अमिलिया घाटी में नहीं थम रहे सड़क हादसे
अमिलिया घाटी में नहीं थम रहे सड़क हादसे Akhilesh Dwivedi
मध्य प्रदेश

सिंगरौली : अमिलिया घाटी में नहीं थम रहे सड़क हादसे

Author : Akhilesh Dwivedi

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। जिला मुख्यालय बैढऩ से 40 किमी दूर स्थित अमिलिया घाटी की सर्पाकार सड़क सीधी चढ़ाई व ढाल पर आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। इस घाटी में भारी वाहन भी जान जोखिम में डालकर चल रहे हैं। इस घाटी सर्पाकार चढ़ाई को समाप्त कर सीधे डायवर्टेड मार्ग तैयार करने कई कलेक्टरों ने एमपीआरडीसी को निर्देश  दिया है। लेकिन अभी तक इस घाटी के डायवर्टेड मार्ग की काई प्रगति जमीन पर आती नहीं दिखाई दे रही हैं।

सिंगरौली, सरई, सीधी मार्ग में अमिलिया पहाड़ पर सर्पाकार सड़कों पर भारी वाहनों व यात्री बसों का चढ़न बेहद खतरनाक स्थिति में हैं। उक्त मार्ग पर आये दिन भारी वाहन व यात्री बसें दुर्घटना ग्रस्त होती रहती हैं। जिससे जहां एक ओर भारी आर्थिक नुकसान होता है तो वहीं जानमाल की भी अपूर्णनीय क्षति होती है। कई मर्तबा तो यात्री बसें यात्रियों से खचाखच भरी होने से अनियंत्रित होकर सैकड़ों फिट गहरी खाई में समा जाती हैं। जिसमें लोगों की जान भी चली जाती है। साथ ही कई के अंग भी भंग हो जाते हैं। जिसमें शासन-प्रशासन के लोग लोगों को महज सात्वंना देने के अलावा कुछ करने से भी कतराते हैं। बताया जाता है कि उक्त घाटी पर दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने स्थानीय  लोगों द्वारा शासन-प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया लेकिन जिम्मेदार लोग भी एक-दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी डालकर पुराने हादसों की तरह भुला देते हैं। प्रशासन के नजर अंदाज से अभी भी अमिलिया घाटी पर रोजाना कई भारी व छोटे मोटे वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं लेकिन इन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये शासन-प्रशासन स्तर से कोई ठोस प्रयास नहीं किये जा रहे हैं जिससे होने वाले दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके।

माननीय कर रहे नजरअंदाज :

अमिलिया घाटी की सर्पाकार चढ़ाई पर आये दिन हो रही दुर्घअनाओं पर जिले के माननीयों की नजर नहीं पड़ती है या जानबूझकर इसे नजरअदांज किया जा रहा है। बताया जाता है कि अमिलिया घाटी की समस्या कई दशकों पुरानी है। विगत साढ़े छ: साल से सीधी सांसद रीति पाठक का भी इस मार्ग से आवागमन होता है लेकिन उनका भी इस घाटी की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं जाता है। साथ ही देवसर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुभाष वर्मा भी अपने विधानसभा की इस नासूर समस्या के लिये आगे आ रहे हैं। बताया जाता है कि देवसर विधायक भी  इसी मार्ग से सरई,सीधी व जबलपुर, भोपाल की अधिकांश यात्राएं करते हैं लेकिन इस घाटी की समस्या को नजरअंदाज करते रहे हैं।

सड़क सुरक्षा समिति पर भी उठे सवाल :

बताया जाता है कि अमिलिया घाटी में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी डायवर्टेड मार्ग का मुद्दा नहीं उठाया गया। महज दुर्घटना से संबंधित स्लोगन व बोर्ड लगाने की बात की गई। जबकि अमिलिया घाटी मेें सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। फिर भी माननीय व महोदय के भंवरजाल में मामला फंसकर ठंडे बस्ते में चला जाता है।

बजट की नहीं सोच की कमी :

जिले में प्रतिवर्ष लगभग 400 करोड़ रुपये का डीएमएफ मद की राशि बतौर बजट के रुप में एकत्रित होता है। लेकिन शासन-प्रशासन के लोगों की निष्क्रियता से अमिलिया घाटी पर डायवर्टेड मार्ग बनाने की दिशा में सार्थक पहल की कमी देखी जा रही है।

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