इंदौर जिले में सिंचाई के लिए किसानों को दस घंटे बिजली आपूर्ति की सुविधा
इंदौर जिले में सिंचाई के लिए किसानों को दस घंटे बिजली आपूर्ति की सुविधा सांकेतिक चित्र
मध्य प्रदेश

इंदौर जिले में सिंचाई के लिए किसानों को दस घंटे बिजली आपूर्ति की सुविधा

Author : राज एक्सप्रेस

हाइलाइट्स :

  • किसानों ने कहा शासन की सब्सिडी से काफी राहत मिली

  • जिले में 85 हजार किसानों को गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदाय

इंदौर, मध्यप्रदेश। किसी ने आलू, धनिए, गाजर, गेंहू, चने की फसल ली तो किसी ने प्याज, पालक, गन्ने, अदरक, मटर में रूचि लेकर उत्पादन किया। इंदौर जिले के लगभग 85 हजार किसानों को प्रतिदिन 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदान की गई है। इससे उन्हें सिंचाई कार्य में सुविधा मिली और रबी की फसलों का अच्छा उत्पादन संभव हो पाया है।

इंदौर जिले में किसानों के लिए प्रदान किए गए सिंचाई कनेक्शनों की संख्या 85 हजार है। इन किसानों को रबी के लिए मप्र शासन की योजना के अनुसार प्रतिदिन 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराई गई है। इससे फसलों की स्थिति अच्छी होने एवं पैदावार आशातीत होने को है। मालवा और निमाड़ मे किसानों को कुल 5 करोड़ यूनिट बिजली प्रतिदिन तक वितरित हुई है, इसमें इंदौर जिले के किसानों को प्रतिदिन 45 लाख यूनिट बिजली प्रदान की गई है। मप्रपक्षेविविकं इंदौर ग्रामीण अधीक्षण यंत्री श्री डीएन शर्मा ने बताया कि किसानों को प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर के निर्देशानुसार गुणवत्तापूर्ण बिजली दी गई। बिजली वितरण एवं सघन मानिटरिंग का दौर अभी भी जारी है। अब रबी की फसलों का कार्य अंतिम दौर में है। अधीक्षण यंत्री ने बताया कि किसानों से संबंधित बिजली वितरण केंद्र के कर्मचारी अधिकारी सतत फीडबैक भी लेते है, ताकि कोई समस्या आने पर तुरंत समाधान किया जा सके। इंदौर, सांवेर, महू, देपालपुर, बेटमा सभी क्षेत्रों में किसानों से सतत संपर्क रखकर गुणवत्तापूर्ण बिजली व्यवस्था की गई है।

इनका कहना है :

मैंने आलू लगाए थे। बिजली सब्सिडी मिली, व्यवस्था संतोषजनक रही। इसी कारण 1100 कट्टे आलू की पैदावार हुई है।
भरत शर्मा, किसान हरसोला, महू
लहसून, गेंहू, आलू की फसल लगाई थी। बिजली वितरण की व्यवस्था अ'छी रहने से सभी फसलों की गुणवत्ता ठीक रही।
भगत सिंह, किसान तकीपुरा, देपालपुर
सिंचाई के लिए शासन से सब्सिडी मिलती है, हमें छ: माह में मात्र 1750 देना होते है। सिंचाई हेतु सरकार मदद कर रही है।
कमल पिता दुलीचंद, किसान, बेटमा

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