सतना लाया गया बलिदानी कर्णवीर का पार्थिव शरीर
सतना लाया गया बलिदानी कर्णवीर का पार्थिव शरीर Social Media
मध्य प्रदेश

सतना लाया गया बलिदानी कर्णवीर का पार्थिव शरीर, अंतिम संस्‍कार में शामिल होंगे सीएम

Priyanka Yadav

सतना, मध्यप्रदेश। एमपी के एक वीर जवान कर्णवीर सिंह जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए, वो सतना जिले के दलदल गांव के थे, आज शुक्रवार सुबह आठ बजे सतना के वीर सपूत कर्णवीर सिंह राजपूत का पार्थिव देह सैन्य वाहन से जिले में प्रवेश कर गया है।

सतना लाया गया कर्णवीर का पार्थिव शरीर :

बता दें कि, प्रयाग (इलाहाबाद) में सेना द्वारा श्रद्धांजलि के बाद फूलों से सजे सेना के वाहन में बलिदानी कर्णवीर का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से सतना लाया गया है। सतना के वीर सपूत कर्णवीर सिंह के गृहग्राम दलदल (छिबौरा) में उनका पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार सुबह 11 बजे किया जाएगा। इस दौरान जबलपुर से सेना की एक विशेष टुकड़ी सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदा देने दलदल गांव पहुंच चुकी है।

कर्णवीर के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे सीएम :

मिली जानकारी के मुताबिक, बलिदानी कर्णवीर के अंतिम संस्कार में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सतना पहुंच रहे हैं, जहां सतना हवाई पट्टी में विमान से उतरने के बाद हेलीकॉप्टर द्वारा वे सीधे रामपुर बाघेलान तहसील के दलदल गांव जाएंगे।

ज्ञात हो कि, कर्णवीर के पार्थिव शरीर को श्रीनगर से हवाई मार्ग द्वरा कल शाम प्रयागराज लाया गया, जहां से सड़क मार्ग से सतना लाया गया है। गुरुवार को जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी रामपुर बाघेलान के दलदल गांव पहुंचे और उनके पैतृक निवास जाकर अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके साथ ही जिले के सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों का भी उनके ग्राम में पहुंचा जारी है।

दुश्मनों का सामना करते-करते शहीद हुए थे कर्णवीर

कश्मीर के शोपियां में सतना के वीर जवान कर्णवीर सिंह राजपूत अपना शौर्य दिखाते हुए वीर गति को प्राप्त हो गए। कर्णवीर सतना शहर के रहने वाले रिटायर्ड फौजी राजू सिंह के बेटे थे। सतना के वीर जवान कर्णवीर सिंह राजपूत की शहादत पर पूरे देश को नाज है। शहीद कर्णवीर सिंह के पिता रिटायर्ड मेजर रवि कुमार सिंह का कहना- "उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। मैं सीना चौड़ा कर के चल सकता हूं। मरना जीना तो लगा रहता है, लेकिन सेना में इज्जत -सम्मान है, इसलिए मैंने अपने बेटे को भी सेना में भेजा था"

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