खेती पर आफत बनकर बरस रही है बारिश। आकाश की ओर निहारने पर काली घटाओं केा देखकर किसान का दिल दहल उठता है, जब वह अपने खेतों खड़ी उसकी मेहनत की फसल को बर्वाद होते देखता है। अब तो किसानों को बस इंतजार है कि बारिश थमे और सूर्यदेवता की रोशनी उसकी फसल को मिल सके।

अब खेती पर आफत बनकर बरस रही है बारिश

बारिस के कारण ग्रामीण इलाकों में भरा पानी :

जहां एक ओर बारिश थमने का नाम नहीं ले रही, बारिश शिवपुरी जिले के ग्रामीण किसान की फसल को चौपट करने पर आमादा है। वहीं बारिश का बहाव ग्रामीण इलाकों में घुस चला है। जिससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मडीखेंडा बांध के आठ गेट खुलने से लगातार हो रहे तेज बहाव के कारण निचले इलाके में बसे ग्रामों के ऐसे हालात बने हुये हैं कि उनका जीना दुश्वार हो गया है। न तो वे अपनी फसलों को बचा पा रहे हैं और न ही घरों को। कच्चे पाटोर से बने कई मकान तो बारिश के कारण जमींदोज हो चुके हैं। तो कई मकान गिरने की स्थिति में आ चुके हैं। कुल मिलाकर बारिश की आफत से ग्रामीणों का बद से बदत्तर हाल बना हुआ है।

जिलें के पर्यटक स्थलों पर आया निखार, जोश में बह रहे है झरने :

पर्यटन की नगरी कही जाने वाली शिवपुरी जिले के लगभग सभी पर्यटक स्थलों पर बहने वाले झरने इन दिनों पूरे जोश के साथ बहते देखे जा रहे हैं। वहीं जाधव सागर तालाब भी लबालब होकर झांसी रोड पर बने पुल से निकला झरना भी तेज गति से बह रहा है। शिवपुरी का भूरा खो जल प्रपात देखें अथवा भदैंयाकुण्ड जल प्रपात दोनों ही तेज बारिश के कारण अपनी तेज धार के साथ बहते हुये झरने के रूप आकर्षण का केन्द्र बने हुये हैं। इसलिये इन दिनों इन स्थलों पर सैलानियों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है।

जिलें के पर्यटक स्थलों पर आया निखार

ऐसे हालात में बारिश का लुत्फ उठाने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। रविवार के दिन इन स्थानों पर अत्याधिक भीड़ देखी गई। वहीं बारिश के कारण शिवपुरी जिले के पवा जल प्रपात पर भी सैलानियों का आवागमन बना रहा। जिले के अनुविभागों के पर्यटक स्थलों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई। पिछोर के ग्राम पंचायत ढला व मुहार के बीच की पहाड़ी पर बने धार्मिक स्थल टपकेश्वर महादेव पर काफी ऊंचाई से गिरते जल प्रपात को देखने भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

सिंध नदी उफान पर, मडीखेडा डेम के आठों गेट खुले :

शिवपुरी जिले के समीप बनाये गये मडीखेडा अटल सागर बांध जो सिंध नदी के भराव पर बनाया गया है। सिंध नदी अशोक नगर, विदिशा क्षेत्र से शिवपुरी की ओर आती है। चूँकि गुना, अशोकनगर , विदिशा क्षेत्र में शिवपुरी की अपेक्षा अधिक बारिश होने से सिंध नदी इन दिनों उफान पर है। गुना व शिवपुरी के मध्य पचावली पुल सिंध नदी के प्रकोप के कारण कई बार पूरा डूब चुका है। कई दिनों तक पुल के उपर से पानी बहता रहा। वर्तमान में हालात भी यही है। अभी भी पचावली पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। पुल पूरा डूबा हुआ है। शिवपुरी अशोकनगर मार्ग पूरी तरह से अवरूद्ध है। सिंध के इस तेज उफान के कारण मडीखेडा डेम के हालात भी भयावह हो चुके हैं।

सिंध नदी उफान पर, मडीखेडा डेम के आठों गेट खुले

गत 22 सितम्बर रविवार की सुबह से मडीखेडा के आठों गेट खोलकर रखते हुये लगभग 2 से ढाई हजार क्यूविक मीटर पानी छोड़ा जा चुका है। जिससे डेम के निचले इलाके में बने ग्रामीण अंचल की स्थिति गंभीर होती जा रही है। ग्रामीण अंचल के किसानों की फसलें चौपट हो चुकी हैं। ऐसे में किसान अब बारिश के थमने का इंतजार करने लगा है। ताकि पानी के प्रकोप से किसानों की फसलों को बचाया जा सके। सिंध के ऊपरी हिस्से में लगभग 01 सितम्बर से बारिश का दौर जारी है। जिसके चलते कई बार पचावली पुल डूब चुका है। वहीं 16 सितम्बर से अब तक कई बार मडीखेडा डेम के 2 से लेकर 8 गेट तक कई कई बार खोले जा चुके हैं।

ओवरफ्लो हुआ बामोर का तालाब, खेतों में घुसा पानी :

शिवपुरी जिले में जबरदस्त बारिश के चलते जिले के चंदेरी मार्ग पर अन्तिम छोर पर बसे बमोरकलां में भी बारिश ने तबाही बरपाना प्रारम्भ कर दिया है। यूँ तो पूरे प्रदेश में ही बारिश ने समस्या बढ़ाई है पर शिवपुरी जिले के अंतिम छोर पर बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही। यहां लोग सूर्य देवता के दर्शन को तरस गए हैं। ये वृष्टि किसानों के लिए आफत बनकर बरस रही है। इस वर्ष खेतों में अच्छी फसल लहलहाते देख किसानों के घर में खुशी की लहर बनी थी। लेकिन इस ना रुकने वाली बारिश ने सारी खुशी को मायूसी में बदलते हुये फसल चौपट करदी है और देश के अन्नदाता को सिवाय परेशानी के कुछ भी नहीं मिला। बामोरकलां कस्बे का तालाब भारी वर्षा से लबालब हो गया है और अब यह तालाब किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का काम कर रहा है। तालाब का सारा जल खेतों की ओर बढ़ चला है इससे फसल भारी मात्रा में प्रभावित हो रही है।

जिले में 839.98 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज :

शिवपुरी जिले में 01 जून 2019 से अभीतक 839.98 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। जबकि गत वर्ष 23 सितम्बर 2018 तक 1000.98 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई थी। भू-अभिलेख शिवपुरी के अधीक्षक राकेश कुमार ढोडी ने बताया कि जिले की औसत वर्षा 816.3 मि.मी. है। गत वर्ष जिले में कुल 1047.3 मि.मी. वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। उन्होंने बताया कि आज शिवपुरी में 03 मि.मी., कोलारस में 06 मि.मी., करैरा में 11 मि.मी., नरवर में 04 मि.मी., पिछोर में 12 मि.मी., खनियांधाना में 02 मि.मी., बदरवास में 09 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है।

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