सिंधिया के समर्थकों का बयान-दबाव में नहीं स्वेच्छा से दिया इस्तीफा
सिंधिया के समर्थकों का बयान-दबाव में नहीं स्वेच्छा से दिया इस्तीफा Sudha Choubey - RE
मध्य प्रदेश

सिंधिया के समर्थकों का बयान-दबाव में नहीं स्वेच्छा से दिया इस्तीफा

Author : Sudha Choubey

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद अब तक कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्राथमिक सदस्यता दिलाई। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के करीब 17 विधायक भाजपा शासित राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पहुंच गए हैं। इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों का बयान सामने आया है।

ये विधायक पहुंचे बेंगलुरु :

ये सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि, तुलसी राम सिलावट (मंत्री), गोविन्द सिंह राजपूत (मंत्री), प्रद्युम्न सिंह तोमर (मंत्री), इमरती देवी (मंत्री), प्रभुराम चौधरी (मंत्री) और महेन्द्र सिंह सिसोदिया (मंत्री) बेंगलुरु में हैं।

इमरती देवी का कहना

इमरती देवी का कहना :

मध्य प्रदेश की विधायक इमरती देवी का कहना है कि, हम 22 लोग बेंगलुरु में हैं और अपनी मर्जी से हैं। श्रीमान ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के आशीर्वाद से हैं, महाराज जी ने अच्छा निर्णय लिया है कि, हमें भी कहीं अच्छी जगह ले जा रहे हैं। मुझे कुएं में गिरना होगा, तो कुएं में भी गिर लूंगी, लेकिन महारज जी के साथ रहूंगी। जहां महारज जी रहेंगे, वही इमरती देवी भी रहेगी जितने भी 22 विधायक हैं। सभी अपनी मर्जी और हंसी-खुशी से हैं और अपनी इच्छा से हैं।

तुलसी सिलावट ने कहा

तुलसी राम सिलावट ने कहा :

विधायक तुलसी सिलावट का कहना है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने जो निर्णय लिया है, वो किसी भी पार्टी में चाहे बीजेपी जाएंगे, तो ये 22 के 22 विधायक एक साथ हैं और सब स्वेच्छा से आए हैं। कोई किसी के दबाव नहीं है, सिंधिया जी के निर्णय में पूरे 22 विधायक उनके साथ थे, हैं और हमेशा रहेंगे।

प्रद्युम्न सिंह तोमर

प्रद्युम्न सिंह तोमर :

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि, हम सिंधिया जी के साथ हैं, मैंने सही निर्णय लिया, ना तो किसी पद के लिए और किसी अन्य स्वार्थ के लिए हमने अपने नैतिक दायित्व का मान किया है। हमारा कर्तव्य था कि, इस समय हमे सिंधिया जी के साथ रहना है, तो हम सिंधिया जी के साथ हैं।

महेन्द्र सिंह सिसोदिया

महेन्द्र सिंह सिसोदिया :

महेन्द्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि, गद्दारी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने नहीं की उनके साथ गद्दारी कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ जी ने की है। ये जानते हुए कि, सिंधिया जी की मेहनत ने 15 साल बाद मध्य प्रदेश में सरकार बनाई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जी जिस भी पार्टी में जाएंगे हम उनके साथ जायेंगे।

गोविन्द सिंह राजपूत

गोविन्द सिंह राजपूत :

वहीं विधायक गोविन्द सिंह राजपूत का कहना है, बहुत बड़ा भ्रम फैलाया जा रहा है कि, कांग्रेस के 22 विधायक जो बंगलुरु आए हुए हैं उनके बारे में कहा जा रहा है कि, वो भोपाल के संपर्क में हैं, ये सब गलत है, हम लोग किसी के संपर्क में नहीं है और सब स्वेच्छा के साथ यहां आए हैं और सारे विधायक यहां मन से आए हैं। सभी विधायक सिंधिया जी के साथ हैं और साथ रहेंगे।

प्रभुराम चौधरी

प्रभुराम चौधरी :

विधायक प्रभुराम चौधरी का कहना है, मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के साथ हूँ, आज भी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के साथ हूँ, कल भी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के साथ रहूंगा और हम सभी ने अपनी स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है।

बृजेंद्र यादव का कहना

बृजेंद्र यादव का कहना :

वहीं विधायक बृजेंद्र यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्णय के बारे में बात करते हुए कहा, मीडिया में जितनी भी अफवाहें फैल रही हैं, जो कांग्रेस के विधायक कह रहे हैं कि, जो 22 विधायक गए हैं, वो हमारे संपर्क में हैं, वो वापस लौट के आएंगे, ये सब गलत है। हम तो श्रीमान ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के साथ हैं 22 के 22 विधायक। हमने तो पहले भी इस्तीफा दे दिया है और हमारे नेता का जहां अपमान होगा, वहां हम अपने नेता का अपमान कतई नहीं सहेंगे। इस्तीफा देना तो छोटी सी बात है, अगर हमारे नेता के लिए हमे अपनी जान भी देनी पड़ी, तो दे देंगे। हमारा नेता जिस पार्टी में जायेगा हम उनके साथ जायेंगे।

सुरेश धाकड़

सुरेश धाकड़ :

विधायक सुरेश धाकड़ का कहना है कि, मैं महाराज साब का सेवक हूँ, था और हमेशा रहूंगा, साथियों जो लोग कह रहे हैं कि, हमने इस्तीफा किसी के दबाव में आकर दिया है, उन्हें बता दें कि, हमने किसी के दबाव में आकर इस्तीफा नहीं दिया है। हमने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है और इसलिए कि हम महाराज साब के साथ हैं, थे और रहेंगे।

पिछले एक साल से सिंधिया जी को परेशान किया जा रहा था

पिछले एक साल से सिंधिया जी को परेशान किया जा रहा था:

वहीं एक विधायक कहना है कि, पिछले एक साल में जिस तरह से मध्य प्रदेश में सिंधिया जी के नेतृत्व में युवा चेहरा लेकर सरकार बनाई थी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। पिछले एक साल से जिस तरह से सिंधिया जी को परेशान किया जा रहा था, उनकी उपेक्षा की जा रही थी, हम उससे आहत थे और इस वजह से हम अपनी स्वेच्छा से सिंधिया जी के साथ हैं और सिंधिया जी के साथ रहेंगे। जहां वो हैं वही हम रहेंगे।

सिंधिया जी के बतौलत मध्य प्रदेश में सरकार बनी

सिंधिया जी के बदौलत मध्य प्रदेश में सरकार बनी :

एक अन्य विधायक का कहना है कि, मध्य प्रदेश में सिंधिया जी के बदौलत सरकार बनी है, उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की है। हम जैसे लोगों को चुनाव में खड़ा किया और चुनाव भी जिताया। आम जनमानस मध्य प्रदेश के अंदर एक बहुत बड़ी पीड़ा थी, वो मुख्यमंत्री नहीं बनाए गए, फिर भी कोई बात नहीं है अध्यक्ष के लिए उनका नाम आया, तो अध्यक्ष भी नहीं बनाया गया। फिर उसके बाद उनका नामांकन होना था राज्यसभा के लिए, तो राज्यसभा के लिए भी उन्हें टिकिट नहीं दिया गया। इतना घोर अपमान लोकतंत्र में सहन करने योग्य नहीं है। अपने घर को छोड़कर जाने में दर्द होता है, लेकिन जिन लोगों ने मजबूर किया है, दोषी वो लोग हैं।

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