अशोक शर्मा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा
अशोक शर्मा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा Social Media
मध्य प्रदेश

ग्वालियर : कांग्रेस को झटका, अशोक शर्मा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • मंत्री प्रद्युम्न के साथ पहुंचे भोपाल पहुंचकर की भाजपा की सदस्यता ग्रहण

  • मांझी समाज के प्रदेश अध्यक्ष केशव मांझी एवं बंसत शर्मा भी भाजपा में शामिल

  • उपचुनाव में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। उपनगर ग्वालियर विधानसभा में होने जा रहे उप चुनाव में बुधवार को कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा। कभी कांग्रेस से प्रत्याशी पद के प्रबल उम्मीदवार रहे वरिष्ठ नेता अशोक शर्मा भोपाल पहुंचकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। उनके साथ मांझी समाज के प्रदेशाध्यक्ष केशव मांझी एवं कांग्रेस के प्रदेश सचिव रहे बंसत शर्मा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

प्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर उठापटक कई दिनों से चल रही है। कांग्रेस ने ग्वालियर की दो विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। जिसमें पूर्व विधानसभा से सतीश सिकरवार एवं ग्वालियर विधानसभा से सुनील शर्मा शामिल हैं। ग्वालियर विधानसभा से एक और कांग्रेसी नेता अशोक शर्मा टिकिट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया। इससे नाराज अशोक शर्मा ने कांग्रेस के सभी पदों एवं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने बुधवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं भाजपा नेता वेदप्रकाश शर्मा के साथ भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य सभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ पूर्व पार्षद केशव मांझी एवं कांग्रेसी नेता बंसत शर्मा भी उपस्थित रहे। मतदान की तारीखों का ऐलान होने के बाद ऐन वक्त पर कांग्रेस के बड़े नेता का इस तरह दामन छोड़ना बहुत घातक सिद्ध होगा। इस कदम ने कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से हुई चर्चा :

सूत्रों की माने तो अशोक शर्मा के कांग्रेस छोड़ने की चर्चा सुनील शर्मा का टिकट फाईनल होने के बाद से ही चल रही थी। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं भाजपा नेता वेदप्रकाश शर्मा लगातार उनके सपंर्क में थे। इस बात की जानकारी भोपाल भी पहुंच गई थी और मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा अशोक शर्मा को मनाने के प्रयास किए गए, लेकिन 15 माह रही कांग्रेस की सरकार में की गई अनदेखी की पूरी भड़ास अशोक शर्मा ने निकाल दी। उन्होंने कहा कि मैं जब जिलाध्यक्ष था तब ग्वालियर की सातों विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी। मैंने पार्टी के कई जिम्मेदारी वाले पदों पर अपना दायित्व निभाया, लेकिन इसका कोई मान नहीं रखा गया। यही वजह है कि मुझे पार्टी छोड़नी पड़ रही है।

ब्राहम्ण समाज में है गहरी पैठ :

छात्र राजनीति से कांग्रेस से जुड़े रहे अशोक शर्मा को कद्दावर नेता माना जाता है। वह स्व. माधवराव सिंधिया के विस्वासपात्र थे और कांग्रेस में रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। ब्राहम्ण समाज में भी उनकी गहरी पैठ है। भाजपा का दामन थामने के बाद ग्वालियर विधानसभा में ब्राहम्ण वोटों को वह प्रभावित करेंगे। साथ ही ऐसे कई पुराने कांग्रेसी नेता जिन्हें पार्टी ने दरकिनार कर दिया है वह भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

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