राज एक्सप्रेस। सिंधिया के किसान ऋण माफ़ी के तीखे बयानों के बाद प्रदेश सरकार के मंत्री गोविन्द सिंह द्वारा कर्ज माफ़ी को लेकर दिये बयान से सियासी हलचल होने लगी है। विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक बीजेपी किसान कर्ज माफ़ी को लेकर सवाल उठाती आयी है और अब कमलनाथ सरकार की अपनी ही पार्टी के नेताओं की तीखी बोली प्रदेश में सियासी हलचल पैदा कर रही है।
दरअसल, सोमवार को कमलनाथ सरकार के सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने माना प्रदेश में कर्ज माफ़ी में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार जिस दिन सत्ता में आई ठीक उसी दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्ज माफी के आदेश पर दस्तखत कर दिए थे, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की कर्ज माफ़ी में देरी हुई है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कर्ज माफ़ी को लेकर बयान दिया था।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने दिसंबर 2018 के चुनाव में जो कामयाबी हासिल की थी, उसमें किसानों की कर्ज माफी के चुनावी वादे ने अहम भूमिका अदा की थी। पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया था कि किसानों के 2 लाख रुपए तक के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे। कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी सत्ता में आने के बाद 10 दिन के भीतर कर्ज माफ़ी का काम करेगी। इसमें भी कोई शक नहीं कि कमलनाथ जिस दिन मुख्यमंत्री बने, ठीक उसी दिन उन्होंने कर्ज माफी के आदेश पर दस्तखत कर दिए थे। लेकिन उन्हीं की सरकार के मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि कर्जमाफी में देरी हुई है।
आपको बता दें कि, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भिंड में एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार पर फिर से सवाल खड़े किये थे। सिंधिया ने किसान ऋण माफ़ी के सम्बन्ध में सवाल खड़े किये हैं। सिंधिया ने कहा था कि किसानों का कर्ज माफ़ पूर्ण होना चाहिए जो की अब तक नहीं हुआ है। केवल 50 हजार तक का कर्ज माफ़ हुआ है। जब कि विधानसभा चुनाव के समय वचन पत्र में 2 लाख तक का कर्ज माफ़ कहा गया था।
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